पटना: बिहार विधान सभा चुनाव में सभी दलों के मुकाबले भारतीयत जनता पार्टी का सबसे बढ़िया स्ट्राइक रेट रहा है. भाजपा ने अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है. पार्टी के 74 विधायक चुनाव जीत कर बिहार विधानसभा के सदन के चौखट के अंदर दाखिल होने जा रहें हैं.
बीजेपी नेताओं का उत्साह भी सातवें आसमान पर है. भाजपा के नेताओं को उम्मीद है कि एनडीए में सबसे बड़े घटक दल बन कर उभरी भाजपा को इस बार सरकार में अधिक पोर्टफोलियो भी मिलेगा.
9 पुराने मंत्रियों को फिर से मंत्री बनने की उम्मीद
चुनावी नतीजे घोषित हो जाने के बाद बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को बहुमत मिल चुकी है. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मंथन का दौर जारी है. इस बार नीतीश कैबिनेट में अधिक भाजपा विधायकों को जगह मिल सकती है. भाजपा कोटे से 74 विधायक चुनाव जीते हैं. जब की 2020 के इस चु्नावी रण में भाजपा कोटे से दो मंत्री चुनाव हारे हैं. वहीं एक मंत्री का निधन पिछले तात्कालिक सरकार में हो चुका था. वहीं, कई पुराने चेहरों को भी इस बार के नए कैबिनेट में जगह मिल सकता है. इन पुराने चेहरों में जिन्हें जगह मिल सकता है. वे हैं, पूर्व की सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे सुशील मोदी, प्रेम कुमार, नंदकिशोर यादव, प्रमोद कुमार, कृष्ण कुमार ऋषि, विजय सिन्हा, राणा रणधीर सिंह, रामनारायण मंडल, मंगल पांडे और विनोद नारायण झा.
कई नए चेहरे मंत्रिमंडल में हो सकते हैं शामिल
भाजपा कोटे से कई नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. अभी मंत्रिमंडल की रेस में जो सबसे आगे चल रहे हैं. उनमें ये नाम प्रमुख हैं. आरा से पार्टी विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह, झंझारपुर से विधायक और पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा, विधान पार्षद और पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी, विधान पार्षद नवल किशोर यादव, पार्टी के युवा विधायक नितिन नवीन, बेतिया से विधायक रेनू सिंह, विधान पार्षद संजय पासवान. वहीं मंत्रिमंडल विस्तार पर भाजपा नेताओं ने चुप्पी साध रखी है. पार्टी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा भाजपा का आलाकमान यह तय करेगा की किन्हें मंत्री पद का दायित्व दिया जाए. बीजेपी कोटे से मंत्री कौन होगा यह भी केंद्रीय नेतृत्व के हवाले से तय किया जाएगा.