कृष्णागिरी, तमिलनाडु: तमिलनाडु एक बार फिर शर्मसार हुआ है जब कृष्णागिरी जिले के एक सरकारी मिडिल स्कूल में तीन शिक्षकों द्वारा 13 वर्षीय छात्रा के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है. इस घटना ने राज्य में शिक्षा प्रणाली की सुरक्षा और बच्चों के संरक्षण पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
कृष्णागिरी कलेक्टर सी दिनेश कुमार के अनुसार, तीनों आरोपी शिक्षकों को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है. उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया गया है. कलेक्टर ने बताया कि आरोपी शिक्षकों को 15 दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है ताकि मामले की गहनता से जांच की जा सके.
यह चौंकाने वाला मामला तब सामने आया जब लड़की 3 जनवरी से स्कूल नहीं गई थी. स्कूल प्रशासन ने जब उसके घर जाकर पूछताछ की, तो घटना का खुलासा हुआ. पता चला कि बच्ची को शिक्षकों द्वारा यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया गया था.
पुलिस ने दर्ज किया मामला
पीड़िता को आवश्यक परामर्श प्रदान किया जा रहा है ताकि वह इस सदमे से उबर सके. अधिकारियों ने बताया कि स्कूल शिक्षकों के मार्गदर्शन पर, लड़की के माता-पिता ने बरगुर अखिल महिला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस स्टेशन की सिफारिश पर, पीड़िता के माता-पिता ने बाल सुरक्षा अधिकारी से संपर्क किया. जिला बाल सुरक्षा अधिकारी और पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं.
विश्वविद्यालय परिसर में यौन उत्पीड़न
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना तमिलनाडु में एक और बड़ी घटना के कुछ ही महीनों बाद सामने आई है, जिसने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया था. हाल ही में, चेन्नई पुलिस ने अन्ना विश्वविद्यालय के दूसरे वर्ष की छात्रा के साथ 23 दिसंबर, 2024 की रात को अन्ना विश्वविद्यालय परिसर में यौन उत्पीड़न की घटना की सूचना दी थी. इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. मद्रास उच्च न्यायालय ने अन्ना विश्वविद्यालय के कथित यौन उत्पीड़न मामले की जांच के लिए तीन आईपीएस अधिकारियों वाली एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है.