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Lockdown: 40 स्पेशल ट्रेन से आज बिहार पहुंचेंगे 60 हजार से ज्यादा मजदूर - लॉकडाउन के कारण बढ़ी परेशानी

कोरोना संक्रमण के इस दौर में प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा पर अन्य प्रदेशों से आ रहे प्रवासी मजदूरों के चेहरे पर अपने राज्य पहुंचने का सुकून जरूर है, लेकिन यहां पहुंचने के बाद भी उनकी जद्दोजहद जारी है.

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Published : May 16, 2020, 7:15 AM IST

पटना: विभिन्न राज्यों में फंसे 60 हजार 167 प्रवासी 40 ट्रेनों से आज बिहार आएंगे. गुरुवार को 34 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से करीब 46 हजार श्रमिक आए. सभी को प्रखंड क्वारंटीन सेंटर पर बसों के माध्यम से भेजा गया.

इस बीच आपको बता दें कि केंद्र सरकार देश में जारी लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाया जाय या नहीं, इस पर विचार कर रही है. राज्यों ने भी अपनी परिस्थितियों के अनुसार केंद्र को सुझाव भेजे हैं. बिहार ने केंद्र सरकार को सुझाव भेजा है कि बिहार में लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाया जाए.

'ऐसे में प्रवासी मजदूरों की निगरानी आसान होगी'
बिहार सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है कि, 'बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर बिहार आ रहे हैं. यदि राज्य में लॉकडाउन लागू रहा तो इन प्रवासी मजदूरों पर निगरानी आसान होगा. साथ ही, जिन इलाकों में प्रवासी मजदूरों के लिए क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं उन्हें रेड जोन घोषित किया जाए.

दिल्ली से पैदल सुपौल जा रही महिला ने दिया बच्चे को जन्म
अपने और अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए दिल्ली से बिहार के सुपौल पैदल चलकर आने वाली एक गर्भवती महिला किसी तरह सुरक्षित गोपालगंज तक तो पहुंच गई. लेकिन जब प्रसव पीड़ा प्रारंभ हुई तो परेशानी बढ़ गई. बाद में हालांकि महिला सदर अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया. महिला और उसका बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.

मास्क और PPE किट बेचना मजबूरी
लॉकडाउन के कारण व्यापारियों के आर्थिक हालात बिगड़ती जा रहे हैं. वहीं, कपड़ा व्यापारी अब अपना व्यापार बदलकर सड़कों पर मास्क सैनिटाइजर और पीपीई किट बेचते नजर आ रहे हैं. आर्थिक चपेट में कपड़ा व्यवसायी ऐसा करने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

बंद दुकानों में चूहों ने बढ़ाई परेशानी
इस बीच, गारमेंट्स व्यवसायी की माने तो दुकानों का शटर बंद होने से कपड़े धूल फांक रहे हैं. चूहे कपड़े कुतर दे रहे हैं, इससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

डाकघर में उड़ रही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
भागलपुर के प्रधान डाकघर में इन दिनों सामाजिक दूरी का जमकर उल्लंघन हो रहा है. डाकघर में खाता खुलवाने पहुंचे ग्राहक सोशल डिस्टेंसिंग को नजरअंदाज कर रहे हैं. हालांकि प्रशासन की ओर से प्रधान डाकघर परिसर के साथ-साथ पोस्ट ऑफिस के बाहर भी आवेदन के लिए व्यवस्था की गई है.

लीची की खूबसूरती को लगी कोरोना की नजर
देश भर में लीची का सबसे अधिक उत्पादन मुजफ्फरपुर में होता है. यहां करीब 10 हजार हेक्टेयर में लीची की खेती की जाती है. लेकिन तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण ने इस बार लीची के कारोबार को पूरी तरह चौपट कर दिया है. दरअसल लॉकडाउन के बीच लीची का कारोबार कैसे हो? यह सवाल किसानों को काफी परेशान कर रहा है.

सोनाक्षी सिन्हा करेंगी दिहाड़ी मजदूरों की मदद
कोरोना संक्रमण से जूझ रहे देश के परेशान दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए अभिनेत्री और पटना साहिब से पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की पुत्री सोनाक्षी सिन्हा आगे आई है. सिन्हा ने ट्विटर पर एक वीडयो शेयर कर खुद इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि मजदूरों की मदद के लिए वह अपने 'आर्ट वर्क' जिसमें पेंटिंग, स्केच और डिजिटल प्रिंटस हैं उनको नीलाम करेंगी.

