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खिलाड़ियों और स्टेडियम की स्थिति बदहाल, प्लेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष करेंगे आमरण अनशन

बिहार में खेल सुविधाओं को लेकर प्लेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी (Players Association President Mrityunjay Tiwari) 23 अगस्त से आमरण अनशन करेंगे. वहीं, खिलाड़ी और प्रशिक्षक भी मानते हैं कि प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में हमारे खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पाते हैं.

प्लेयर एसोसिएशन
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Published : Aug 10, 2021, 8:38 PM IST

पटना: हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद (Major Dhyan Chand) के जन्मदिन पर देश में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) मनाया जाता है. इस दिन बढ़िया प्रदर्शन करने वाले खिलाड़यों को सम्मानित किया जाता है. अभी हालिया टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में मेडल जीतने वाले खिलाड़ी भी उस दिन सम्मानित होंगे. बेहतर खेल सुविधाओं के कारण हरियाणा और मणिपुर समेत अन्य राज्यों के खिलाड़ी तो खेलों में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन बिहार अभी भी काफी पीछे है. ऐसे में खिलाड़ी और स्टेडियम बदहाली को लेकर प्लेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) 23 अगस्त से आमरण अनशन पर बैठेंगे.

ये भी पढ़ें: नीरज चोपड़ा को 'आशुतोष' देता था चुनौती, मिलता मौका तो यह बिहारी भी ओलंपिक में लहराता तिरंगा

वैसे तो बिहार में राष्ट्रीय स्तर के दर्जनों खिलाड़ी हैं, लेकिन खिलाड़ियों को सही प्लेटफार्म और अच्छा स्टेडियम नहीं मिलने से वे अपनी प्रैक्टिस नहीं कर पाते हैं. बिहार सरकार खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए कितनी गंभीर है, यह इस बात से भी जाहिर होता है कि राजधानी के मोइनुल हक स्टेडियम की दशा दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. इसके बावजूद सरकार की तरफ से जरा भी ध्यान नहीं दिया जाता है.

देखें रिपोर्ट

बिहार सरकार के द्वारा खेल विश्वविद्यालय बनाने की तैयारी है, लेकिन जो स्टेडियम पहले से बने हैं, उनका अस्तित्व भी खतरे में है. यहां तक कि मौजूदा स्टेडियम अतिक्रमण का दंश झेल रहा है. खिलाड़ी और प्रशिक्षक इस स्थिति से काफी निराश हैं.

खेल प्रशिक्षक अजीत कुमार ने बताया कि खिलाड़ियों को मलाल इस बात का भी है कि बिहार के खिलाड़ी इतना बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं, फिर भी सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार को खेलों को लेकर गंभीरता दिखानी चाहिए. जब तक सुविधा अच्छी नहीं होगी, भला खिलाड़ी कैसे अच्छा कर पाएंगे.

वहीं, खिलाड़ियों ने भी सरकार से मांग की है कि खेलों को लेकर गंभीर पहल की जाए. प्लेयर रवि राज कहते हैं कि सरकार के द्वारा खिलाड़ियों को नौकरी दी जाती है, लेकिन उसकी बहाली प्रक्रिया कई वर्षों से रुकी पड़ी हुई है. सरकार खेल दिवस के मौके पर खिलाड़ियों को सिर्फ सम्मानित करने का काम करती है, लेकिन बिहार के खिलाड़ियों को अगर सही प्लेटफॉर्म मिलता है तो वह बिहार का नाम रोशन करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. सरकार की तरफ से पूरे बिहार में कोई अच्छा ग्राउंड नहीं है. कुछ ग्राउंड अगर हैं भी तो वहां पर पानी लगा रहता है.

