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Patna News: फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की डिप्टी CM ने की शुरुआत, बोले- "आयुष चिकित्सकों के वेतन में की गई बढ़ोतरी" - ईटीवी भारत न्यूज

पटना में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की शुरूआत (National Filaria Eradication Program) की गई. इसको लेकर 24 जिलों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम शुरु हुई है. शुक्रवार यानी 10 फरवरी को पटना के ज्ञान भवन में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सर्वजन दवा सेवन अभियान कार्यक्रम की शुरुआत उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने की. पढे़ं पूरी खबर..

फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की शुरूआत
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की शुरूआत
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Published : Feb 10, 2023, 11:10 PM IST

फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की शुरूआत

पटना: पटना के ज्ञान भवन में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सर्वजन दवा सेवन अभियान कार्यक्रम की शुरुआत उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) ने की. इस मौके पर फाइलेरिया के लक्षण और इसकी गंभीरता के बारे में मौजूद अधिकारियों ने विस्तार से चर्चा की. बताते चलें कि एमडीए यानी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान के दौरान DEC और अल्बेंडाजोल 400 mg की एक-एक गोली कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को खिलाई गई.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम: 20 सितंबर से घर-घर जाकर खिलाई जाएगी दवा, ऐसे करें बचाव

राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम : इस अभियान के तहत 2 से 5 वर्ष के बच्चों को DEC कि एक गोली 6 से 14 वर्ष के बच्चों को 2 गोली और 15 वर्ष से ऊपर के सभी को तीन गोली और अल्बेंडाजोल 400 mg की एक गोली सभी को खिलाई जाएगी. इसके अलावा फाइलेरिया से जो अत्यधिक प्रभावित इलाके हैं, वहां पर तीन दवाइयां खिलाई जाएंगी जिसमें DEC, अल्बेंडाजोल और आईवरमेक्टिंग 3mg की टेबलेट होंगी.

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने की शुरुआत : इस मौके पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन फाइलेरिया के उन्मूलन की दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू किया गया कार्यक्रम है. बिहार राज्य से फाइलेरिया रोग का उन्मूलन शीघ्र सुनिश्चित होगा. उन्होंने कहा कि हम सब फाइलेरिया रोग के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्धता के साथ मिलकर कार्य करें और विकसित बिहार और स्वस्थ बिहार का निर्माण करें.

"हेल्थ के क्षेत्र में प्रदेश में 1 स्टेट कैडर निर्माण करने की उन लोगों की योजना है और इस पर काम चल रहा है. इसके अलावा सभी जिलों में स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर हो इलाज की अच्छी सुविधा मिले इसके लिए स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की व्यवस्था की गई है. स्पेशलिस्ट चिकित्सकों का वेतन एक बराबर किया गया है. इसके अलावा आयुष चिकित्सकों के वेतन बढ़ोतरी की गई है. हेल्थ के क्षेत्र में जो इंफ्रास्ट्रक्चर है उसको सुदृढ़ किया जा रहा है और इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा तो मैनपावर की भी आवश्यकता होगी. आने वाले समय में 160000 बहाली स्वास्थ्य विभाग में की जाएगी." - तेजस्वी यादव. डिप्टी सीएम

"24 जिलों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है. जिसमें 8 जिले जो सर्वाधिक प्रभावित जिले हैं, वहां तीन प्रकार के टेबलेट खिलाए जाएंगे. शेष 16 जिले में दो प्रकार के टेबलेट खिलाए जाने हैं. फाइलेरिया के लगभग डेढ़ लाख मरीज प्रदेश में है जिसमें हाथीपांव के सर्वाधिक 95000 मामले हैं. हाइड्रोसील के 17000 मरीज है. लगातार दो वर्ष दवाओं का नियमित सेवन लोग कर ले तो प्रदेश फैलेरिया से मुक्त हो सकता है. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की खासियत यह है कि अत्यधिक बीमार व्यक्तियों को छोड़कर सभी लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खिलाई जाएंगी. दवाइयों का खाली पेट सेवन नहीं करना है." - संजय कुमार सिंह, स्वास्थ विभाग के सचिव और राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक

"फाइलेरिया यानी की हाथी पांव की बीमारी क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है. यह एक लाइलाज बीमारी है. यह रोग इंसान को धीरे धीरे विकलांग और लाचार कर देता है. इसे इसलिए अत्यधिक खराब माना जाता है क्योंकि इस रोग से संक्रमित व्यक्ति को लक्षण दिखने में 5 से 15 वर्ष का समय लग जाता है. कोई व्यक्ति यदि फाइलेरिया से संक्रमित हो गया है, लेकिन लक्षण नहीं नजर आ रहे हैं और वह निरंतर हर साल दवाओं का सेवन कर रहा है तो उसमें इसका असर अत्यधिक नहीं देखने को मिलेगा. फैलेरिया का वीभत्स स्वरूप के शिकार होने से वह बच जाएगा." - विभा कुमारी, स्वास्थ्य विभाग की क्षेत्रीय निदेशक

फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की शुरूआत

पटना: पटना के ज्ञान भवन में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सर्वजन दवा सेवन अभियान कार्यक्रम की शुरुआत उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) ने की. इस मौके पर फाइलेरिया के लक्षण और इसकी गंभीरता के बारे में मौजूद अधिकारियों ने विस्तार से चर्चा की. बताते चलें कि एमडीए यानी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान के दौरान DEC और अल्बेंडाजोल 400 mg की एक-एक गोली कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को खिलाई गई.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम: 20 सितंबर से घर-घर जाकर खिलाई जाएगी दवा, ऐसे करें बचाव

राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम : इस अभियान के तहत 2 से 5 वर्ष के बच्चों को DEC कि एक गोली 6 से 14 वर्ष के बच्चों को 2 गोली और 15 वर्ष से ऊपर के सभी को तीन गोली और अल्बेंडाजोल 400 mg की एक गोली सभी को खिलाई जाएगी. इसके अलावा फाइलेरिया से जो अत्यधिक प्रभावित इलाके हैं, वहां पर तीन दवाइयां खिलाई जाएंगी जिसमें DEC, अल्बेंडाजोल और आईवरमेक्टिंग 3mg की टेबलेट होंगी.

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने की शुरुआत : इस मौके पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन फाइलेरिया के उन्मूलन की दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू किया गया कार्यक्रम है. बिहार राज्य से फाइलेरिया रोग का उन्मूलन शीघ्र सुनिश्चित होगा. उन्होंने कहा कि हम सब फाइलेरिया रोग के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्धता के साथ मिलकर कार्य करें और विकसित बिहार और स्वस्थ बिहार का निर्माण करें.

"हेल्थ के क्षेत्र में प्रदेश में 1 स्टेट कैडर निर्माण करने की उन लोगों की योजना है और इस पर काम चल रहा है. इसके अलावा सभी जिलों में स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर हो इलाज की अच्छी सुविधा मिले इसके लिए स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की व्यवस्था की गई है. स्पेशलिस्ट चिकित्सकों का वेतन एक बराबर किया गया है. इसके अलावा आयुष चिकित्सकों के वेतन बढ़ोतरी की गई है. हेल्थ के क्षेत्र में जो इंफ्रास्ट्रक्चर है उसको सुदृढ़ किया जा रहा है और इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा तो मैनपावर की भी आवश्यकता होगी. आने वाले समय में 160000 बहाली स्वास्थ्य विभाग में की जाएगी." - तेजस्वी यादव. डिप्टी सीएम

"24 जिलों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है. जिसमें 8 जिले जो सर्वाधिक प्रभावित जिले हैं, वहां तीन प्रकार के टेबलेट खिलाए जाएंगे. शेष 16 जिले में दो प्रकार के टेबलेट खिलाए जाने हैं. फाइलेरिया के लगभग डेढ़ लाख मरीज प्रदेश में है जिसमें हाथीपांव के सर्वाधिक 95000 मामले हैं. हाइड्रोसील के 17000 मरीज है. लगातार दो वर्ष दवाओं का नियमित सेवन लोग कर ले तो प्रदेश फैलेरिया से मुक्त हो सकता है. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की खासियत यह है कि अत्यधिक बीमार व्यक्तियों को छोड़कर सभी लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खिलाई जाएंगी. दवाइयों का खाली पेट सेवन नहीं करना है." - संजय कुमार सिंह, स्वास्थ विभाग के सचिव और राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक

"फाइलेरिया यानी की हाथी पांव की बीमारी क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है. यह एक लाइलाज बीमारी है. यह रोग इंसान को धीरे धीरे विकलांग और लाचार कर देता है. इसे इसलिए अत्यधिक खराब माना जाता है क्योंकि इस रोग से संक्रमित व्यक्ति को लक्षण दिखने में 5 से 15 वर्ष का समय लग जाता है. कोई व्यक्ति यदि फाइलेरिया से संक्रमित हो गया है, लेकिन लक्षण नहीं नजर आ रहे हैं और वह निरंतर हर साल दवाओं का सेवन कर रहा है तो उसमें इसका असर अत्यधिक नहीं देखने को मिलेगा. फैलेरिया का वीभत्स स्वरूप के शिकार होने से वह बच जाएगा." - विभा कुमारी, स्वास्थ्य विभाग की क्षेत्रीय निदेशक

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