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बांका: नाजिर और बीडीओ की मिलीभगत से हुई थी करोड़ों की लूट, तत्कालीन BDO से मांगा गया स्पष्टीकरण

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Published : Aug 31, 2019, 3:19 PM IST

मामला उजागर होने के बाद खुद आरोप झेल रहे बीडीओ श्याम कुमार के आवेदन पर ही चांदन थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं इस मामले में न्यायालय में आत्मसमर्पण के बाद से सेवानिवृत्त नाजिर अभी तक जेल में ही है

डिजाइन इमेज.

बांका: जिले के चांदन प्रखंड में 1 करोड़ से अधिक की राशि गबन मामले में जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने तत्कालीन बीडीओ श्याम कुमार से स्पष्टीकरण मांगा है. श्याम कुमार इन दिनों मुंगेर के तारापुर में बडीओ हैं. मामले में एक सप्ताह के अंदर श्याम कुमार को स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.

बांका के चांदन प्रखंड कार्यालय में कई सालों तक कार्यरत प्रखंड नाजिर शैलेंद्र कुमार द्वारा 25 सरकारी चेक पर टेम्परिंग कर 90 लाख की राशि अपने निजी खाते में डालने के मामले में अब तत्कालीन बीडीओ श्याम कुमार भी फंसते नजर आ रहे हैं. प्रखंड नाजिर के पद पर रहे शैलेंद्र कुमार और तत्कालीन चांदन बीडीओ श्याम कुमार की मिलीभगत से ये गबन हुआ.

बीडीओ से स्पष्टीकरण देने को कहा गया
इस संबंध में जिलाधिकारी ने श्याम कुमार से स्पष्टीकरण मांगा है. इसमें बीडीओ पर घोर अनियमितता के आरोप के साथ अपना काम ईमानदारी के साथ नहीं करने पर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.

1 करोड़ से ज्यादा के गबन का है मामला
वैसे मामला उजागर होने के बाद खुद आरोप झेल रहे बीडीओ श्याम कुमार के आवेदन पर ही चांदन थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं इस मामले में न्यायालय में आत्मसमर्पण के बाद से सेवानिवृत्त नाजिर अभी तक जेल में ही है और उसकी जमानत उच्च न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी है. वरीय लेखा परीक्षा पदाधिकारी महालेखाकार, पटना द्वारा संबंधित अभिलेख की जांच के बाद चांदन के तत्कालीन नाजिर द्वारा कुल 1 करोड़ 16 लाख 47 हजार 80 के गबन का मामला सामने आया.

टेंपरिंग चेक पर हैं बीडीओ के हस्ताक्षर
आरोप ये भी सामने आये कि रिटायरमेंट के बाद आरोपी नाजिर शैलेन्द्र कुमार को 30 नवंबर 2016 से एक साल के लिए लिपिक के तौर पर सेवा विस्तार दिया गया था. बीडीओ श्याम कुमार बिना किसी वरीय पदाधिकारी के आदेश के शैलेन्द्र कुमार से नाजिर का काम करवाते रहे. इतना ही नहीं कुल 25 टेम्परिंग चेक में 24 चेक पर बीडीओ श्याम कुमार के हस्ताक्षर हैं. जिससे राशि नाजिर के निजी खाते में भेजी जाती रही.

बांका: जिले के चांदन प्रखंड में 1 करोड़ से अधिक की राशि गबन मामले में जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने तत्कालीन बीडीओ श्याम कुमार से स्पष्टीकरण मांगा है. श्याम कुमार इन दिनों मुंगेर के तारापुर में बडीओ हैं. मामले में एक सप्ताह के अंदर श्याम कुमार को स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.

बांका के चांदन प्रखंड कार्यालय में कई सालों तक कार्यरत प्रखंड नाजिर शैलेंद्र कुमार द्वारा 25 सरकारी चेक पर टेम्परिंग कर 90 लाख की राशि अपने निजी खाते में डालने के मामले में अब तत्कालीन बीडीओ श्याम कुमार भी फंसते नजर आ रहे हैं. प्रखंड नाजिर के पद पर रहे शैलेंद्र कुमार और तत्कालीन चांदन बीडीओ श्याम कुमार की मिलीभगत से ये गबन हुआ.

बीडीओ से स्पष्टीकरण देने को कहा गया
इस संबंध में जिलाधिकारी ने श्याम कुमार से स्पष्टीकरण मांगा है. इसमें बीडीओ पर घोर अनियमितता के आरोप के साथ अपना काम ईमानदारी के साथ नहीं करने पर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.

1 करोड़ से ज्यादा के गबन का है मामला
वैसे मामला उजागर होने के बाद खुद आरोप झेल रहे बीडीओ श्याम कुमार के आवेदन पर ही चांदन थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं इस मामले में न्यायालय में आत्मसमर्पण के बाद से सेवानिवृत्त नाजिर अभी तक जेल में ही है और उसकी जमानत उच्च न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी है. वरीय लेखा परीक्षा पदाधिकारी महालेखाकार, पटना द्वारा संबंधित अभिलेख की जांच के बाद चांदन के तत्कालीन नाजिर द्वारा कुल 1 करोड़ 16 लाख 47 हजार 80 के गबन का मामला सामने आया.

