पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बिहार कैबिनेट की बैठक की. इस बैठक में 18 महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगी है. इस दौरान शिक्षक बहाली के लिए एक लाख 78 हजार 26 पदों के सृजन की स्वीकृति मिल गई है. वहीं, बिहार राज्य में अवस्थित शैक्षणिक संस्थानों को अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान का दर्जा प्रदान करने के लिए अनापत्ति निर्गत करने की शक्ति शिक्षा विभाग बिहार पटना में निहित करने की स्वीकृति दी गई है. शिक्षकों की बहाली बीपीएससी के माध्यम से होगी. बहाली के कारण शिक्षकों के वेतन मद में 11 हजार करोड़ का बोझ सरकार पर पड़ेगा.
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बिहार में शिक्षक बहाली को कैबिनेट की मंजूरी: बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियमावली 2023 के तहत वर्ग 1 से 5 तक के अध्यापन के लिए शिक्षा विभाग के नियंत्रण अधीन विद्यालय अध्यापक के मूल कोटि के 50487 पद एवं वर्ग छह से आठ तक के अध्यापन के लिए 1745 पद सृजित करने की स्वीकृति मिली है. वहीं, वर्ग 11 से 12 तक के अध्यापन के लिए शिक्षा विभाग के नियंत्रण अधीन विद्यालय अध्यापक के 57618 पद एवं वर्ग 9 से 10 तक के अध्यापन के लिए शिक्षा विभाग के नियंत्रण अधीन विद्यालय अध्यापक के 33186 पदों के सृजन की स्वीकृति मिली है.
बिहार कैबिनेट में 18 एजेंडों पर लगी मुहर: कैबिनेट की बैठक में वित्तीय वर्ष 2023 24 में राज्य सरकार द्वारा 44429.64 करोड़ रुपए बाजार ऋण सहित कुल 49365.69 करोड रुपए ऋण उगाही की स्वीकृति दी गई है. बिहार मानसिक स्वास्थ्य देखभाल नियमावली 2023 को भी रजामंदी मिली है. साथ ही 42 अरब 71 करोड़ 16 लाख की राशि से 2000 पंचायत सरकार भवन के निर्माण को भी कैबिनेट ने स्वीकृति दी है.
पंचायती राज विभाग में भी बहाली: इसके अलावे पंचायती राज विभाग के विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 6570 लेखापाल सह आईटी सहायक के संविदा पर पदों के सृजन की स्वीकृति मिली है. गेंहू और धान चावल की अधिप्राप्ति के लिए व्यवसायिक बैंकों नाबार्ड वित्तीय संस्थान से ऋण के लिए कुल 10 हजार की राशि के लिए गारंटी प्रदान करने की स्वीकृति मिली है. कैबिनेट ने उस प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया है, जिसमें गया और मुजफ्फरपुर में 15 साल पुराने वाहन नहीं चलाने की बात कही गई है.