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'पीने के पानी से भैंस धोओगे भाई, तो ग्राउंड लेवल का WATER कहां जाएगा'

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण की भयावह स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि 1966 में सूखे की भयंकर स्थिति उत्पन्न हुई थी. उस समय तो राहत के लिए सरकारी तंत्र भी नहीं के बराबर था. लेकिन आज ऐसी स्थिति नहीं है. उन्होंने कहा कि मिथिला क्षेत्र में भू-जल स्तर इतना नीचे चला जायेगा, इसकी परिकल्पना किसी ने नहीं की थी.

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Published : Jul 1, 2019, 9:24 PM IST

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बार राज्य में भयंकर सूखा पड़ने की आशंका जताई है. नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि मौसम विभाग भले ही इस बार वर्षा को लेकर जो भी दावा कर रहा हो, लेकिन जिस तरह की स्थिति है उसे देखते हुए उन्हें यह आशंका है कि इस बार राज्य में भयंकर सूखा पड़ने वाला है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से मौसम का मिजाज बदल रहा है उसमें कोई भी दावे के साथ नहीं कर सकता है कि कब, कहां, कौन सी विपदा आएगी . यह मौसम के बदले मिजाज का ही नतीजा है कि बारिश कम हो रही है, लेकिन वज्रपात की घटनाएं ज्यादा हो रही है. उन्होंने कहा कि लोगों को पर्यावरण के प्रति सजग रहना होगा नहीं तो अलग-अलग समय में अलग-अलग घटनाएं घटेगी.

सीएम नीतीश कुमार

ये गलत बात है...
नीतीश कुमार ने कहा कि भू-जलस्तर में कमी चिंता का बड़ा कारण है. लोगों को भू-जल के दुरुपयोग से बचना होगा. आज सरकार हर घर नल का जल योजना चला रही है, ताकि लोगों को पीने का स्वच्छ जल मिल सके. लेकिन यह देखा जा रहा है कि लोग इस पेयजल का उपयोग भैंस को नहलाने और खेतों में पटवन के लिए कर रहे हैं, जो बहुत ही गलत है.

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में भी भू-जल नीचे जा रहा है, ऐसी परिस्थिति में सभी लोगों को एकसाथ बैठकर पर्यावरण की बिगड़ती हुई स्थिति को कैसे सुधारा जा सके इस पर चर्चा करनी होगी.

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बार राज्य में भयंकर सूखा पड़ने की आशंका जताई है. नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि मौसम विभाग भले ही इस बार वर्षा को लेकर जो भी दावा कर रहा हो, लेकिन जिस तरह की स्थिति है उसे देखते हुए उन्हें यह आशंका है कि इस बार राज्य में भयंकर सूखा पड़ने वाला है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से मौसम का मिजाज बदल रहा है उसमें कोई भी दावे के साथ नहीं कर सकता है कि कब, कहां, कौन सी विपदा आएगी . यह मौसम के बदले मिजाज का ही नतीजा है कि बारिश कम हो रही है, लेकिन वज्रपात की घटनाएं ज्यादा हो रही है. उन्होंने कहा कि लोगों को पर्यावरण के प्रति सजग रहना होगा नहीं तो अलग-अलग समय में अलग-अलग घटनाएं घटेगी.

सीएम नीतीश कुमार

ये गलत बात है...
नीतीश कुमार ने कहा कि भू-जलस्तर में कमी चिंता का बड़ा कारण है. लोगों को भू-जल के दुरुपयोग से बचना होगा. आज सरकार हर घर नल का जल योजना चला रही है, ताकि लोगों को पीने का स्वच्छ जल मिल सके. लेकिन यह देखा जा रहा है कि लोग इस पेयजल का उपयोग भैंस को नहलाने और खेतों में पटवन के लिए कर रहे हैं, जो बहुत ही गलत है.

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में भी भू-जल नीचे जा रहा है, ऐसी परिस्थिति में सभी लोगों को एकसाथ बैठकर पर्यावरण की बिगड़ती हुई स्थिति को कैसे सुधारा जा सके इस पर चर्चा करनी होगी.

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