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National Green Tribunal: 4 हजार करोड़ की राशि के साथ सीवेज ट्रीटमेंट गैप को पूरा करने का आदेश, सरकार पर नहीं लगा फाइन

ठोस और तरल अपशिष्ट के प्रबंधन का नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा नियमित मॉनिटरिंग की जाती है. एनजीटी शहरी क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट के प्रोसेसिंग और सीवेज ट्रीटमेंट की वर्तमान क्षमता आवश्यकता के अनुरूप नहीं रहने के कारण गैप को शीघ्र पूरा करने के लिए आदेश दिया गया है. एनजीटी ने राज्य सरकार को 4 हजार करोड़ की राशि से सीवेज ट्रीटमेंट के गैप को जल्द पूरा करने का आदेश दिया है. हालांकि सरकार पर कोई अर्थदंड नहीं लगाया गया है.

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Published : May 7, 2023, 7:11 AM IST

4000 करोड़ की राशि के साथ सीवेज ट्रीटमेंट गैप पूरा
4000 करोड़ की राशि के साथ सीवेज ट्रीटमेंट गैप पूरा

पटना: 4 मई को सुनवाई के दौरान एनजीपी ने ठोस और तरल अपशिष्ट के उपचार के लिए राज्य सरकार को रिंग फेन्ड अकाउंट खोलकर 4 हजार करोड़ रुपये जमा करने और उक्त राशि से ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के गैप को शीघ्र पूरा करने का आदेश दिया है. Ring Fenced Account की राशि केवल अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों में ही मुख्य सचिव, बिहार के निर्देश के अनुसार उपयोग की जानी है. उक्त पारित आदेश में NGT द्वारा राज्य सरकार पर कोई अर्थदण्ड नहीं लगाया गया है, बल्कि अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों के लिए उक्त राशि का प्रावधान कर अलग खाते में रखकर उपयोग करने का आदेश दिया गया है, जिससे ठोस एवं तरल अपशिष्ट के उपचार कार्य संबंधी योजनाएं तीव्र गति से की जा सके.

ये भी पढ़ें: National Green Tribunal : एनजीटी ने कहा- बिहार सरकार पर्यावरण क्षतिपूर्ति के तौर पर 4,000 करोड़ रुपये जमा कराए

क्या है एनजीटी का आदेश?: बुडको की ओर से प्रेस रिलीज जारी कर कहा गया है कि एनजीटी ने अन्य राज्यों को भी अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों को तीव्र गति से कराने के लिए इसी प्रकार रिंग फेन्स्ड अकाउंट खोलकर उसमें चिह्नित राशि रखने और योजनाओं को पूर्व करने का आदेश दिया है.

सीवेज की संख्या में बढ़ोतरी: बिहार में तरल अपशिष्ट के उपचार हेतु वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में कुल 841.6 MLD क्षमता के Sewage Treatment Plant (STP) की योजनाएं स्वीकृत हैं एवं 373.3 MLD क्षमता के Sewage Treatment Plant (STP) का DPR तैयार कर NMCG को स्वीकृति हेतु भेजी गयी है. स्वीकृत योजनाओं में 8STP (234.5MLD क्षमता) का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और 477.5 MLD क्षमता की योजनाओं का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है. पटना अन्तर्गत 5 Sewerage Networks का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है. अब इन नेटवर्क के commissioning का कार्य किया जा रहा है. नेटवर्क के Commissioning के उपरान्त STP पर उपचार हेतु पहुचने वाले Sewage की मात्रा बढ़ेगी.

सिवरेज नेटवर्क और एसटीपी योजना के कार्य में तेजी: पटना नगर निगम अन्तर्गत दीघा एवं कंकड़बाग सिवरेज नेटवर्क एवं एसटीपी योजना का कार्य भी तीव्र गति से किया जा रहा है. इस कार्य के पूर्ण हो जाने के पश्चात पटना नगर निगम पूर्ण रूप से Sewerage Network से आच्छादित हो जाएगा. Sewer Pipeline को House Hold से जोड़ने हेतु House Service Connection किये जाने की स्वीकृति राज्य योजना मद से दी गयी है, जिसके अनुरूप House Service Connection का कार्य किया जा रहा है.

