नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से 18 लोगों की मौत हो गई. वहीं, करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए. केंद्र ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं. इस बीच सरकार ने मृतक के परिजनों को 10 लाख, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख, मामूली रूप से घायलों को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है.
यह घटना प्लेटफार्म नंबर 14/15 पर रात करीब साढ़े आठ बजे उस समय हुई, जब यात्री प्रयागराज की ओर जाने वाली दो ट्रेनों का इंतजार कर रहे थे, लेकिन ये ट्रेनें नहीं पहुंचीं, जिससे प्लेटफार्म पर यात्रियों की भीड़ एकत्रित हो गई.
#WATCH | Delhi | Visuals from New Delhi Railway Station, where a stampede broke out at around 10 PM yesterday, leaving 18 people dead and several others injured. pic.twitter.com/oQF2cZoOVx
— ANI (@ANI) February 16, 2025
इस बीच वाराणसी जाने वाली शिवगंगा एक्सप्रेस के प्लेटफार्म पर खड़ी होने से उसके यात्री भी प्लेटफार्म पर पहुंचना शुरू हो गए. ऐसे में भीड़ बढ़ गई और धक्का-मुक्की होने लगी, जो अचानक भगदड़ में बदल गई. बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब भारत में इस तरह से भगदड़ मची हो. पिछले कुछ साल में देश के अलग-अलग हिस्सों में इस तरह की घटनाएं होती रही हैं.
प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़
हाल ही में उत्तर प्रदेश केप्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में भगदड़ मच गई थी. इस हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि लगभग 60 लोग घायल हो गए थे. यह भगदड़ मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान के मौके पर मची थी.
तिरुपति बालाजी के पास भगदड़
जनवरी 2025 में दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश में भारत के सबसे व्यस्त और सबसे अमीर मंदिरों में से एक तिरुपति बालाजी के पास भगदड़ मचने से कम से कम छह लोग मारे गए और 35 घायल हो गए. यह घटना उस समय हुई, जब हजारों हिंदू श्रद्धालु मुफ्त दर्शन पास हासिल करने के लिए वहां एकत्र हुए थे.
हाथरस में सत्संग के कार्यक्रम में भगदड़
इससे पहले जुलाई 2024 को उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मच गई थी. इस हादसे में करीब 120 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए. नारायण साकार हरि उर्फ़ भोले बाबा का सत्संग को नेशनल हाइवे 34 पर उत्तर प्रदेश के हाथरस के फुलराई गांव में आयोजित हुआ था.
वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़
इससे पहले जनवरी 2022 में जम्मू-कश्मीर में वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ मचने से कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. यह घटना उस समय हुई जब श्रद्धालुओं की एक बड़ी भीड़ ने संकरे मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की.
मध्य प्रदेश के रतनगढ़ मंदिर में भगदड़
इसी तरह नवंबर 2013 में मध्य प्रदेश के रतनगढ़ मंदिर में भगदड़ मचने से करीब 115 लोगों की मौत हो गई थी और सौ से अधिक लोग घायल हो गए. यहां देवी दुर्गा की पूजा करने वाले नौ दिनों के त्योहार नवरात्रि का जश्न मनाने के लिए 150,000 से अधिक लोग एकत्र हुए थे.
कुंभ मेले में भगदड़ में 36 की मौत
फरवरी 2013 में उत्तर प्रदेश में कुंभ मेले के सबसे व्यस्त दिन मची भगदड़ में कम से कम 36 हिंदू तीर्थयात्री मारे गए. मृतकों में 27 महिलाएं थीं, जिनमें एक आठ साल की बच्ची भी शामिल थी.
मंदिर में मुफ्त भोजन लेने आई भीड़ में भगदड़
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2010 में उत्तर प्रदेश के एक हिंदू मंदिर में मुफ्त भोजन और कपड़ों के लिए भारी भीड़ इकठ्ठा हो गई. इसके कारण वहां भगदड़ मच गई और कम से कम 63 लोग मारे गए, जिनमें आधे से ज़्यादा बच्चे थे.
चामुंडागर मंदिर 250 की मौत
सितंबर 2008 में राजस्थान के चामुंडागर मंदिर में नवरात्रि मनाने के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्री इकट्ठा हुए. इस दौरान वहां भगदड़ मच गई औरकुल 250 लोग कुचलकर मारे गए.
भूस्खलन की अफवाह से भगदड़
उत्तरी राज्य हिमाचल प्रदेश में पहाड़ी की चोटी पर स्थित नैना देवी मंदिर में अगस्त 2008 के दिन भूस्खलन की अफवाहों के कारण मची भगदड़ में लगभग 145 हिंदू तीर्थयात्री मारे गए.
मंधारदेवी मंदिर में भगदड़
जनवरी 2005 में पश्चिमी महाराष्ट्र में मंधारदेवी मंदिर में भगदड़ मचने से 265 से ज़्यादा हिंदू श्रद्धालु मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए. उस समय मीडिया ने बताया कि मंदिर तक जाने वाली सीढ़ियां फिसलन भरी होने के कारण भगदड़ मची थी.
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