पटना: राज्य में ऐतिहासिक धरोहरों को खंडहर में तब्दील होने से बचाने के लिए सीएम नीतीश ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भवन निर्माण, पर्यटन, कला एवं संस्कृति और खान एवं भूतत्व विभाग के अधिकारी मिलकर एक नई मेंटेनेंस पॉलिसी बना रहे हैं. इस पॉलिसी के तहत राज्य में वैसे आर्किटेक्ट जो ऐतिहासिक भवनों की बारीकियां समझते हैं, उनकी बहाली भी की जाएगी.
संरक्षित रखने के लिए सरकार गंभीर
पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव रवि मनुभाई परमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा के राज्य के ऐतिहासिक भवनों को यथावत संरक्षित रखने के लिए सरकार गंभीर है.
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"राज्य के सरकार द्वारा चिन्हित 51 ऐतिहासिक स्थलों के रखरखाव के लिए कंजरवेटिव आर्किटेक्ट की नियुक्ति की जाएगी. इन आर्किटेक्ट द्वारा जो भी डीपीआर तैयार किया जाएगा, उसी के तर्ज पर काम होगा. ऐतिहासिक भवनों के मेंटेनेंस के लिए सामान इंजीनियर से अब राज्य में काम नहीं किया जाएगा. वैसे इंजीनियर जो ऐतिहासिक भवनों की बारीकियों को समझते हैं, उन्हीं के द्वारा भवनों का रखरखाव होगा. ऐतिहासिक भवनों में जिस सामग्रियों का इस्तेमाल किया कया है, उसकी मरम्मत भी उसी सामग्री से की जाएगी"- रवि मनुभाई परमार, प्रधान सचिव, पर्यटन विभाग
क्या कहते हैं मुख्य संरक्षक
आर्कोलॉजिस्ट और पटना संग्रहालय के मुख्य संरक्षक डॉ. संतोष सुमन का भी मानना है कि राज्य के ऐतिहासिक भवनों को बचाए रखने के लिए जानकार आर्किटेक्ट और इंजीनियरों से काम लेना चाहिए.
भारत सरकार के आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के तहत बिहार में 71 स्मारक स्थलों को चिन्हित किया गया है. इसके तहत पटना में 11, जहानाबाद में 9, पश्चिमी चंपारण में 7, पूर्वी चंपारण में 3, भागलपुर में 4, मधुबनी में 1, गया में 1, नालंदा में 9, रोहतास में 3, कैमूर में 2 और वैशाली में 4 स्मारक स्थल को सूचीबद्ध हैं.
बिहार प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल अवशेष के अंतर्गत बिहार सरकार द्वारा 51 स्मारकों को चिन्हित किया गया है:
- पटना - गोलघर, अगम कुआं, बेगू हज्जाम की मस्जिद, जैन मंदिर, दो रूपी प्रतिमा कंकड़बाग, छोटी पटन देवी और मॉरीसन बिल्डिंग.
- गया - रामशिला पर्वत, प्रेतशिला पर्वत, विष्णुपद मंदिर, ब्रह्माणी पहाड़, ताराडीह, टेकारी किला, उमर अली सुल्तान दरगाह और दुल्हन मंदिर.
- भागलपुर - खेड़ी पुरातत्व स्थल शाहकुंड और महमूद शाह का मकबरा कहलगांव.
- लखीसराय - कोटेश्वर धाम, लाली पहाड़ी, सतसंडा पहाड़, घोसी कुंडी पहाड़, विछेव पहाड़ और लय.
- नालंदा - बड़ीगढ़ वेशवक और छोटी गढ़ वेशवक.
- पूर्णिया - जलालगढ़ किला.
इसके अलावा सासाराम, सहरसा, मुजफ्फरपुर, वैशाली, आरा, औरंगाबाद, जहानाबाद, पश्चिम चंपारण, भोजपुर, कैमूर, मुंगेर, सारण, मधुबनी, दरभंगा, जमुई और गोपालगंज में भी पुरातत्व स्थल स्मारक को सूची में शामिल किया गया है.