पटना: पटना के होटल मौर्या में राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है. इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तेजप्रताप यादव, मीसा भारती, भोला यादव, अब्दुल बारी सिद्दकी समेत कई नेता मौजूद हैं. बैठक में लोकसभा चुनावों में करारी हार और आगामी चुनौतियों पर मंथन किया जा रहा है.
बैठक में तेजस्वी यादव ने कहा कि किसी भी दल के लिये राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक महत्वपूर्ण होती है. उन्होंने कहा कि पार्टी में जो भी परेशानी है उसे दूर की जायेगी. बता दें कि राजद ने पार्टी के विस्तार के लिये 50 हजार नये सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है.
हार पर मंथन
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जा रही है. बताया जाता है कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद कुछ अहम फैसले भी लिये जा सकते हैं. बैठक में शामिल होने के लिए 25 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को भी न्योता भेजा गया था. पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एसएम कमर ने जानकारी देते हुये बताया कि बैठक में लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा होगी. रणनीति और कार्यक्रमों पर विचार किया जायेगा.
नेताओं से नाराज दिखीं राबड़ी
मालूम हो कि इससे पहले शुक्रवार को भी पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने लोकसभा चुनाव में हार का जिक्र किया था. जहां उन्होंने कहा कि पार्टी के हार की जिम्मेदारी किसी एक की नहीं है बल्कि इसके लिए हम सभी दोषी हैं. 'हार के जिम्मेदार तेजस्वी नहीं'
राबड़ी ने किया तेजस्वी का बचाव
तेजस्वी का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए सिर्फ तेजस्वी यादव को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है. पार्टी के सीनियर लीडर्स ने भी अपनी भूमिका सही से नहीं निभाई. तेजस्वी ने तो लगभग 200 सभाएं की. उन्होंने नेताओं को सलाह दी कि कुर्ता पजामा पहनकर घूमने से नहीं होगा. जनता के पास जाइए. चुनाव का इंतजार नहीं करना है, हमेशा जनता के बीच रहिए.
पार्टी के अंदर मची उथल-पुथल
बता दें कि हार के बाद से ही राजद के अंदर उथल-पुथल का दौर जारी है. पार्टी के अंदर हार के लिए एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. वहीं, तेजस्वी यादव चुनाव नतीजे आने के बाद से ही पटना से लगभग एक महीने तक गायब रहे. सत्ता पक्ष ने इसे लेकर विपक्ष पर काफी तंज भी किया. यहां तक की राजद पार्टी को दूसरा नेता चुनने तक की सलाह दी गई. मॉनसून सत्र शुरू होने के बाद भी प्रतिपक्ष के नेता का सदन से गायब रहना एक संवैधानिक संकट बताया गया. जिसके बाद तेजस्वी यादव ने ट्वीट के जरिए अपनी बीमारी की बात कही.