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मुजफ्फरपुर में जिंदा जलाई गई छात्रा ने पटना में तोड़ा दम,  CM को बुलाने की मांग पर अड़े परिजन

दारोगा केके सिंह ने बताया कि कल रात से शव को पोस्टमार्टम के लिये ले जाने की कोशिश की जा रही है लेकिन परिजन मान नहीं रहे हैं. मृतक छात्रा के परिजनों का कहना है कि जबतक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अस्पताल नहीं आते तब तक वो शव पुलिस को नहीं सौपेंगे.

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जिंदा जलाई गई छात्रा ने तोड़ा दम
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Published : Dec 17, 2019, 9:55 AM IST

पटना: मुजफ्फरपुर में 7 दिसम्बर की दोपहर अपराधियों की शिकार बनी छात्रा आखिरकार जिंदगी से जंग लड़ते लड़ते मौत के आगोश में समा ही गई. सोमवार की देर रात साढ़े ग्यारह बजे राजधानी के अगमकुआं स्थित अपोलो बर्न अस्पताल में उसकी मौत हो गई. इसकी पुष्टि उसके परिजनों ने की है.

पीड़िता की मौत के बाद अस्पताल में कोहराम मच गया. शव से लिपटकर रोते-बिलख रहे परिजनों के देख वहीं मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं. बता दें कि 80 प्रतिशत से अधिक जल चुकी युवती की हालत सोमवार की रात दस बजे अधिक खराब हो गई थी. पीड़िता के परिजनों ने बताया कि चिकित्सकों ने हालत नाजुक बताई थी. उसका खून घटता जा रहा था. सोमवार को उसकी हालत जानने पूर्व मंत्री अखिलेश सिंह भी अस्पताल पहुंचे थे.

जानकारी देते दारोगा

पीड़िता ने दम तोड़ा
गौरतलब है कि बीते 7 दिसंबर को मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र में दुष्कर्म के प्रयास में विफल होने पर पड़ोसी युवक ने युवती को जिंदा जला दिया था.10 दिसंबर को पीड़िता को अगमकुआं में भर्ती कराया गया था. डॉक्टर उसके इलाज में जुटे हुए थे, लेकिन सातवें दिन उसे बचाया नहीं जा सका.

ये भी पढ़ें- रोहतासः युवती को अपराधियों ने मारी गोली, दुष्कर्म का हुआ था प्रयास

CM को बुलाने की मांग पर अड़े परिजन
दारोगा केके सिंह ने बताया कि कल रात से शव को पोस्टमार्टम के लिये ले जाने की कोशिश की जा रही है लेकिन परिजन मान नहीं रहे हैं. मृतक छात्रा के परिजनों का कहना है कि जबतक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अस्पताल नहीं आते तबतक वो शव पुलिस को नहीं सौपेंगे. वो रो-रोकर सरकार ने न्याय की भीख मांग रहे हैं.

पटना: मुजफ्फरपुर में 7 दिसम्बर की दोपहर अपराधियों की शिकार बनी छात्रा आखिरकार जिंदगी से जंग लड़ते लड़ते मौत के आगोश में समा ही गई. सोमवार की देर रात साढ़े ग्यारह बजे राजधानी के अगमकुआं स्थित अपोलो बर्न अस्पताल में उसकी मौत हो गई. इसकी पुष्टि उसके परिजनों ने की है.

पीड़िता की मौत के बाद अस्पताल में कोहराम मच गया. शव से लिपटकर रोते-बिलख रहे परिजनों के देख वहीं मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं. बता दें कि 80 प्रतिशत से अधिक जल चुकी युवती की हालत सोमवार की रात दस बजे अधिक खराब हो गई थी. पीड़िता के परिजनों ने बताया कि चिकित्सकों ने हालत नाजुक बताई थी. उसका खून घटता जा रहा था. सोमवार को उसकी हालत जानने पूर्व मंत्री अखिलेश सिंह भी अस्पताल पहुंचे थे.

जानकारी देते दारोगा

पीड़िता ने दम तोड़ा
गौरतलब है कि बीते 7 दिसंबर को मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र में दुष्कर्म के प्रयास में विफल होने पर पड़ोसी युवक ने युवती को जिंदा जला दिया था.10 दिसंबर को पीड़िता को अगमकुआं में भर्ती कराया गया था. डॉक्टर उसके इलाज में जुटे हुए थे, लेकिन सातवें दिन उसे बचाया नहीं जा सका.

