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'11 जिले में 25 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित, चलाए जा रहे 26 राहत शिविर'

आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव रामचंद्र डू में कहा कि सुपौल में 3, पूर्वी चम्पारण में 5, गोपालगंज में 13, खगड़िया में 1 और समस्तीपुर में 4 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. इन सभी 26 राहत शिविरों में कुल 22,997 लोग आवासित हैं.

बाढ़ से प्रभावित
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Published : Jul 29, 2020, 3:10 AM IST

पटना: बिहार में बाढ़ के हालातों की बारे में आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने जानकारी देते हुए बतया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है. नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 11 जिले के कुल 101 प्रखंडों की 837 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं. बाढ़ ग्रस्त इलाके में आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. 25 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.

'26 राहत शिविर में चलाए जा रहे 808 कम्युनिटी किचन'
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव रामचंद्र डू में कहा कि सुपौल में 3, पूर्वी चम्पारण में 5, गोपालगंज में 13, खगड़िया में 1 और समस्तीपुर में 4 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. इन सभी 26 राहत शिविरों में कुल 22,997 लोग आवासित हैं. उन्होंने बताया कि 808 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 4,19,433 लोग भोजन कर रहे हैं. सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं.

अब तक प्रभावित इलाकों से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ0और बोट्स के माध्यम से 2,62,837 लोगों को निष्क्रमित किया गया गया. उन्होंने बताया कि मंगलवार को बुधवार को बिहार और नेपाल में जोरदार बारिश की संभावना है. बाढ़ प्रभावित जरूरतमंद लोगों को पॉलिथिन सीट्स भी उपलब्ध कराया गया है. मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है. आपदा प्रबंधन विभाग स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है.

'बढ़ रहा बूढ़ी गंडक का जलस्तर'
जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी, बाढ़ अनुश्रवण सेल ने राज्य की विभिन्न नदियों के जलस्तर एवं बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अभी कोसी नदी का जलश्राव 2,20,185 क्यूसेक है और इसकी प्रवृत्ति बढ़ने की है. गंडक नदी का जलश्राव 2,27,000 क्यूसेक है. इसकी प्रवृत्ति घटने की है. बक्सर से लेकर कहलगांव तक गंगा नदी का जलस्तर स्थिर है और इसकी प्रवृत्ति घटने की है.

इसके अलावे बूढ़ी गंडक नदी मुजफ्फरपुर में स्थिर है, जबकि समस्तीपुर, रोसड़ा और खगड़िया में इसके जलस्तर में वृद्धि हो रही है और इसमें और वृद्धि होने की संभावना है. ढ़ेंग में बागमती नदी के जलस्तर में कमी हो रही है, जबकि कनसार और कटौंझा में इसके जलस्तर में वृद्धि हो रही है. बेनीबाद में बागमती नदी के जलस्तर में घटने की प्रवृत्ति है, जबकि दरभंगा के हायाघाट में इसकी प्रवृत्ति बढ़ने की है. आगामी 24 घंटे में इसके जलस्तर में 6 से 9 सेंटीमीटर की वृद्धि होने का पूर्वानुमान है. उन्होंने बताया कि नेपाल के इलाके में बारिश होने से महानंदा नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है लेकिन अभी ये खतरे के निशान से नीचे है.

इन जिले में बारिश की संभावना
बाढ़ अनुश्रवण सेल के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बिहार में अगले 24 घंटे मंगलवार और बुधवार को जोरदार बारिश की संभावना है. गंडक, बागमती और महानंदा नदी के नेपाल प्रभाग में 60 एमएम से 100 एमएम, जबकि कमला और कोसी नदी के जलग्रहण क्षेत्र में 20 एमएम से 40 एमएम तक बारिश होने का पूर्वानुमान है. इसी तरह बिहार प्रभाग में महानंदा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में 60 एमएम से 100 एमएम बारिश होने का पूर्वानुमान है. किशनगंज, पूर्णिया, अररिया और कटिहार के अधिकतर जगहों पर बारिश होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंधों की सतत निगरानी और चैकसी बरती जा रही है.

पटना: बिहार में बाढ़ के हालातों की बारे में आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने जानकारी देते हुए बतया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है. नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 11 जिले के कुल 101 प्रखंडों की 837 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं. बाढ़ ग्रस्त इलाके में आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. 25 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.

'26 राहत शिविर में चलाए जा रहे 808 कम्युनिटी किचन'
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव रामचंद्र डू में कहा कि सुपौल में 3, पूर्वी चम्पारण में 5, गोपालगंज में 13, खगड़िया में 1 और समस्तीपुर में 4 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. इन सभी 26 राहत शिविरों में कुल 22,997 लोग आवासित हैं. उन्होंने बताया कि 808 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 4,19,433 लोग भोजन कर रहे हैं. सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं.

अब तक प्रभावित इलाकों से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ0और बोट्स के माध्यम से 2,62,837 लोगों को निष्क्रमित किया गया गया. उन्होंने बताया कि मंगलवार को बुधवार को बिहार और नेपाल में जोरदार बारिश की संभावना है. बाढ़ प्रभावित जरूरतमंद लोगों को पॉलिथिन सीट्स भी उपलब्ध कराया गया है. मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है. आपदा प्रबंधन विभाग स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है.

'बढ़ रहा बूढ़ी गंडक का जलस्तर'
जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी, बाढ़ अनुश्रवण सेल ने राज्य की विभिन्न नदियों के जलस्तर एवं बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अभी कोसी नदी का जलश्राव 2,20,185 क्यूसेक है और इसकी प्रवृत्ति बढ़ने की है. गंडक नदी का जलश्राव 2,27,000 क्यूसेक है. इसकी प्रवृत्ति घटने की है. बक्सर से लेकर कहलगांव तक गंगा नदी का जलस्तर स्थिर है और इसकी प्रवृत्ति घटने की है.

इसके अलावे बूढ़ी गंडक नदी मुजफ्फरपुर में स्थिर है, जबकि समस्तीपुर, रोसड़ा और खगड़िया में इसके जलस्तर में वृद्धि हो रही है और इसमें और वृद्धि होने की संभावना है. ढ़ेंग में बागमती नदी के जलस्तर में कमी हो रही है, जबकि कनसार और कटौंझा में इसके जलस्तर में वृद्धि हो रही है. बेनीबाद में बागमती नदी के जलस्तर में घटने की प्रवृत्ति है, जबकि दरभंगा के हायाघाट में इसकी प्रवृत्ति बढ़ने की है. आगामी 24 घंटे में इसके जलस्तर में 6 से 9 सेंटीमीटर की वृद्धि होने का पूर्वानुमान है. उन्होंने बताया कि नेपाल के इलाके में बारिश होने से महानंदा नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है लेकिन अभी ये खतरे के निशान से नीचे है.

इन जिले में बारिश की संभावना
बाढ़ अनुश्रवण सेल के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बिहार में अगले 24 घंटे मंगलवार और बुधवार को जोरदार बारिश की संभावना है. गंडक, बागमती और महानंदा नदी के नेपाल प्रभाग में 60 एमएम से 100 एमएम, जबकि कमला और कोसी नदी के जलग्रहण क्षेत्र में 20 एमएम से 40 एमएम तक बारिश होने का पूर्वानुमान है. इसी तरह बिहार प्रभाग में महानंदा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में 60 एमएम से 100 एमएम बारिश होने का पूर्वानुमान है. किशनगंज, पूर्णिया, अररिया और कटिहार के अधिकतर जगहों पर बारिश होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंधों की सतत निगरानी और चैकसी बरती जा रही है.

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