पटना: बिहार में भाजपा के साथ जुगलबंदी कर रही जेडीयू ने अरुणाचल में अपने सारे विधायक बीजेपी के गोद में डाल दिए. इसकी प्रतिक्रिया में भाजपा पर वार किया जाना बनता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बिहार में मुख्य विपक्षी दल राजद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऑफर दिया है कि वह सीएम का पद राजद के तेजस्वी यादव को देकर दिल्ली में विपक्ष के नेता बने और आने वाले दिनों में उन्हें पीएम पद के प्रोजेक्ट किया जाएगा.
'नीतीश कुमार राजनीति में बहुत ही मजे हुए नेता है और टक्कर देने के लिए माहौल बनाना जरूरी है, जो अभी नहीं है- उदय नारायण चौधरी, आरजेडी नेता
'पूरे देश में बीजेपी के कारण नहीं राजनीतिक संकट पैदा होने वाला है. बीजेपी का एकमात्र उद्देश्य लोकतंत्र का खात्मा, उद्योगपतियों का बढ़ावा और सहयोगी दलों को खत्म कर देना है. विपक्ष के साथ अपनी सहयोगी पार्टियों को भी बीजेपी मिटाना चाहती है'- राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता
'विपक्ष के नेता फालतू की बात कर रहे हैं. चुनाव खत्म हो गया है, लेकिन सीएम बनने का सपना अभी भी उनमें है ये देखकर बड़ा आश्चर्य होता है. अभी उनको अगले चुनाव के लिए तैयारी करना चाहिए और पार्टी को संगठित करना चाहिए'- वशिष्ठ नारायण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू
'आरजेडी को विधानसभा चुनाव में हार मिली है जिसे वह झेल नहीं पा रहा है. सत्ता की लालसा आरजेडी के लोगों को बेचेन किए हुए है. इसलिए वह विधायकों को तोड़ने और विधायकों को प्रलोभन देने की बात करते हैं. नीतीश कुमार बहुत ही सुलझे हुए नेता हैं'- प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता
'बिहार तो राजनीति का एक्सपेरिमेंट वाला राज्य रहा है. लेकिन अरुणाचल की घटना को लेकर किसी तरह का कयास लगाना सही नहीं होगा'- डीएम दिवाकर, राजनीतिक विशेषज्ञ
सियासी परिस्थितियों से अनजान नहीं नीतीश
नीतीश कुमार राजनीति के माहिर नेताओं में से एक माने जाते हैं. बीजेपी की ओर से जो राजनीतिक परिस्थितियां पैदा की जा रही है उसे भी समझ रहे हैं और आरजेडी को भी अच्छी तरह से जानते हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प है कि क्या आगे फैसला लेते हैं.