पटना: राजधानी वासियों के लिए पेयजल आपूर्ति को लेकर नगर निगम नई शुरुआत करने जा रहा है. मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना के तहत 'हर घर नल का जल' से शुद्ध पानी के तहत नगर निगम ने काम शुरू कर दिया है. इसको लेकर निगम के सशक्त स्थाई समिति के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने कहा कि 6 से 8 महीने के अंदर पटनावासियों को शुद्ध पानी पीने को मिलेगा.
पानी की शुद्धता में पटना 10वें स्थान पर
बता दें कि जब से भारतीय मानक ब्यूरो ने देश के विभिन्न शहरों के पानी के नमूने की जांच की है. साथ ही पानी की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए हैं. तब से हर तरफ शुद्ध पानी पीने की चर्चा शुरू हो रही है. भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार पानी की शुद्धता के मामले में पटना को दसवां स्थान मिला है. पानी की शुद्धता को लेकर पटना में भी अब चर्चा होनी शुरू हो गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि जल आपूर्ति परिषद जो पटना नगर निगम के पास है वह पटना वासियों तक शुद्ध पानी कैसे मुहैया कराएगा.
'हर घर तक पहुंचाएंगे शुद्ध पानी'
नगर निगम के सशक्त स्थाई समिति के सदस्य ने कहा कि पानी की गुणवत्ता में कमी है उसको लेकर निगम हर संभव शुद्ध पानी पिलाने की कोशिश कर रहे हैं. शुद्ध पानी के लिए पटना में लगभग हर घर 77 पंप लगाने की योजना है. यह काम 7 से 8 महीने के अंदर पूरा हो जाएगा. जिसके लिए लगभग पटना शहर में 193 योजनाएं पाइप लाइन विस्तार के लिए कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शुद्ध पानी के लिए निगम लगभग 700 से 800 फीट नीचे से पानी निकालकर प्यूरीफाई कर लोगों को अच्छी क्वालिटी का पानी पाइप लाइन के जरिए घर तक पहुंचाएंगे.
कमी के आधार पर की जाएगी जांच
इंद्रदीप चंद्रवंशी ने बताया कि पटना नगर निगम के जल आपूर्ति पाइप की जो योजना पहले से बनी थी वह सारा पाइप खराब हो चुका है और एक बार फिर से नए सिरे से पाइप बिछाया जाएगा. पानी की गुणवत्ता में कमी आ जाने के कारण नगर निगम ने एक बार फिर से जलापूर्ति को लेकर बिहार लोक सेवा अभियंत्रण विभाग के पानी की जांच के लिए अभियंत्रण विभाग के पास भेजा है. कुछ दिनों में ही रिपोर्ट आ जाएगी की हमारे पानी की गुणवत्ता में कितनी कमी है उसके आधार पर हम आगे की कार्रवाई भी करेंगे.