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बिहार में अधिकांश कोरोना संक्रमण चेन को किया गया चिन्हित, प्रवासियों पर रखी जा रही विशेष नजर

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Published : May 4, 2020, 11:26 PM IST

संजय कुमार ने बताया कि जो भी बिहारी अन्य प्रदेशों से वापस आ रहे हैं. उनकी पूरी तरह से हेल्थ जांच की जा रही है. अगर किसी में भी कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जा रहे हैं. तो ऐसे लोगों को स्वास्थ्य विभाग तुरंत जांच के लिए भेज रही है.

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार

पटना: बिहार वापस आ रहे मजदूर और छात्रों को लेकर जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि बाहर से आ रहे हैं प्रवासियों के लिए इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि जो स भी श्रमिक, पर्यटक और छात्र ट्रेन के माध्यम से वापस आ रहे हैं. उनकी पहले स्क्रीनिंग की जा रही है. हेल्थ जांच के बाद उनको गृह जिले वापस जाने के इजाजत दी जा रही है.

'बिहार में कोरोना संक्रमण के 525 मामले'
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि बिहार में कोरोना संक्रमण के 525 मामले की पुष्टि हुई है. जिनमें 129 लोग स्वस्थ हो चुके हैं. जबकि 4 लोग की मौत हो चुकी है. उन्होंने बताया कि सरकार प्रवासियों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है. बिहार वापस आ रहे लोगों पर पूरी निगरानी रखी जा रही है. ट्रेन से उतरने के बाद सभी लोगों की पहले स्क्रीनिंग की जाती है. इसके बाद सभी सरकारी प्रकिया पूरी करने के बाद उन्हें उनके गृह जिला भेज दिया जाता है. जहां सभी लोगों को प्रखंड क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है. इन केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और अन्य विभाग सतत नजर रख रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'नाबालिगों के लिए होम क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था'
संजय कुमार ने बताया कि जो भी बिहारी अन्य प्रदेशों से वापस आ रहे हैं उनकी पूरी तरह से हेल्थ जांच की जा रही है. अगर किसी में भी कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जा रहे हैं, तो ऐसे लोगों को स्वास्थ्य विभाग तुरंत जांच के लिए भेज रही है. जांच में पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों की प्रोटोकाल के मुताबिक आईसोलेशन में रखकर इलाज की जाएगी. वहीं, जिनका जांच रिपोर्ट निगेटिव आ रहा है. उनको प्रखंड के क्वारंटाईन सेंटर में भेजा रहा है. उन्होंने बताया कि नाबालिगों के लिए अलग नियम बनाए गए हैं. नाबिलिगों को सेल्फ डिक्लेरेशन फार्म भराकर उन्हें होम क्वारंटाईन में रहने की शर्त पर जाने दिया जा रहा. उन्होंने बताया कि नियम का अनुपालन नहीं करने वाले लोगो पर एपिडेमिक्स एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.

'अधिकांश पॉजिटिव चेन चिन्हित'
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि कई ऐसे लोग भी है. जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं दिख रहे. बावजूद ऐसे लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ रहे हैं. ऐसे लोग विभाग के लिए बड़ी चुनौती हैं. पिछले दिनों एक प्रेगनेंट महिला महिला की कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव थी. लेकिन उसके बच्चे की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया था.उन्होंने बताया कि पटना समेत बिहार में अधिकांश पॉजिटिव मरीजों का संक्रमण चेन खोज लिया गया है.

पटना: बिहार वापस आ रहे मजदूर और छात्रों को लेकर जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि बाहर से आ रहे हैं प्रवासियों के लिए इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि जो स भी श्रमिक, पर्यटक और छात्र ट्रेन के माध्यम से वापस आ रहे हैं. उनकी पहले स्क्रीनिंग की जा रही है. हेल्थ जांच के बाद उनको गृह जिले वापस जाने के इजाजत दी जा रही है.

'बिहार में कोरोना संक्रमण के 525 मामले'
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि बिहार में कोरोना संक्रमण के 525 मामले की पुष्टि हुई है. जिनमें 129 लोग स्वस्थ हो चुके हैं. जबकि 4 लोग की मौत हो चुकी है. उन्होंने बताया कि सरकार प्रवासियों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है. बिहार वापस आ रहे लोगों पर पूरी निगरानी रखी जा रही है. ट्रेन से उतरने के बाद सभी लोगों की पहले स्क्रीनिंग की जाती है. इसके बाद सभी सरकारी प्रकिया पूरी करने के बाद उन्हें उनके गृह जिला भेज दिया जाता है. जहां सभी लोगों को प्रखंड क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है. इन केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और अन्य विभाग सतत नजर रख रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'नाबालिगों के लिए होम क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था'
संजय कुमार ने बताया कि जो भी बिहारी अन्य प्रदेशों से वापस आ रहे हैं उनकी पूरी तरह से हेल्थ जांच की जा रही है. अगर किसी में भी कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जा रहे हैं, तो ऐसे लोगों को स्वास्थ्य विभाग तुरंत जांच के लिए भेज रही है. जांच में पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों की प्रोटोकाल के मुताबिक आईसोलेशन में रखकर इलाज की जाएगी. वहीं, जिनका जांच रिपोर्ट निगेटिव आ रहा है. उनको प्रखंड के क्वारंटाईन सेंटर में भेजा रहा है. उन्होंने बताया कि नाबालिगों के लिए अलग नियम बनाए गए हैं. नाबिलिगों को सेल्फ डिक्लेरेशन फार्म भराकर उन्हें होम क्वारंटाईन में रहने की शर्त पर जाने दिया जा रहा. उन्होंने बताया कि नियम का अनुपालन नहीं करने वाले लोगो पर एपिडेमिक्स एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.

'अधिकांश पॉजिटिव चेन चिन्हित'
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि कई ऐसे लोग भी है. जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं दिख रहे. बावजूद ऐसे लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ रहे हैं. ऐसे लोग विभाग के लिए बड़ी चुनौती हैं. पिछले दिनों एक प्रेगनेंट महिला महिला की कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव थी. लेकिन उसके बच्चे की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया था.उन्होंने बताया कि पटना समेत बिहार में अधिकांश पॉजिटिव मरीजों का संक्रमण चेन खोज लिया गया है.

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