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JDU विधायक ने सदन में माना, 'अगर वेंटिलेटर्स यूज्ड होता तो कोरोना से कम मौतें होती' - वेटिंलेटर चलाने वाले टेक्नीशियन की कमी

जेडीयू विधायक डॉ. संजीव कुमार (JDU MLA Sanjeev Kumar) ने अस्पतालों में टेक्नीशियन की कमी को लेकर चिंता जताई है. विधानसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर वेंटिलेटर का पूरा इस्तेमाल होता तो कोरोना की दूसरी लहर में कम लोगों की मौत होती.

डॉ. संजीव कुमार
डॉ. संजीव कुमार
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Published : Jul 29, 2021, 4:34 PM IST

पटना: बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र (Monsoon session of Bihar Legislature) के चौथे दिन विधानसभा में स्वास्थ्य विभाग के बजट के अनुपूरक चर्चा पर खगड़िया के परबत्ता से जेडीयू विधायक डॉ. संजीव कुमार (JDU MLA Sanjeev Kumar) ने माना कि कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) से निपटने में सरकारी स्तर पर कुछ कमियां रह गईं थीं. उन्होंने कहा कि हमारे पास वेंटिलेटर थे, लेकिन टेक्नीशियन नहीं थे. अगर वेंटिलेटर को चलाने वाले टेक्नीशियन होते तो हालात इतने बुरे नहीं होते.

ये भी पढ़ें- कोरोना वैक्सीन लेने के बाद बोले लालू- जल्द आ रहा हूं पटना, मोदी राज में काफी पीछे चला गया है देश

विधायक ने कहा कि मैं मानता हूं कि कुछ विपक्ष के साथियों ने सही कहा कि हमारे यहां वेटिंलेटर हैं, लेकिन टेक्नीशियन नहीं है. कोरोना के दौरान खगड़िया में भी यही हुआ. हमारे पास 8-8 वेंटिलेटर हैं, लेकिन टेक्नीशियन नहीं हैं. मैं डॉक्टर हूं इसलिए बता रहा हूं कि जो भी कोरोना के कारण डेथ हुआ है, अगर हमारे पास टेक्नीशियन होता तो जाहिर तौर पर कोरोना से कम मरीजों की जान जाती. क्योंकि सदर अस्पताल में वेंटिलेटर अनयूज्ड रह गया.

डॉ. संजीव कुमार

"हमारे सदर अस्पताल में वेंटिलेटर अनयूज्ड रह गया. अगर टेक्नीशियन होता और उसका सही से इस्तेमाल होता तो कोरोना के कारण जो डेथ हुआ है, कोरोना से और कम मरीजों की जान जाती"- डॉ. संजीव कुमार, जेडीयू विधायक, परबत्ता

जेडीयू विधायक ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में कोरोना उतना असरदार नहीं था, लेकिन दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई. सभी लोगों ने अपनों को खोया है, सभी को इसका दर्द है. बात भी सही है कि कुछ खामियां हम (सरकार) में भी थी. ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग हुई थी. मैं खुद अपने रिश्तेदार के लिए 25 हजार में एक सिलेंडर खरीदा था. लेकिन सरकार ने फौरन कालाबाजारी के खिलाफ कार्रवाई भी की. उन्होंने कहा कि इस बात के लिए मैंने विभाग के प्रधान सचिव को कहा था, लेकिन प्रधान सचिव ने कहा कि मैंने पेन डाउन कर लिया है और वह पेन डाउन ही रह गया.

डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि ये भी सच है कि जब पूरे देश में रेमडेसिविर की किल्लत थी, हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर एक-एक सदर अस्पताल में सरप्लस रेमडेसिविर उपलब्ध था. मैंने खुद 100 मरीजों को रेमडेसिविर मुफ्त में उपलब्ध कराया था.