ये भी पढ़ें: बिहार में खेल विश्वविद्यालय से बहुरेंगे दिन, खिलाड़ियों को मिलेगा प्रशिक्षण और रोजगार

प्लेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी बिहार के खिलाड़ी और स्टेडियम की जर्जर हालत को लेकर 23 अगस्त से आमरण अनशन करेंगे. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि खेल विश्वविद्यालय बनाने की तैयारी की जा रही है, लेकिन जो स्टेडियम बने हुए हैं उसकी हालत दिन प्रतिदिन जर्जर होती जा रही है. उन्होंने कहा कि स्टेडियम का कोई मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है. सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कई वर्षों से खिलाड़ियों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है, सरकार खिलाड़ियों के साथ छलावा करने का काम कर रही है.

पटना: हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद (Major Dhyan Chand) के जन्मदिन पर देश में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) मनाया जाता है. इस दिन बढ़िया प्रदर्शन करने वाले खिलाड़यों को सम्मानित किया जाता है. अभी हालिया टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में मेडल जीतने वाले खिलाड़ी भी उस दिन सम्मानित होंगे. बेहतर खेल सुविधाओं के कारण हरियाणा और मणिपुर समेत अन्य राज्यों के खिलाड़ी तो खेलों में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन बिहार अभी भी काफी पीछे है. ऐसे में खिलाड़ी और स्टेडियम बदहाली को लेकर प्लेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) 23 अगस्त से आमरण अनशन पर बैठेंगे.

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वैसे तो बिहार में राष्ट्रीय स्तर के दर्जनों खिलाड़ी हैं, लेकिन खिलाड़ियों को सही प्लेटफार्म और अच्छा स्टेडियम नहीं मिलने से वे अपनी प्रैक्टिस नहीं कर पाते हैं. बिहार सरकार खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए कितनी गंभीर है, यह इस बात से भी जाहिर होता है कि राजधानी के मोइनुल हक स्टेडियम की दशा दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. इसके बावजूद सरकार की तरफ से जरा भी ध्यान नहीं दिया जाता है.

देखें रिपोर्ट

बिहार सरकार के द्वारा खेल विश्वविद्यालय बनाने की तैयारी है, लेकिन जो स्टेडियम पहले से बने हैं, उनका अस्तित्व भी खतरे में है. यहां तक कि मौजूदा स्टेडियम अतिक्रमण का दंश झेल रहा है. खिलाड़ी और प्रशिक्षक इस स्थिति से काफी निराश हैं.

खेल प्रशिक्षक अजीत कुमार ने बताया कि खिलाड़ियों को मलाल इस बात का भी है कि बिहार के खिलाड़ी इतना बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं, फिर भी सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार को खेलों को लेकर गंभीरता दिखानी चाहिए. जब तक सुविधा अच्छी नहीं होगी, भला खिलाड़ी कैसे अच्छा कर पाएंगे.

वहीं, खिलाड़ियों ने भी सरकार से मांग की है कि खेलों को लेकर गंभीर पहल की जाए. प्लेयर रवि राज कहते हैं कि सरकार के द्वारा खिलाड़ियों को नौकरी दी जाती है, लेकिन उसकी बहाली प्रक्रिया कई वर्षों से रुकी पड़ी हुई है. सरकार खेल दिवस के मौके पर खिलाड़ियों को सिर्फ सम्मानित करने का काम करती है, लेकिन बिहार के खिलाड़ियों को अगर सही प्लेटफॉर्म मिलता है तो वह बिहार का नाम रोशन करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. सरकार की तरफ से पूरे बिहार में कोई अच्छा ग्राउंड नहीं है. कुछ ग्राउंड अगर हैं भी तो वहां पर पानी लगा रहता है.

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प्लेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी बिहार के खिलाड़ी और स्टेडियम की जर्जर हालत को लेकर 23 अगस्त से आमरण अनशन करेंगे. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि खेल विश्वविद्यालय बनाने की तैयारी की जा रही है, लेकिन जो स्टेडियम बने हुए हैं उसकी हालत दिन प्रतिदिन जर्जर होती जा रही है. उन्होंने कहा कि स्टेडियम का कोई मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है. सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कई वर्षों से खिलाड़ियों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है, सरकार खिलाड़ियों के साथ छलावा करने का काम कर रही है.

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