पटना: राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के लिए नई अंशदाई पेंशन योजना की स्वीकृति दे दी है. राज्य के विश्वविद्यालयों और उनके अधीनस्थ अंगीभूत महाविद्यालयों में 1 सितंबर 2005 और उसके पश्चात नियुक्त कर्मियों के लिए नई अंशदाई पेंशन योजना को राज्यपाल फागू चौहान ने स्वीकृति प्रदान की है. वहीं राज्य सरकार की सहमति भी इस पर हो चुकी है. राजभवन की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई.
नई अंशदाई पेंशन योजना लागू
राजभवन की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार सभी विश्वविद्यालयों और उनके अधीनस्थ अंगीभूत महाविद्यालयों के नियमित अध्यापकों, अधिकारियों और सभी कर्मियों को नई अंशदाई पेंशन योजना का लाभ मिलेगा. इसका लाभ उन्हीं कर्मियों को मिलेगा जिनकी नियुक्ति 1 सितंबर 2005 या उसके बाद हुई हो. इस परिनियम के अनुसार कर्मियों के मासिक वेतन से मूल वेतन और महंगाई भत्ते के योग की 10% राशि अंशदान के रूप में कटौती की जाएगी. इसके साथ ही उतनी ही राशि नियोक्ता के माध्यम से अंशदान के रूप में की जाएगी.
राज्य सरकार निर्धारित करेगी फंड ट्रांसफर और रिकॉर्ड की प्रक्रिया
इस योजना के तहत पंजीकरण फंड ट्रांसफर और रिकॉर्ड के रखरखाव की प्रक्रिया वही होगी जो राज्य सरकार के माध्यम से निर्धारित की गई है. विश्वविद्यालय नई पेंशन योजना से संबंधित पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण के माध्यम से निर्गत नियमों और परिनियमों को स्वीकार करेंगे. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड ( एनएसडी) यानी Central Record Keeping Agency (CRA) नई पेंशन योजना के तहत आच्छादित होने वाले कर्मियों को नई पेंशन योजना की सेवा प्रदान करने के लिए पंजीकरण, फंड ट्रांसफर और रिकॉर्ड का रखरखाव हेतु बिल भेजेगी. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत नई योजना के अधीन भी संबंधित कर्मियों के सेवाकाल में और सेवानिवृत्ति के पश्चात निकासी के संदर्भ में पीएफआरडीए के अधिसूचित प्रावधान ही लागू होंगे.
कर्मियों के अंशदान की कटौती योगदान के अगले महीने से शुरू
विश्वविद्यालय के कर्मियों के अंशदान की कटौती उनके वेतन से योगदान के अगले माह से प्रारंभ होगी. 1 सितंबर 2005 से या उसके पश्चात योगदान करने वाले किसी का अंशदान यदि सामान्य भविष्य निधि में किया गया है तो, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी में पंजीकरण के पश्चात अनुदान राशि से संबंधित खाते में ब्याज सहित योजना के परिनियम के अनुसार कर लिया जाएगा.