पटना: बिहार विधानसभा का चुनाव अक्टूबर नवंबर में संभावित है. प्रदेश की सत्ताधारी दल बीजेपी और जेडीयू ने चुनाव के लिए अपनी तैयारी तेज कर दी है. बीजेपी जहां, डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं से लगातार संवाद कर रही है. वहीं, दूसरी ओर जेडीयू भी अब डिजिटल प्लेटफॉर्म का जोर-शोर से इस्तेमाल करने की तैयारी में है. ऐसे में महागठबंधन खेमे की मुश्किलें बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं. क्योंकि आरजेडी को छोड़ महागठबंधन का कोई भी दल डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग में काफी पीछे है.
डिजिटल प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल में NDA आगे
बिहार की प्रमुख सत्ताधारी दल बीजेपी लॉकडाउन में भी लगातार कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपर्क साधते रही है. साथ ही बीजेपी अब डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बड़े पैमाने पर कई कार्यक्रमों का संचालन करने जा रही है. जिसमें प्रमुख रूप से 7 जून को गृह मंत्री अमित शाह और उसके बाद प्रधानमंत्री की रैली भी आयोजित की जाएगी. अभी हाल ही में प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम से बीजेपी के बूथ लेवल कार्यकर्ताओं को जोड़ने में बड़ी सफलता पाई थी.
चुनाव के लिए पूरी तरह NDA तैयार
इसी तरह जदयू भी लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद करती रही है. अब इसी माध्यम से आगामी 7 जून से 12 जून तक बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं को जोड़ने की कोशिश करेगी. बीजेपी-जदयू विधानसभा चुनाव के लिए पूरी ताकत लगा रही है. दोनों पार्टी के नेताओं का दावा है कि चुनाव के लिए पूरी तरह एनडीए तैयार है.
महागठबंधन में एकता होने का दावा
वहीं, विपक्षी दलों में आरजेडी को छोड़ महागठबंधन का कोई भी दल फिलहाल डिजिटल प्लेटफॉर्म का बहुत अधिक इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है. मामले में सत्ताधारी दल के मुकाबले विपक्ष काफी पीछे दिख रहा है. महागठबंधन के दलों में फिलहाल एकजुटता भी नहीं दिख रही है. ऐसे में एनडीए से मुकाबला कठिन होता जा रहा है. लेकिन कांग्रेस के विधायक राजेश राम की माने तो पार्टी स्तर पर इंटरनल लगातार बैठकें हो रही है. उन्होंने कहा कि हम लोग भी जल्द सक्रिय होने वाले हैं. साथ ही उन्होंने महागठबंधन में एकता होने का भी दावा किया.
समय पर चुनाव हुआ तो बढ़ेगी विपक्ष की मुश्किलें
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने भी तैयारी शुरू कर दी है. हालांकि, विधानसभा चुनाव से पहले विधान परिषद का चुनाव होगा. ऐसे कोरोना महामारी के समय सोशल डिस्टेंस के कारण बड़ी रैली नहीं होने वाली है, और ना ही चुनाव के बड़े कार्यक्रम होंगे. बीजेपी और जेडीयू ने शायद इसी को ध्यान में रखकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चुनावी गतिविधियां बढ़ा दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय पर चुनाव होता है, तो है विपक्ष की मुश्किलें बढ़नी तय है.