पटना: जिले में जलजमाव को लेकर सत्ताधारी दल बीजेपी और जदयू के बीच रस्साकशी अबतक समाप्त नहीं हुई है. यहां तक कि बीजेपी में भी इसको लेकर एक मत नहीं है. मुख्यमंत्री ने 14 अक्टूबर को हाई लेवल बैठक बुलाई है. जिसमें जलजमाव के कारणों पर चर्चा तो होगी ही, साथ ही उपाय पर भी चर्चा की जाएगी.
लेकिन मुख्यमंत्री की बैठक से ठीक पहले नगर विकास मंत्री ने गुरुवार को एक जांच कमेटी बनाने की घोषणा कर दी और 2 सप्ताह में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. लेकिन शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने किसी तरह की जांच कमेटी बनने से इनकार किया है.
14 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने बुलाई बैठक
नगर विकास मंत्री और उपमुख्यमंत्री के रवैये पर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं. वहीं इस पर जदयू बचाव में उतर आया है. जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने 14 अक्टूबर को बैठक बुलाई है और अब सुरेश शर्मा की तरफ से भी सफाई आ गई है. तो इसमें कुछ भी बचा नहीं है. निखिल मंडल ने कहा कि यह उनका विभाग था. इसलिए वह अपने तरीके से कुछ करना चाह रहे थे.
कई तरह के सवालों के घेरे में जलजमाव
जांच होने से पहले ही पटना का जलजमाव कई तरह के सवालों के घेरे में है. पहले नगर निगम और नगर विकास के बीच आरोप लगाना. फिर मंत्री सुरेश शर्मा की ओर से लगातार बयान दिया जाना और मुख्यमंत्री के स्तर से हाई लेवल मीटिंग बुलाना. उससे पहले नगर विकास मंत्री की ओर से जांच कमेटी बनाना. सब कुछ सवालों के घेरे में है. अब देखना है कि जब मुख्यमंत्री बैठक करेंगे, तो किस पर गाज गिरेगी और जलजमाव को लेकर आगे क्या रणनीति तैयार होगी.