पटना: मुजफ्फरपुर में 7 दिसम्बर की दोपहर अपराधियों की शिकार बनी छात्रा आखिरकार जिंदगी से जंग लड़ते लड़ते मौत के आगोश में समा ही गई. सोमवार की देर रात साढ़े ग्यारह बजे राजधानी के अगमकुआं स्थित अपोलो बर्न अस्पताल में उसकी मौत हो गई. इसकी पुष्टि उसके परिजनों ने की है.
पीड़िता की मौत के बाद अस्पताल में कोहराम मच गया. शव से लिपटकर रोते-बिलख रहे परिजनों के देख वहीं मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं. बता दें कि 80 प्रतिशत से अधिक जल चुकी युवती की हालत सोमवार की रात दस बजे अधिक खराब हो गई थी. पीड़िता के परिजनों ने बताया कि चिकित्सकों ने हालत नाजुक बताई थी. उसका खून घटता जा रहा था. सोमवार को उसकी हालत जानने पूर्व मंत्री अखिलेश सिंह भी अस्पताल पहुंचे थे.
पीड़िता ने दम तोड़ा
गौरतलब है कि बीते 7 दिसंबर को मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र में दुष्कर्म के प्रयास में विफल होने पर पड़ोसी युवक ने युवती को जिंदा जला दिया था.10 दिसंबर को पीड़िता को अगमकुआं में भर्ती कराया गया था. डॉक्टर उसके इलाज में जुटे हुए थे, लेकिन सातवें दिन उसे बचाया नहीं जा सका.
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CM को बुलाने की मांग पर अड़े परिजन
दारोगा केके सिंह ने बताया कि कल रात से शव को पोस्टमार्टम के लिये ले जाने की कोशिश की जा रही है लेकिन परिजन मान नहीं रहे हैं. मृतक छात्रा के परिजनों का कहना है कि जबतक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अस्पताल नहीं आते तबतक वो शव पुलिस को नहीं सौपेंगे. वो रो-रोकर सरकार ने न्याय की भीख मांग रहे हैं.