पटना: विभिन्न राज्यों में फंसे 60 हजार 167 प्रवासी 40 ट्रेनों से आज बिहार आएंगे. गुरुवार को 34 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से करीब 46 हजार श्रमिक आए. सभी को प्रखंड क्वारंटीन सेंटर पर बसों के माध्यम से भेजा गया.

इस बीच आपको बता दें कि केंद्र सरकार देश में जारी लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाया जाय या नहीं, इस पर विचार कर रही है. राज्यों ने भी अपनी परिस्थितियों के अनुसार केंद्र को सुझाव भेजे हैं. बिहार ने केंद्र सरकार को सुझाव भेजा है कि बिहार में लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाया जाए.

'ऐसे में प्रवासी मजदूरों की निगरानी आसान होगी'
बिहार सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है कि, 'बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर बिहार आ रहे हैं. यदि राज्य में लॉकडाउन लागू रहा तो इन प्रवासी मजदूरों पर निगरानी आसान होगा. साथ ही, जिन इलाकों में प्रवासी मजदूरों के लिए क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं उन्हें रेड जोन घोषित किया जाए.

दिल्ली से पैदल सुपौल जा रही महिला ने दिया बच्चे को जन्म
अपने और अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए दिल्ली से बिहार के सुपौल पैदल चलकर आने वाली एक गर्भवती महिला किसी तरह सुरक्षित गोपालगंज तक तो पहुंच गई. लेकिन जब प्रसव पीड़ा प्रारंभ हुई तो परेशानी बढ़ गई. बाद में हालांकि महिला सदर अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया. महिला और उसका बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.

मास्क और PPE किट बेचना मजबूरी
लॉकडाउन के कारण व्यापारियों के आर्थिक हालात बिगड़ती जा रहे हैं. वहीं, कपड़ा व्यापारी अब अपना व्यापार बदलकर सड़कों पर मास्क सैनिटाइजर और पीपीई किट बेचते नजर आ रहे हैं. आर्थिक चपेट में कपड़ा व्यवसायी ऐसा करने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

बंद दुकानों में चूहों ने बढ़ाई परेशानी
इस बीच, गारमेंट्स व्यवसायी की माने तो दुकानों का शटर बंद होने से कपड़े धूल फांक रहे हैं. चूहे कपड़े कुतर दे रहे हैं, इससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

डाकघर में उड़ रही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
भागलपुर के प्रधान डाकघर में इन दिनों सामाजिक दूरी का जमकर उल्लंघन हो रहा है. डाकघर में खाता खुलवाने पहुंचे ग्राहक सोशल डिस्टेंसिंग को नजरअंदाज कर रहे हैं. हालांकि प्रशासन की ओर से प्रधान डाकघर परिसर के साथ-साथ पोस्ट ऑफिस के बाहर भी आवेदन के लिए व्यवस्था की गई है.

लीची की खूबसूरती को लगी कोरोना की नजर
देश भर में लीची का सबसे अधिक उत्पादन मुजफ्फरपुर में होता है. यहां करीब 10 हजार हेक्टेयर में लीची की खेती की जाती है. लेकिन तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण ने इस बार लीची के कारोबार को पूरी तरह चौपट कर दिया है. दरअसल लॉकडाउन के बीच लीची का कारोबार कैसे हो? यह सवाल किसानों को काफी परेशान कर रहा है.

सोनाक्षी सिन्हा करेंगी दिहाड़ी मजदूरों की मदद
कोरोना संक्रमण से जूझ रहे देश के परेशान दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए अभिनेत्री और पटना साहिब से पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की पुत्री सोनाक्षी सिन्हा आगे आई है. सिन्हा ने ट्विटर पर एक वीडयो शेयर कर खुद इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि मजदूरों की मदद के लिए वह अपने 'आर्ट वर्क' जिसमें पेंटिंग, स्केच और डिजिटल प्रिंटस हैं उनको नीलाम करेंगी.

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