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Supreme Court On Caste Census : CM नीतीश बोले- 'सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला दिया है' - Bihar News

Caste Census Big relief Supreme Court जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नीतीश कुमार काफी खुश दिखे. नालंदा में समाधान यात्रा के दौरान नीतीश कुमार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला दिया है, यह सबके हित में हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में हो रही जातीय जनगणना के खिलाफ याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से यह कहा कि वह चाहे तो हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सकत है. पढ़ें पूरी खबर

जातीय जनगणना पर नीतीश कुमार
जातीय जनगणना पर नीतीश कुमार
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Published : Jan 20, 2023, 5:37 PM IST

नालंदा: जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court On Caste Census) ने नीतीश सरकार को बड़ी राहत दी है. नीतीश सरकार के बिहार में जातिगत जनगणना के फैसले को रद्द करने की तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थीं. सुप्रीम कोर्ट ने तीनों याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यह मामला लेकर पटना हाईकोर्ट में जाइये. सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद सीएम नीतीश ने खुशी जताई है.

ये भी पढ़ें: Bihar Caste Census: बिहार में जारी रहेगी जातीय जनगणना, याचिकाओं पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

''सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला दिया है, यह सबके हित में है. जातिय जनगणना तो केन्द्र सरकार का काम है, हम तो राज्य में करा रहे हैं. एक एक चीज की जानकारी होगी तो विकास के काम को बढ़ाने में सुविधा होगी.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

जातीय जनगणना पर क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने: न्यायमूर्ति बी आर गवई और विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि अदालत याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील की दलीलों पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं है. पीठ ने मौखिक रूप से कहा, तो, यह एक प्रचार हित याचिका है?. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप याचिका वापस लेंगे या हम इसे खारिज कर दें?. इस पर याचिकाकर्ता ने हामी भर दी. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने वकील को पटना हाईकोर्ट जाने के लिए कहा.

क्या था याचिकाकर्ता का दावा : दरअसल, याचिकाओं में कहा गया था कि जातिय जनगणना का नोटिफिकेशन संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. याचिकाकर्ता के मुताबिक, जातिगत गनगणना के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भारत की एकता और अखंडता को तोड़ना चाहते हैं. इनमें से एक याचिका बिहार निवासी अखिलेश कुमार की थी.

7 जनवरी से शुरू हो चुका है सर्वे : बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना सात जनवरी से शुरू हो चुकी है. बिहार में यह सर्वे कराने की जिम्मेदारी सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट को सौंपी गई है. सरकार ऐप के जरिए भी हर परिवार का डेटा डिजिटली जमा करने की योजना बना रही है. जनगणना दो चरणों में होगी. पहला चरण 7 जनवरी से पटना में शुरू हो चुका है. दूसरा चरण एक अप्रैल से तीन अप्रैल तक होगा.

नालंदा: जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court On Caste Census) ने नीतीश सरकार को बड़ी राहत दी है. नीतीश सरकार के बिहार में जातिगत जनगणना के फैसले को रद्द करने की तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थीं. सुप्रीम कोर्ट ने तीनों याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यह मामला लेकर पटना हाईकोर्ट में जाइये. सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद सीएम नीतीश ने खुशी जताई है.

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''सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला दिया है, यह सबके हित में है. जातिय जनगणना तो केन्द्र सरकार का काम है, हम तो राज्य में करा रहे हैं. एक एक चीज की जानकारी होगी तो विकास के काम को बढ़ाने में सुविधा होगी.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

जातीय जनगणना पर क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने: न्यायमूर्ति बी आर गवई और विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि अदालत याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील की दलीलों पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं है. पीठ ने मौखिक रूप से कहा, तो, यह एक प्रचार हित याचिका है?. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप याचिका वापस लेंगे या हम इसे खारिज कर दें?. इस पर याचिकाकर्ता ने हामी भर दी. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने वकील को पटना हाईकोर्ट जाने के लिए कहा.

क्या था याचिकाकर्ता का दावा : दरअसल, याचिकाओं में कहा गया था कि जातिय जनगणना का नोटिफिकेशन संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. याचिकाकर्ता के मुताबिक, जातिगत गनगणना के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भारत की एकता और अखंडता को तोड़ना चाहते हैं. इनमें से एक याचिका बिहार निवासी अखिलेश कुमार की थी.

7 जनवरी से शुरू हो चुका है सर्वे : बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना सात जनवरी से शुरू हो चुकी है. बिहार में यह सर्वे कराने की जिम्मेदारी सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट को सौंपी गई है. सरकार ऐप के जरिए भी हर परिवार का डेटा डिजिटली जमा करने की योजना बना रही है. जनगणना दो चरणों में होगी. पहला चरण 7 जनवरी से पटना में शुरू हो चुका है. दूसरा चरण एक अप्रैल से तीन अप्रैल तक होगा.

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