टेंपरिंग चेक पर हैं बीडीओ के हस्ताक्षर
आरोप ये भी सामने आये कि रिटायरमेंट के बाद आरोपी नाजिर शैलेन्द्र कुमार को 30 नवंबर 2016 से एक साल के लिए लिपिक के तौर पर सेवा विस्तार दिया गया था. बीडीओ श्याम कुमार बिना किसी वरीय पदाधिकारी के आदेश के शैलेन्द्र कुमार से नाजिर का काम करवाते रहे. इतना ही नहीं कुल 25 टेम्परिंग चेक में 24 चेक पर बीडीओ श्याम कुमार के हस्ताक्षर हैं. जिससे राशि नाजिर के निजी खाते में भेजी जाती रही.

Intro:बांका जिले के चांदन प्रखंड अंतर्गत प्रखंड नाजिर के पद पर कार्यरत शैलेंद्र कुमार और प्रखंड विकास पदाधिकारी चांदन श्याम कुमार की मिलीभगत से प्रखंड की एक करोड़ से अधिक की राशि गबन मामले में जिलाधिकारी कुंदन कुमार द्वारा तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी श्याम कुमार से स्पष्टीकरण की मांग की गई है जो इन दिनों मुंगेर के तारापुर में प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।Body:बाँका जिले के चांदन प्रखंड कार्यालय में कई वर्षों तक कार्यरत प्रखंड नाजिर शैलेंद्र कुमार द्वारा सरकारी 25 चेक पर टेम्परिंग कर पर 90 लाख की राशि अपने निजी खाते में डालने के मामले में अब खुद तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी श्याम कुमार का गर्दन भी इस गबन मामले में फंसता नजर आ रहा है। इस संबंध में जिला अधिकारी ने चांदन के पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी श्याम कुमार जो वर्तमान में तारापुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं उनसे स्पष्टीकरण की मांग की है। जिसमें प्रखंड विकास पदाधिकारी पर घोर अनियमितता का आरोप लगाते हुए घोटाले में शामिल होने का भी आरोप होने और अपने कामो का निर्वहन ईमानदारी पूर्वक नही के सम्बंध में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। वैसे इस मामले के उजागर होने के बाद स्वंय प्रखंड विकास पदाधिकारी श्याम कुमार के आवेदन पर ही चांदन थाने में एफआईआर दर्ज किया गया है।इस मामले में न्यायालय में आत्मसमर्पण के बाद से सेवानिवृत्त नाजिर अभी तक जेल में ही है।और उसकी जमानत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किया जा चुका है। मामला दर्ज होने के बाद वरीय लेखा परीक्षा पदाधिकारी महालेखाकार बिहार पटना द्वारा सम्बंधित अभिलेख की जांच के बाद 19 फरवरी 18 को दिए गए अपने प्रतिवेदन के अनुसार चांदन के तत्कालीन नाजिर द्वारा कूल 1,16,47,080 एक करोड़ सोलह लाख सैतालिस हजार अस्सी रु का का मामला सामने आया है। आरोप यह भी सामने आया है कि सेवानिवृत्त के बाद जब आरोपित नाजिर शलेन्द्र कुमार को 30 नवम्बर 16 से एक साल के लिए लिपिक के तौर पर सेवा विस्तार दिया गया था। लेकिन बीडीओ श्याम कुमार ने बिना किसी वरीय पदाधिकारी के आदेश से शलेन्द्र कुमार से नाजिर का काम करवाते रहे। जो घोर अनियमितता को उजागर करता है।इतना ही नही कुल 25 टेम्परिंग चेक में 24 चेक पर श्याम कुमार बीडीओ का हस्ताक्षर दर्ज है। जिससे राशि नाजिर के निजी खाते में भेजी जाती रही।इस स्पष्टीकरण में बीडीओ श्याम कुमार पर इस ग़बन में संलिप्तता इस लिए भी उजागर होती है कि जानबूझ कर आप अपने दायित्व में सजग नही पाये गए। तथा बैक खाते एंव रोकड पंजी का अनुश्रवण एंव जांच समय समय पर नही किया गया। इस प्रकार आपके द्वारा अपने पद और कार्यो का निर्वहन नही कर घोर लापरवाही बरती गई है। एक सप्ताह के अंदर स्पस्टीकरण दे जिससे सरकार को आपके विरुद्ध विधिसम्मत कार्यवाही के लिए लिखा जाए।
Conclusion:इस मामले के उजागर होने के बाद तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी का चांदन से तबादला कर तारापुर मुंगेर भेज दिया गया ।लेकिन जांच में उनकी संलिप्तता पूरी तरह उजागर होने के बाद अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकती नजर आ रही है ।वैसे जिलाधिकारी ने भी इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है।

नोट जिलाधिकारी ने इस मामले में किसी भी प्रकार का वाईट देने से इंकार कर दिया
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