पटनाः जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में सियासत में केंद्र बिंदु में बने हुए हैं. नागरिकता संशोधन विधेयक पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगाबत कर नीतीश कुमार और बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा ही है. वहीं विपक्ष उनके सुर में सुर मिला रहा है.
प्रशांत किशोर के आक्रामक रवैया के बाद बीजेपी भी आर-पार के मूड में आ चुकी है. बीजेपी ने नीतीश का पक्ष लेते हुए पीके पर पलटवार करना शुरू कर दिया है. बीजेपी कोटे से श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा ने प्रशांत किशोर को राजनीति का कमजोर खिलाड़ी करार दिया है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि प्रशांत किशोर अभी नीतीश कुमार की पाठशाला में राजनीति सीख रहे हैं. विजय सिन्हा ने नसीहत देते हुए कहा कि प्रशांत किशोर गठबंधन धर्म और देश के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व में दक्षिण भारत के एक नेता प्रशांत किशोर को डिजिटल डकैत की संज्ञा दे चुके हैं.
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पीके का बागी तेवर बरकरार
बता दें कि प्रशांत किशोर के नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बयानबाजी पर पार्टी के कई नेताओं ने नसीहत तक दे डाली है. बावजूद इसके पीके ट्वीट कर अपनी आक्रामकता को बरकरार रखे हैं. शुक्रवार को ट्वीट कर पीके ने लिखा कि बहुमत से संसद में नागरिक संशोधन बिल पास हो गया. न्यायपालिका से परे, अब 16 गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों पर भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी है. क्योंकि ये ऐसे राज्य हैं, जहां इसे लागू करना है. तीन मुख्यमंत्रियों (पंजाब, केरल और पश्चिम) ने CAB और NRC को नकार दिया है और अब दूसरे गैर-बीजेपी राज्य के मुख्यमंत्री को अपना रुख स्पष्ट करने का समय आ गया है.