पटना : बिहार में शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है. राज्य सरकार की ओर से राज भवन के फैसले को लेकर टकराव की स्थिति बन गई है. राजभवन और बिहार सरकार में विवाद गहरा गया है. राज भवन ने राज्य सरकार के रुख पर नाराजगी भी जाहिर की है. अब भाजपा भी राज्यपाल के पक्ष में उतर आई है. बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर शिक्षा में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत हैं.
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राजभवन और शिक्षा विभाग में टकराव : नई शिक्षा नीति को भी राज्यपाल तत्परता के साथ लागू करना चाहते हैं, लेकिन राज्य सरकार के द्वारा अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के चलते शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण सुधार संभव नहीं हो पा रहा है. राज भवन और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच टकराव की स्थिति है. राज भवन ने शिक्षा विभाग के फैसले पर नाराजगी भी जाहिर की थी और केके पाठक के फैसले को पलट दिया था. अब कुलपति की नियुक्ति को लेकर दोनों ओर से विज्ञापन निकाले गए हैं. ऐसे में विवाद गहराता जा रहा है.
बीजेपी का नीतीश कुमार पर हमला : भाजपा नेता और पूर्व अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के सदस्य योगेंद्र पासवान ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है. योगेंद्र पासवान ने कहा है कि राज्यपाल शिक्षा में सुधार के लिए कम कर रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार उन्हें परेशान कर रहे हैं. राज्यपाल चूंकि दलित जाति से आते हैं, इस वजह से उन्हें अपमानित करने का काम किया जा रहा है. योगेंद्र पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी और रामविलास पासवान को भी अपमानित किया है.
"बिहार के राज्यपाल एक सुलझे हुए इंसान और बुद्धिजीवी है. वह शिक्षा के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन कर के गुणवत्ता लाने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं राज्य सरकार राज्यपाल के विरुद्ध काम कर रही है और एक दलित राज्यपाल को अपमानित कर रही है. इससे नीतीश कुमार का दलित विरोधी चेहरा उजागर हुआ है".- योगेंद्र पासवान, सदस्य, पूर्व अनुसूचित जाति जनजाति आयोग