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पटना: पुत्र प्राप्ति के बाद नजमा 9 साल से कर रही छठ, पूरा परिवार करता सहयोग - patna latest news

लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja 2022) हर कोई श्रद्धा भाव से करता है. बिहार यूपी के साथ-साथ पूरे देश और विदेश में भी छठ व्रत किया जाता है. इतना ही नहीं इस महापर्व को पूरे भक्ति भाव से कुछ मुस्लिम महिलाएं भी करती हैं. ऐसी ही एक महिला नजमा खातून हैं जो पिछले नौ साल से छठ व्रत कर रही हैं. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Oct 28, 2022, 6:36 PM IST

Updated : Oct 29, 2022, 6:09 PM IST

पटना: बिहार-यूपी में हिंदू समाज द्वारा बड़े उत्साह से छठ महापर्व मनाया जाता है. लेकिन कुछ मुस्लिम परिवार भी हैं जो पूरी श्रद्धा और उत्साह से छठ पूजा (Chhath Puja) करते हैं. पटना की छज्जू बाबू क्षेत्र में रहने वाली महिला नजमा खातून बताती हैं कि वह बीते 9 वर्षों से छठ महापर्व (Muslim Woman Is Doing Chhath Fast In Patna) करती आ रही हैं. नहाए खाए से छठ पूजा की शुरुआत होती है और उस दिन वो गंगा नदी में जाकर स्नान करती हैं. इसके बाद खरना करती हैं और फिर गंगा घाट पर जाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं.

ये भी पढे़ं- Chhath Puja 2022: आस्था का महापर्व छठ नहाए खाए के साथ शुरू, पटना के गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़

संतान प्राप्ति के लिए शुरू की थी छठ : नजमा ने बताया कि उसे संतान का सुख नहीं मिल पा रहा था. बच्चे तो हुए, लेकिन जीवित नहीं रह पाये. जिसके बाद उसने कई पीर के पास जाकर मत्था टेका. कई दरगाह में जाकर मत्था टेका. लेकिन कहीं कोई लाभ नहीं हुआ. फिर उन्हें किसी ने सुझाव दिया कि छठ पूजा करें तो पुत्र प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होगी. इसके बाद उन्होंने छठ पूजा की. उसके बाद पुत्र की प्राप्ति हुई. अब पांच पुत्र-पुत्री हो चुके हैं. सभी स्वस्थ हैं. पुत्र की प्राप्ति के बाद से वह लगातार छठ पूजा करती आ रही हैं. हर बार वह छठ पूजा में जो मन्नत मांगती हैं, वह पूरा होता है. इससे उनकी श्रद्धा और बढ़ जाती है.

'छठ पूजा की शुरुआत की तो समाज के लोगों ने उनका बहिष्कार किया. लेकिन अब इस बात का कोई अधिक फर्क नहीं पड़ता है. क्योंकि खुद से मेहनत करना है, कमाना खाना है. अपनी आस्था के लिए छठ पूजा करती हूं. जिस पुत्र की प्राप्ति के लिए छठ पूजा की शुरुआत की थी, वह अभी घर से दूर है. इस बार छठ में घर पर नहीं है. छठी मैया से मांगती हूं कि अगली बार छठ पूजा में वह मेरे साथ रहे. छठ पूजा के खरना के दिन पूरे साफ-सफाई से आम की लकड़ी के जलावन से प्रसाद बनाती हूं और प्रसाद बनाने में बेटियां मदद करती हैं. प्रसाद में ठेकुआ, खजूर बनाती हूं और अर्घ्य के दिन गाड़ी रिजर्व करके पूरे परिवार के साथ गंगा किनारे छठ घाट पर जाती हूं. पूरे विधि-विधान से छठ पूजा करती हूं. जब तक जीवित रहूंगी, छठ पूजा करती रहूंगी.' - नजमा खातून, छठ व्रती

आज है नहाय खाय : गौरतलब है कि चार दिनों तक चलने वाले छठ व्रत (Chhath Puja 2022 In Bihar) की शुरूआत आज नहाय खाय (Nahay Khay) के साथ हो गई है. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान करके नए कपड़े पहनकर पूजा करती हैं. छठव्रतियों को नए कपड़े की आवश्यकता होती है. पीले और लाल रंग के कपड़ों की विशेष महत्ता होती है. हालांकि दूसरे रंग के कपड़े भी पहने जा सकते हैं. स्नान के बाद ही छठव्रती चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण करती हैं.

छठ पूजा की तिथि

  • पहला दिन- नहाय खाय (28 अक्टूबर 2022, शुक्रवार)
  • दूसरा दिन- खरना (29 अक्टूबर 2022, शनिवार)
  • तीसरा दिन- अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य (30 अक्टूबर 2022, रविवार)
  • आखिरी दिन व चौथे दिन- उदीयमान सूर्य को अर्घ्य (31 अक्टूबर 2022, सोमवार)

बता दें कि आज 28 अक्टूबर 2022 को नहाय खाय है. नहाय खाय से छठ पूजा का आरंभ हो जाता है. 29 अक्टूबर शनिवार के दिन दिन खरना किया जाएगा. 30 अक्टूबर रविवार शाम को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं 31 अक्टूबर सोमवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. और इसके साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाता है.


