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"नीतीश कुमार को विशेष राज्य के दर्जे की नहीं, विशेष इलाज की है जरूरत"- सम्राट चौधरी

लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार एक के बाद एक मास्टर स्ट्रोक लगाने की कोशिश में है. जातिगत जनगणना और आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के बाद स्पेशल स्टेटस के मुद्दे पर कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित किया गया. भाजपा ने नीतीश कुमार के स्टैंड को वोट बैंक की सियासत करार दिया है.

सम्राट चौधरी
सम्राट चौधरी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 22, 2023, 6:45 PM IST

Updated : Nov 22, 2023, 6:54 PM IST

सम्राट चौधरी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष.

पटना: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी शुरू है. केंद्र और राज्य सरकारें चुनाव को देखते हुए कई तरह की घोषणाएं कर रही हैं. बिहार सरकार ने जातीय गणना और आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश करने के बाद सदन से आरक्षण की सीमा को बढ़ाने वाला विधेयक पास कराया. इसके बाद नीतीश सरकार ने केंद्र पर दबाव बढ़ाने के लिए फिर से विशेष राज्य के दर्ज की मांग को उठाया है. कैबिनेट से प्रस्ताव भी पारित करा लिया गया. नीतीश कुमार के प्रस्ताव पर भाजपा ने पलटवार किया है.

"30 साल तक नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव का शासन था अपने शासनकाल में उन्होंने क्या किया यह भी बताने की जरूरत है. नीतीश कुमार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं, विशेष इलाज की जरूरत है. कैबिनेट के प्रस्ताव का क्या मतलब होता है यह सबको मालूम है."- सम्राट चौधरी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष

बिहार के विकास के लिए कुछ नहीं कियाः सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार बिना किसी मुद्दों के सियासत करना चाहते हैं. बिहार के विकास के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया. सम्राट चौधरी ने कहा कि आरक्षण के मसले पर हमारा रुख साफ है. हमने समर्थन में विधानमंडल में मतदान भी किया था. और अब नौवीं अनुसूची में डालने के पक्ष में भी हम हैं. बिहार बीजेपी प्रस्ताव का समर्थन करेगी.

कैबिनेट से पारित प्रस्ताव में क्या हैः हमलोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग वर्ष 2010 से ही कर रहे हैं. इसके लिए 24 नवम्बर, 2012 को पटना के गांधी मैदान में तथा 17 मार्च 2013 को दिल्ली के रामलीला मैदान में अधिकार रैली भी की थी. हमारी मांग पर तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके लिए रघुराम राजन कमेटी भी बनाई थी. जिसकी रिपोर्ट सितम्बर, 2013 में प्रकाशित हुई थी. परन्तु उस समय भी तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके बारे में कुछ नहीं किया. मई, 2017 में भी हमलोगों ने विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा था.

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांगः कैबिनेट के प्रस्ताव में कहा गया है कि आज कैबिनेट की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने हेतु केन्द्र सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया है. मेरा अनुरोध है कि बिहार के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुये केन्द्र सरकार बिहार को शीघ्र विशेष राज्य का दर्जा दे. केंद्र से आरक्षण की सीमा 65% करने के मामले को संविधान की 9 वीं अनुसूची में शामिल करने की अनुशंसा की गयी है, जिससे इसे कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सके.

इसे भी पढ़ेंः बिहार कैबिनेट की बैठक में 40 प्रस्तावों पर मुहर, कर्मचारियों को 4% DA बढ़ाने पर सहमति

इसे भी पढ़ेंः 'पत्थर पर सिर पटक रहे हैं नीतीश कुमार', विशेष राज्य दर्जा की मांग पर जीतन राम मांझी का तंज

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सम्राट चौधरी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष.

पटना: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी शुरू है. केंद्र और राज्य सरकारें चुनाव को देखते हुए कई तरह की घोषणाएं कर रही हैं. बिहार सरकार ने जातीय गणना और आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश करने के बाद सदन से आरक्षण की सीमा को बढ़ाने वाला विधेयक पास कराया. इसके बाद नीतीश सरकार ने केंद्र पर दबाव बढ़ाने के लिए फिर से विशेष राज्य के दर्ज की मांग को उठाया है. कैबिनेट से प्रस्ताव भी पारित करा लिया गया. नीतीश कुमार के प्रस्ताव पर भाजपा ने पलटवार किया है.

"30 साल तक नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव का शासन था अपने शासनकाल में उन्होंने क्या किया यह भी बताने की जरूरत है. नीतीश कुमार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं, विशेष इलाज की जरूरत है. कैबिनेट के प्रस्ताव का क्या मतलब होता है यह सबको मालूम है."- सम्राट चौधरी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष

बिहार के विकास के लिए कुछ नहीं कियाः सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार बिना किसी मुद्दों के सियासत करना चाहते हैं. बिहार के विकास के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया. सम्राट चौधरी ने कहा कि आरक्षण के मसले पर हमारा रुख साफ है. हमने समर्थन में विधानमंडल में मतदान भी किया था. और अब नौवीं अनुसूची में डालने के पक्ष में भी हम हैं. बिहार बीजेपी प्रस्ताव का समर्थन करेगी.

कैबिनेट से पारित प्रस्ताव में क्या हैः हमलोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग वर्ष 2010 से ही कर रहे हैं. इसके लिए 24 नवम्बर, 2012 को पटना के गांधी मैदान में तथा 17 मार्च 2013 को दिल्ली के रामलीला मैदान में अधिकार रैली भी की थी. हमारी मांग पर तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके लिए रघुराम राजन कमेटी भी बनाई थी. जिसकी रिपोर्ट सितम्बर, 2013 में प्रकाशित हुई थी. परन्तु उस समय भी तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके बारे में कुछ नहीं किया. मई, 2017 में भी हमलोगों ने विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा था.

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांगः कैबिनेट के प्रस्ताव में कहा गया है कि आज कैबिनेट की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने हेतु केन्द्र सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया है. मेरा अनुरोध है कि बिहार के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुये केन्द्र सरकार बिहार को शीघ्र विशेष राज्य का दर्जा दे. केंद्र से आरक्षण की सीमा 65% करने के मामले को संविधान की 9 वीं अनुसूची में शामिल करने की अनुशंसा की गयी है, जिससे इसे कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सके.

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Last Updated : Nov 22, 2023, 6:54 PM IST
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