पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवार और निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं. इसी कड़ी में निर्दलीय एमएलसी रीतलाल यादव जेल से छूटने के बाद पहली बार बिहटा प्रखंड के अल्हनपुरा और शिवशक्ति स्थान पहुंचे. जहां पर उनके समर्थक और चाहने वाले लोगों ने उनका फूल-मालाओं से स्वागत किया.
अल्हनपुरा गांव पहुंचने पर रीतलाल यादव ने दो सप्ताह पहले कोरोना के कारण मौत हुए शख्स के परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी और हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. वहीं, शिवशक्ति नगर के रहने वाले अभिषेक सिंह के परिवार में एक साथ 6 लोगों की मौत कुछ दिनों पहले झारखंड के दुमका में सड़क हादसे में हो गई थी. इस पीड़ित परिवार से भी रीतलाल यादव ने मुलाकात की और हर संभव मदद करने की बात कही. दोनों ही घटनाओं पर उन्होंने शोक व्यक्त किया.
'जनता चाहती है बदलाव'
विधानसभा चुनाव को लेकर एमएलसी रीतलाल यादव ने कहा कि चुनाव की तैयारी पूरी है और हमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है कि कोई दल हमें टिकट दे या ना दें. हमें तो बस अपनी जनता और चाहने वालों पर भरोसा है. उन्हीं के दम पर दानापुर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव में उतरूंगा और दानापुर की जनता चाहती है कि इस बार बदलाव चाहिए तो जरूर होगा.
समर्थकों के साथ की बैठक
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मेरे पिताजी और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बीच काफी गहरा रिश्ता है, लेकिन उन दोनों के बीच में क्या हुआ और ना हुआ यह मुझे नहीं पता. अगर आरजेडी मुझे टिकट देती है तो चुनाव लड़ूंगा, लेकिन अगर नहीं भी देती है तब भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में इस बार दानापुर विधानसभा से चुनाव लड़ूंगा. इसके बाद एमएलसी ने अपने समर्थकों के साथ बैठक कर चुनाव को लेकर चर्चा की.
जेल से ही चुनाव लड़ने का बनाया मन
बता दें कि निर्दलीय एमएलसी रीतलाल यादव पिछले कई सालों से जेल में बंद थे. वो कुछ ही दिनों पहले जेल से बाहर निकले हैं. जेल में रहने के दौरान ही वो निर्दलीय एमएलसी का चुनाव भी लड़ चुके हैं और वर्तमान में निर्दलीय एमएलसी भी हैं. वहीं, जेल से बाहर निकलने के बाद से दानापुर विधानसभा से इस बार चुनाव लड़ने का मन बना लिया है.