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परबत्ता के जेडीयू विधायक ने दावा किया कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार सरकार ने कोरोना से अधिक बेहतर तरीके से सामना किया. यही वजह है कि यहां अपेक्षाकृत कम लोगों की जानें गईं है. विधायक ने सत्ता पक्ष और विपक्ष से मिलकर कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की अपील की. संजीव कुमार ने कहा कि तीसरी लहर की बात शुरु हुई है. अगर स्वास्थ्य विभाग अभी से सजग नहीं हुआ तो दिक्कत होगी. लिहाजा सरकार को आईसीयू चालू कर देना चाहिए. जहां वेंटिलेटर हैं, वहां टेक्नीशियन को रखना चाहिए.

पटना: बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र (Monsoon session of Bihar Legislature) के चौथे दिन विधानसभा में स्वास्थ्य विभाग के बजट के अनुपूरक चर्चा पर खगड़िया के परबत्ता से जेडीयू विधायक डॉ. संजीव कुमार (JDU MLA Sanjeev Kumar) ने माना कि कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) से निपटने में सरकारी स्तर पर कुछ कमियां रह गईं थीं. उन्होंने कहा कि हमारे पास वेंटिलेटर थे, लेकिन टेक्नीशियन नहीं थे. अगर वेंटिलेटर को चलाने वाले टेक्नीशियन होते तो हालात इतने बुरे नहीं होते.

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विधायक ने कहा कि मैं मानता हूं कि कुछ विपक्ष के साथियों ने सही कहा कि हमारे यहां वेटिंलेटर हैं, लेकिन टेक्नीशियन नहीं है. कोरोना के दौरान खगड़िया में भी यही हुआ. हमारे पास 8-8 वेंटिलेटर हैं, लेकिन टेक्नीशियन नहीं हैं. मैं डॉक्टर हूं इसलिए बता रहा हूं कि जो भी कोरोना के कारण डेथ हुआ है, अगर हमारे पास टेक्नीशियन होता तो जाहिर तौर पर कोरोना से कम मरीजों की जान जाती. क्योंकि सदर अस्पताल में वेंटिलेटर अनयूज्ड रह गया.

डॉ. संजीव कुमार

"हमारे सदर अस्पताल में वेंटिलेटर अनयूज्ड रह गया. अगर टेक्नीशियन होता और उसका सही से इस्तेमाल होता तो कोरोना के कारण जो डेथ हुआ है, कोरोना से और कम मरीजों की जान जाती"- डॉ. संजीव कुमार, जेडीयू विधायक, परबत्ता

जेडीयू विधायक ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में कोरोना उतना असरदार नहीं था, लेकिन दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई. सभी लोगों ने अपनों को खोया है, सभी को इसका दर्द है. बात भी सही है कि कुछ खामियां हम (सरकार) में भी थी. ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग हुई थी. मैं खुद अपने रिश्तेदार के लिए 25 हजार में एक सिलेंडर खरीदा था. लेकिन सरकार ने फौरन कालाबाजारी के खिलाफ कार्रवाई भी की. उन्होंने कहा कि इस बात के लिए मैंने विभाग के प्रधान सचिव को कहा था, लेकिन प्रधान सचिव ने कहा कि मैंने पेन डाउन कर लिया है और वह पेन डाउन ही रह गया.

डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि ये भी सच है कि जब पूरे देश में रेमडेसिविर की किल्लत थी, हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर एक-एक सदर अस्पताल में सरप्लस रेमडेसिविर उपलब्ध था. मैंने खुद 100 मरीजों को रेमडेसिविर मुफ्त में उपलब्ध कराया था.

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परबत्ता के जेडीयू विधायक ने दावा किया कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार सरकार ने कोरोना से अधिक बेहतर तरीके से सामना किया. यही वजह है कि यहां अपेक्षाकृत कम लोगों की जानें गईं है. विधायक ने सत्ता पक्ष और विपक्ष से मिलकर कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की अपील की. संजीव कुमार ने कहा कि तीसरी लहर की बात शुरु हुई है. अगर स्वास्थ्य विभाग अभी से सजग नहीं हुआ तो दिक्कत होगी. लिहाजा सरकार को आईसीयू चालू कर देना चाहिए. जहां वेंटिलेटर हैं, वहां टेक्नीशियन को रखना चाहिए.

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