ये भी पढ़ें- रोहतासः युवती को अपराधियों ने मारी गोली, दुष्कर्म का हुआ था प्रयास

CM को बुलाने की मांग पर अड़े परिजन
दारोगा केके सिंह ने बताया कि कल रात से शव को पोस्टमार्टम के लिये ले जाने की कोशिश की जा रही है लेकिन परिजन मान नहीं रहे हैं. मृतक छात्रा के परिजनों का कहना है कि जबतक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अस्पताल नहीं आते तबतक वो शव पुलिस को नहीं सौपेंगे. वो रो-रोकर सरकार ने न्याय की भीख मांग रहे हैं.

Intro:7 दिसम्बर की दोपहर अपराधियो की शिकार बनी खुशबु आख़िरकार जिंदगी से जंग लड़ते लड़ते मौत के आगोस में समा ही गई,खुशबू की मौत तो हो गई लेकिन आज भी खुशबू के हत्यारे जिंदा सलाखों में कैद है लेकिन परिजनों को लगातार धमकी दे रहे है मानो की अपराधी और उसके समर्थकों को खुशबू की मौत से मन नही भरा है अब खुशबू के परिवार की बारी है।खुशबू तीन सालों से कैसे अपराधी की आतंक सह रही थी वो तो उसी के दिल पर बीतता होगा।लेकिन अपराधी के चुंगल में खुशबू नही आई तो हत्यारे वहसी दरिंदे ने उसे आग के हवाले कर जीवन लीला ही समाप्त कर दिया।


Body:स्टोरी:-आखिर खुशबू की मौत हो ही गई।
रिपोर्ट:-पटनासिटी से अरुण कुमार।
दिनांक:-17-12-019.
एंकर:-7 दिसम्बर की दोपहर मुजफ्फरपुर के अहियापुर गाँव मे 23 वर्षीय खुशबू को मनचलो ने अपने हवस का शिकार बनाने की कोशिश की लेकिन खुशबू उसके झांसे में नही आई और उसका विरोध करने लगी तो अपराधियो ने खुशबू के घर मे ही उसे आग के हवाले कर दिया,खुशबू के शरीर पर तेल छिटकर अपराधियो ने उसे जैसे ही आग के हवाले किया खुशबू चिल्लाते रही लेकिन अपराधी वहसी दरनिदे उसका मौत का तमासा देख रहे थे जबतक उसके परिवार आये ततबक खुशबू का 95/प्रतिसत जल चुकी थी परिजनों ने उसे पटना सिटी अपोलोवर्न हॉस्पिटल में लाकर भर्ती कराया लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था सात दिन बाद खुश्बू अपनी जिंदगी से हार गई और मौत के आगोस में चली गई।लेकिन मौत के पहले खुशबू परिजन,मीडिया,महिला आयोग की अध्यक्षा दिलमणि मिश्रा के आगे न्याय की दुहाई दे रही थी और कह रही थी कि मैं रहु न रहू मुझे न्याय मिलना चाहिये,और दोषी अपराधियो को फाँसी की सजा मिलनी चाहिये,अब देखना यह है कि शाशन और प्रसाशन कितने और बेटियों को दरिंदे का शिकार करायेगी क्योंकि सुवे में जिस तरह से अपराधियो का नंगा नाच चल रहा है प्रसाशन बिल्कुल खत्म है अब खुशबू के परिजन रोरो कर न्याय की भीख माँग रही है इधर पुलिस भी खुशबु के परिजनों को खुशबू के पोस्टमार्टम की जिद कर रहे है।खुशबू की वहन रानी ने बताया की न्याय की भीख मांगते मांगते मेरी वहन दुनिया से चली गई,मेरी बहन के हत्यारे को फाँसी दो सरकार वास्तव में मेरी वहन को न्याय दिलाना चाहती है तो उसे फांसी दे,बही उसके भाई रवि ने बताया कि अभी तक कोई राहत प्रसाशन से हमलोगों को नही मिला है सिर्फ आस्वाशन मिला और उसके बाद मौत मिला।बही दरोगा केके सिंह ने कहा कि पुलिस पोस्टमार्टम कराने की प्रक्रिया में लगी है ।
बाईट(रानी देवी-मृतक का वहन, रवि कुमार-भाई और केके सिंह दरोगा)


Conclusion:कब तक खुशबू की तरह बेटियां जलती रहेगी,सरकार बेटी बचाओ का नारा दे रही है बही दूसरी ओर मुख्यमंत्री के राज्य में बेटियों को दरिंदे हवस का शिकार बनाकर जिंदा जला रही है,यानी अपराधी हवस का भी शिकार बनाये और उसकी जिंदगी से भी खेले और मुख्यमंत्री का झूठा छलावा बेटियों के प्रति अगर मुख्यमंत्री वास्तविक में बेटियों को बचाना चाहती है तो सभी आरोपियों को फाँसी दे अगर उससे भी कड़ी सजा दे।
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