पटना: बिहार-यूपी में हिंदू समाज द्वारा बड़े उत्साह से छठ महापर्व मनाया जाता है. लेकिन कुछ मुस्लिम परिवार भी हैं जो पूरी श्रद्धा और उत्साह से छठ पूजा (Chhath Puja) करते हैं. पटना की छज्जू बाबू क्षेत्र में रहने वाली महिला नजमा खातून बताती हैं कि वह बीते 9 वर्षों से छठ महापर्व (Muslim Woman Is Doing Chhath Fast In Patna) करती आ रही हैं. नहाए खाए से छठ पूजा की शुरुआत होती है और उस दिन वो गंगा नदी में जाकर स्नान करती हैं. इसके बाद खरना करती हैं और फिर गंगा घाट पर जाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं.

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संतान प्राप्ति के लिए शुरू की थी छठ : नजमा ने बताया कि उसे संतान का सुख नहीं मिल पा रहा था. बच्चे तो हुए, लेकिन जीवित नहीं रह पाये. जिसके बाद उसने कई पीर के पास जाकर मत्था टेका. कई दरगाह में जाकर मत्था टेका. लेकिन कहीं कोई लाभ नहीं हुआ. फिर उन्हें किसी ने सुझाव दिया कि छठ पूजा करें तो पुत्र प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होगी. इसके बाद उन्होंने छठ पूजा की. उसके बाद पुत्र की प्राप्ति हुई. अब पांच पुत्र-पुत्री हो चुके हैं. सभी स्वस्थ हैं. पुत्र की प्राप्ति के बाद से वह लगातार छठ पूजा करती आ रही हैं. हर बार वह छठ पूजा में जो मन्नत मांगती हैं, वह पूरा होता है. इससे उनकी श्रद्धा और बढ़ जाती है.

'छठ पूजा की शुरुआत की तो समाज के लोगों ने उनका बहिष्कार किया. लेकिन अब इस बात का कोई अधिक फर्क नहीं पड़ता है. क्योंकि खुद से मेहनत करना है, कमाना खाना है. अपनी आस्था के लिए छठ पूजा करती हूं. जिस पुत्र की प्राप्ति के लिए छठ पूजा की शुरुआत की थी, वह अभी घर से दूर है. इस बार छठ में घर पर नहीं है. छठी मैया से मांगती हूं कि अगली बार छठ पूजा में वह मेरे साथ रहे. छठ पूजा के खरना के दिन पूरे साफ-सफाई से आम की लकड़ी के जलावन से प्रसाद बनाती हूं और प्रसाद बनाने में बेटियां मदद करती हैं. प्रसाद में ठेकुआ, खजूर बनाती हूं और अर्घ्य के दिन गाड़ी रिजर्व करके पूरे परिवार के साथ गंगा किनारे छठ घाट पर जाती हूं. पूरे विधि-विधान से छठ पूजा करती हूं. जब तक जीवित रहूंगी, छठ पूजा करती रहूंगी.' - नजमा खातून, छठ व्रती

आज है नहाय खाय : गौरतलब है कि चार दिनों तक चलने वाले छठ व्रत (Chhath Puja 2022 In Bihar) की शुरूआत आज नहाय खाय (Nahay Khay) के साथ हो गई है. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान करके नए कपड़े पहनकर पूजा करती हैं. छठव्रतियों को नए कपड़े की आवश्यकता होती है. पीले और लाल रंग के कपड़ों की विशेष महत्ता होती है. हालांकि दूसरे रंग के कपड़े भी पहने जा सकते हैं. स्नान के बाद ही छठव्रती चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण करती हैं.

छठ पूजा की तिथि

  • पहला दिन- नहाय खाय (28 अक्टूबर 2022, शुक्रवार)
  • दूसरा दिन- खरना (29 अक्टूबर 2022, शनिवार)
  • तीसरा दिन- अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य (30 अक्टूबर 2022, रविवार)
  • आखिरी दिन व चौथे दिन- उदीयमान सूर्य को अर्घ्य (31 अक्टूबर 2022, सोमवार)

बता दें कि आज 28 अक्टूबर 2022 को नहाय खाय है. नहाय खाय से छठ पूजा का आरंभ हो जाता है. 29 अक्टूबर शनिवार के दिन दिन खरना किया जाएगा. 30 अक्टूबर रविवार शाम को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं 31 अक्टूबर सोमवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. और इसके साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाता है.


Last Updated : Oct 29, 2022, 6:09 PM IST
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