पटना: राजधानी पटना (Patna) में महज एक घंटे की मूसलाधार बारिश (Heavy Rain) के चलते पाटलिपुत्र कॉलोनी की सभी सड़कें जलमग्न हो गईं. सहयोग हॉस्पिटल परिसर में घुटने तक पानी होने से मरीजों को ले जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. वहीं, नगर निगम (Patna Municipal Corporation) का दावा एक बार फिर से खोखला साबित हुआ है.
ये भी पढ़ें- पटना नगर निगम के दावे हुए पानी-पानी, चंद घंटों की बारिश में फिर डूबी राजधानी
नगर निगम के अधिकारियों ने पिछली बार पाटलिपुत्र कॉलोनी के रहने वाले लोगों को पूरी तरह से आश्वस्त किया था कि आगे से बारिश के चलते होने वाले से जलजमाव से निजात मिलेगा. तेज बारिश से इलाके के कई घरों में बारिश का पानी घुस गया था. इसके चलते लोगों को परेशान देखा गया. वहीं, सड़क पर घुटनों तक पानी जमा होने के चलते साइकिल, बाइक और रिक्शे से आवाजाही करने वालो को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
दो दिन पहले ही ईटीवी भारत की टीम ने इलाके का जायजा लेने के बाद यह पाया था कि बारिश होने पर इलाके में रहने वाले लोगों को फिर से परेशानी होने कि संभावना दिख रही है. वहीं, क्षेत्र के लोगों ने भी यह आशंका व्यक्त की थी कि वर्तमान समय में नगर निगम और कॉपरेटिव सोसायटी के जिम्मेवार अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं. वहीं, क्षेत्र में अतिक्रमण और सीवरेज से लेकर नाले की खस्ता हाल को भी काफी प्रमुखता से दिखाया गया था.
''बारिश के मौसम में हमेशा यह समस्या बनी रहती है. फिर भी पटना नगर निगम के आलाधिकारी इस बात से अंजान बने रहते हैं. इस क्षेत्र में नमामि गंगे योजना के तहत हो रहा कार्य भी सवालों के घेरे में है. बारिश के पहले सभी कार्य पूरे क्यों नहीं किए जाते हैं. इस स्थिति के लिए सरकार की नीति जिम्मेवार है.''- डॉक्टर एन पी नारायण, शिशु विशेषज्ञ
जलजमाव में फंसे एक मरीज के परिजन ने बताया कि वह सहयोग हॉस्पिटल में उसके इलाज करा रहे मरीज के लिये दवा खरीदकर वापस आ रहा था, लेकिन अस्पताल परिसर में एकाएक घुटने तक पानी होने के चलते अपनी गाड़ी को भी लेकर जाने में असमर्थ है. वहीं, संतोष नामक एक युवक ने बताया कि क्षेत्र में जलजमाव इतना ज्यादा हो गया है कि रिक्शा वाला भी आगे जाने को तैयार नहीं हो रहा था, तो पैदल ही निकल गया हूं.
ये भी पढ़ें- 2 घंटे की बारिश में लबालब हुआ गर्दनीबाग अस्पताल, स्वास्थ्य कर्मियों की बढ़ी परेशानी
बता दें कि हर बारिश में यहां की स्थिति नरकीय बन जाती है. वहीं, सप्ताहभर तक जलजमाव बना रहता है. बहरहाल, क्षेत्र में जलजमाव वाली जगहों के आसपास सीवरेज नालों को तुरंत साफ करना पड़ेगा. साथ ही अतिक्रमण को यथाशीघ्र दूर करने लिए संबंधित विभाग को पहल करनी होगी, नहीं तो फिर से बारिश होगी तो स्थिति काफी भयावह साबित होगी.