एसटीपी का निर्माण कार्य अंतिम चरण में: पटना के अतिरिक्त बिहार के अन्य शहरों मसलन बेगूसराय, मुंगेर, हाजीपुर, छपरा, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ में भी STP निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है. दिसम्बर 2023 तक कुल अतिरिक्त 170.5 MLD क्षमता के STP का निर्माण पूर्ण हो जाएगा जिससे तरल अपशिष्ट के उपचार में बढ़ोत्तरी होगी. वित्तीय वर्ष 2022-23 में सिवरेज नेटवर्क और एसटीपी के निर्माण कार्य में आने वाली बाधाओं के निराकरण के लिए रेलवे, एनएचएआई, पथ निर्माण विभाग से सार्थक समन्वय स्थापित कर कार्य में तीव्रता लाई गई, जिसके फलस्वरूप पिछले वित्तीय वर्ष में 3 सिवरेज नेटवर्क और 84.5 एमएलडी क्षमता की 4 एसटीपी योजना पूर्ण की गई है.

पटना: 4 मई को सुनवाई के दौरान एनजीपी ने ठोस और तरल अपशिष्ट के उपचार के लिए राज्य सरकार को रिंग फेन्ड अकाउंट खोलकर 4 हजार करोड़ रुपये जमा करने और उक्त राशि से ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के गैप को शीघ्र पूरा करने का आदेश दिया है. Ring Fenced Account की राशि केवल अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों में ही मुख्य सचिव, बिहार के निर्देश के अनुसार उपयोग की जानी है. उक्त पारित आदेश में NGT द्वारा राज्य सरकार पर कोई अर्थदण्ड नहीं लगाया गया है, बल्कि अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों के लिए उक्त राशि का प्रावधान कर अलग खाते में रखकर उपयोग करने का आदेश दिया गया है, जिससे ठोस एवं तरल अपशिष्ट के उपचार कार्य संबंधी योजनाएं तीव्र गति से की जा सके.

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क्या है एनजीटी का आदेश?: बुडको की ओर से प्रेस रिलीज जारी कर कहा गया है कि एनजीटी ने अन्य राज्यों को भी अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों को तीव्र गति से कराने के लिए इसी प्रकार रिंग फेन्स्ड अकाउंट खोलकर उसमें चिह्नित राशि रखने और योजनाओं को पूर्व करने का आदेश दिया है.

सीवेज की संख्या में बढ़ोतरी: बिहार में तरल अपशिष्ट के उपचार हेतु वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में कुल 841.6 MLD क्षमता के Sewage Treatment Plant (STP) की योजनाएं स्वीकृत हैं एवं 373.3 MLD क्षमता के Sewage Treatment Plant (STP) का DPR तैयार कर NMCG को स्वीकृति हेतु भेजी गयी है. स्वीकृत योजनाओं में 8STP (234.5MLD क्षमता) का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और 477.5 MLD क्षमता की योजनाओं का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है. पटना अन्तर्गत 5 Sewerage Networks का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है. अब इन नेटवर्क के commissioning का कार्य किया जा रहा है. नेटवर्क के Commissioning के उपरान्त STP पर उपचार हेतु पहुचने वाले Sewage की मात्रा बढ़ेगी.

सिवरेज नेटवर्क और एसटीपी योजना के कार्य में तेजी: पटना नगर निगम अन्तर्गत दीघा एवं कंकड़बाग सिवरेज नेटवर्क एवं एसटीपी योजना का कार्य भी तीव्र गति से किया जा रहा है. इस कार्य के पूर्ण हो जाने के पश्चात पटना नगर निगम पूर्ण रूप से Sewerage Network से आच्छादित हो जाएगा. Sewer Pipeline को House Hold से जोड़ने हेतु House Service Connection किये जाने की स्वीकृति राज्य योजना मद से दी गयी है, जिसके अनुरूप House Service Connection का कार्य किया जा रहा है.

एसटीपी का निर्माण कार्य अंतिम चरण में: पटना के अतिरिक्त बिहार के अन्य शहरों मसलन बेगूसराय, मुंगेर, हाजीपुर, छपरा, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ में भी STP निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है. दिसम्बर 2023 तक कुल अतिरिक्त 170.5 MLD क्षमता के STP का निर्माण पूर्ण हो जाएगा जिससे तरल अपशिष्ट के उपचार में बढ़ोत्तरी होगी. वित्तीय वर्ष 2022-23 में सिवरेज नेटवर्क और एसटीपी के निर्माण कार्य में आने वाली बाधाओं के निराकरण के लिए रेलवे, एनएचएआई, पथ निर्माण विभाग से सार्थक समन्वय स्थापित कर कार्य में तीव्रता लाई गई, जिसके फलस्वरूप पिछले वित्तीय वर्ष में 3 सिवरेज नेटवर्क और 84.5 एमएलडी क्षमता की 4 एसटीपी योजना पूर्ण की गई है.

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