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पटना AIIMS में लगाई गई 8 करोड़ की मशीन, मरीज अब कम पैसे में करा सकेंगे जांच

एम्स के गैस्ट्रोलॉजी विभाग में 8 करोड़ की लागत से इंडोस्कोपी अल्ट्रासाउंड और इआरसीपी जांच मशीन लगाई गयी है. जिसका उद्घाटन एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार ने किया. इस मौके पर गैस्ट्रोलॉजी विभाग के चिकित्सकों के अलावा एम्स के कई डॉक्टर मौजूद रहे.

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Published : Aug 4, 2019, 1:36 PM IST

मशीन की जांच करते डॉक्टर

पटना: एम्स में मरीजों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. अब पेट की बीमारी से परेशान मरीजों का इलाज आसानी से किया जाएगा. यहां मरीज इंडोस्कोपी, अल्ट्रासाउंड और इआरसीपी जैसे बड़े जांच कम पैसों में करा सकेंगे. इसके लिए एम्स के गैस्ट्रोलॉजी विभाग में 8 करोड़ की लागत से ये दोनों जांच मशीनें लगाई गई हैं.

पेश है रिपोर्ट

पेट से संबंधित रोगों का इलाज हुआ आसान
दरअसल, एम्स के गैस्ट्रोलॉजी विभाग में 8 करोड़ की लागत से इंडोस्कोपी, अल्ट्रासाउंड और इआरसीपी जांच मशीने लगाई गयी हैं. जिसका उद्घाटन एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार ने किया. इस मौके पर एम्स के कई डॉक्टर मौजूद रहे. एम्स में इन दोनों मशीनों के लग जाने से अब मरीजों को पेट की बड़ी बीमारी की जांच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. किसी को पेट में अल्सर हो या खून की उल्टी हो रही हो. इसके अलावा पित्त की कोई बीमारी होने पर भी इलाज आसानी से किया जा सकेगा.

patna
अस्पताल में लगाई गई नई मशीनें

कम पैसे में होगी जांच
एम्स के गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. रमेश ने बताया कि इंडोस्कोपी और इआरसीपी मशीन के आ जाने से मरीजों को काफी सहूलियत होगी. जो जांच मरीज प्राइवेट अस्पतालों में 2500 से 3000 हजार में कराते हैं. अब उनका वही जांच एम्स में महज 400 रुपये में हो जाएगा. जिससे उनका पैसा भी बचेगा. साथ ही एक ही परिसर में जांच के साथ-साथ बीमारी का तुरंत इलाज भी हो जाएगा. उन्होंने बताया कि इन दोनों मशीन के आ जाने के बाद विभाग की ओर से एक दिन में तकरीबन 25 मरीज देखने का लक्ष्य रखा गया है.

पटना: एम्स में मरीजों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. अब पेट की बीमारी से परेशान मरीजों का इलाज आसानी से किया जाएगा. यहां मरीज इंडोस्कोपी, अल्ट्रासाउंड और इआरसीपी जैसे बड़े जांच कम पैसों में करा सकेंगे. इसके लिए एम्स के गैस्ट्रोलॉजी विभाग में 8 करोड़ की लागत से ये दोनों जांच मशीनें लगाई गई हैं.

पेश है रिपोर्ट

पेट से संबंधित रोगों का इलाज हुआ आसान
दरअसल, एम्स के गैस्ट्रोलॉजी विभाग में 8 करोड़ की लागत से इंडोस्कोपी, अल्ट्रासाउंड और इआरसीपी जांच मशीने लगाई गयी हैं. जिसका उद्घाटन एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार ने किया. इस मौके पर एम्स के कई डॉक्टर मौजूद रहे. एम्स में इन दोनों मशीनों के लग जाने से अब मरीजों को पेट की बड़ी बीमारी की जांच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. किसी को पेट में अल्सर हो या खून की उल्टी हो रही हो. इसके अलावा पित्त की कोई बीमारी होने पर भी इलाज आसानी से किया जा सकेगा.

patna
अस्पताल में लगाई गई नई मशीनें

कम पैसे में होगी जांच
एम्स के गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. रमेश ने बताया कि इंडोस्कोपी और इआरसीपी मशीन के आ जाने से मरीजों को काफी सहूलियत होगी. जो जांच मरीज प्राइवेट अस्पतालों में 2500 से 3000 हजार में कराते हैं. अब उनका वही जांच एम्स में महज 400 रुपये में हो जाएगा. जिससे उनका पैसा भी बचेगा. साथ ही एक ही परिसर में जांच के साथ-साथ बीमारी का तुरंत इलाज भी हो जाएगा. उन्होंने बताया कि इन दोनों मशीन के आ जाने के बाद विभाग की ओर से एक दिन में तकरीबन 25 मरीज देखने का लक्ष्य रखा गया है.

Intro:पटना एम्स के मरीजो के लिए एक अच्छी खबर है। अब पेट की बीमारी से परेशान मरीज अब इंडोस्कोपी अल्ट्रासाउंड और इआरसीपी जैसे बड़े जांच कम पैसे में करा सकेंगे। एम्स के गैस्ट्रोलॉजी विभाग में 8 करोड़ की लागत से ये दोनों जांच मशीन लगाया गया है।Body:पटना एम्स में शनिवार का दिन मरीजो के लिए अच्छी खबर ले कर आया। एम्स के गैस्ट्रोलॉजी विभाग में 8 करोड़ की लागत से इंडोस्कोपी अल्ट्रासाउंड और इआरसीपी जांच मशीन लगाया गया है जिसका उद्घाटन एम्स के निदेशक डॉ प्रभात कुमार ने किया। इस मौके पर गैस्ट्रोलॉजी विभाग के चिकित्सको के अलावा एम्स के कई डॉक्टर मौजूद थे। एम्स में इन दोनों मशीन के लग जाने से अब मरीजो को पेट की बड़ी बीमारी के जांच के लिए बाहर नही जाना पड़ेगा। अब किसी को पेट में अल्सर हो या खून की उल्टी हो रही हो या फिर पित्त की कोई बीमारी हो इन सारी बीमारियों का जांच आसानी से एम्स में हो सकेगा वो भी मरीजो के पॉकेट के हिसाब से। Conclusion:एम्स के गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ रमेश ने बताया कि इंडोस्कोपी और इआरसीपी मशीन के आ जाने से मरीजो को काफी सहूलियत होगी। जो जांच मरीज प्राइवेट अस्पतालों में 2500 से 3000 हजार में कराते है अब उनका वही जांच एम्स में महज 400 रुपये में हो जाएगा जिससे उन्हें काफी सहूलियत होगी और पैसा भी बचेगा। साथ ही एक ही परिसर में जांच के साथ साथ बीमारी का तुरंत इलाज भी हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इन दोनों मशीन के आ जाने के बाद विभाग द्वारा एक दिन में तकरीबन 25 मरीज देखने का लक्ष्य रखा गया है।
बाईट - डॉ रमेश- गैस्ट्रोलगिस्ट - एम्स पटना

कुणाल सिंह...ईटीवी भारत...पटना
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