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'शिक्षकों और स्कूलों का भला किए बिना कैसे चलेगी नई शिक्षा नीति'

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Published : Aug 7, 2020, 2:33 PM IST

मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जब तक सरकार स्कूलों की आधारभूत संरचना को बेहतर नहीं करती तब तक शिक्षा का भला कैसे हो सकता है.

मृत्युंजय तिवारी
मृत्युंजय तिवारी

पटनाः नई शिक्षा नीति को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इससे देश में एक नया परिवर्तन आएगा. वर्षों से शिक्षा नीति का स्वरूप बदलने की जरूरत महसूस की जा रही थी जिसके बाद नई शिक्षा नीति लागू की गई है. इधर बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने नयी शिक्षा नीति की कई खामियां गिनाईं हैं.

'शिक्षकों को भूल जाती है सरकार'
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सरकार ने शिक्षा नीति का स्वरूप बदल दिया है. कई बड़े परिवर्तन किए गए हैं. जिनका प्रभाव आने वाले सालों में पता चलेगा. लेकिन एक बात तो तय है कि सरकार शिक्षा की बात करती है, लेकिन शिक्षकों को भूल जाती है.

बयान देते राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी

ये भी पढ़ेंः प्रधानमंत्री ने बताए नई शिक्षा नीति के फायदे, कहा- किताबों का बोझ होगा कम

'शिक्षकों की स्थिति सुधारे बिना नहीं होगा शिक्षा में सुधार'
राजद नेता ने कहा कि जब तक शिक्षकों की स्थिति नहीं सुधरेगी, जब तक स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षक नहीं होंगे और शिक्षकों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जाएंगी तब तक देश में शिक्षा की स्थिति सुधारना मुश्किल है. मृत्युंजय तिवारी ने ये भी कहा कि जब तक सरकार स्कूलों की आधारभूत संरचना को बेहतर नहीं करती तब तक शिक्षा का भला कैसे हो सकता है.

राजद नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूलों में शिक्षकों की घोर कमी है. यही नहीं, कॉलेजों में भी आधारभूत संरचना और शिक्षकों का बड़ा अभाव है. जब तक इन सारी खामियों को दूर नहीं किया जाता तब तक नई शिक्षा नीति से बेहतर नतीजे की उम्मीद करना बेमानी है.

पटनाः नई शिक्षा नीति को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इससे देश में एक नया परिवर्तन आएगा. वर्षों से शिक्षा नीति का स्वरूप बदलने की जरूरत महसूस की जा रही थी जिसके बाद नई शिक्षा नीति लागू की गई है. इधर बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने नयी शिक्षा नीति की कई खामियां गिनाईं हैं.

'शिक्षकों को भूल जाती है सरकार'
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सरकार ने शिक्षा नीति का स्वरूप बदल दिया है. कई बड़े परिवर्तन किए गए हैं. जिनका प्रभाव आने वाले सालों में पता चलेगा. लेकिन एक बात तो तय है कि सरकार शिक्षा की बात करती है, लेकिन शिक्षकों को भूल जाती है.

बयान देते राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी

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'शिक्षकों की स्थिति सुधारे बिना नहीं होगा शिक्षा में सुधार'
राजद नेता ने कहा कि जब तक शिक्षकों की स्थिति नहीं सुधरेगी, जब तक स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षक नहीं होंगे और शिक्षकों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जाएंगी तब तक देश में शिक्षा की स्थिति सुधारना मुश्किल है. मृत्युंजय तिवारी ने ये भी कहा कि जब तक सरकार स्कूलों की आधारभूत संरचना को बेहतर नहीं करती तब तक शिक्षा का भला कैसे हो सकता है.

राजद नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूलों में शिक्षकों की घोर कमी है. यही नहीं, कॉलेजों में भी आधारभूत संरचना और शिक्षकों का बड़ा अभाव है. जब तक इन सारी खामियों को दूर नहीं किया जाता तब तक नई शिक्षा नीति से बेहतर नतीजे की उम्मीद करना बेमानी है.

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