पटना: दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में जेडीयू और बीजेपी के नेताओं ने अपनी पूरी ताकत लगा रखी है. पहली बार नीतीश कुमार अमित शाह के साथ चुनाव प्रचार में कूदे हैं. इस पर विपक्ष निशाना साधते हुए इसे नीतीश कुमार की मजबूरी बता रही है. लेकिन जेडीयू विधायक अशोक कुमार सिंह इसे गठबंधन के कार्यकर्ताओं के लिए बेहतर संदेश बता रहे हैं.
जेडीयू विधायक अशोक कुमार सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि विपक्ष में नेता को लेकर सवाल उठ रहे हैं. तेजस्वी यादव को कोई नेता मानने के लिए तैयार नहीं है. महागठबंधन के दल अपनी-अपनी डफली बजा रहे हैं. ऐसे में बीजेपी और जेडीयू नेताओं की एकजुटता से अच्छा मैसेज गया है और बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए 200 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करेगी. नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर से बिहार में सरकार बनेगी.
एक मंच पर शाह-नीतीश
बता दें कि इससे पहले नीतीश कुमार अमित शाह के साथ मंच शेयर करने से बचते रहे हैं. यहां तक कि 2019 में लोकसभा के चुनाव में भी अमित शाह के साथ किसी मंच पर नीतीश कुमार नहीं दिखे थे. दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार जेडीयू का बीजेपी के साथ गठबंधन हुआ है. इससे पहले अमित शाह नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं.
सीट शेयरिंग में अहम होगा शाह की भूमिका
नीतीश कुमार और अमित शाह के बीच लगातार हाल के महीनों में नजदीकियां बढ़ी है. बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा भी होना है और उसमें भी अमित शाह की भूमिका अहम होगी. लेकिन नीतीश कुमार अल्प संख्यक वोटों को लेकर अमित शाह के साथ मंच शेयर करने से बचते रहे हैं. इसको लेकर विपक्ष फिलहाल हमलावर है.