पटना: छपरा में जहरीली शराब से मौत (Death Due to Poisonous Liquor In Chapra) मामले में विधानसभा में बीजेपी लगातार सरकार को घेर रही है. आज भी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही नहीं चली. विधानसभा अध्यक्ष ने दोपहर दो बजे तक के लिए विधानसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी. सरकार मुआवजे को लेकर फंस गई है. वहीं सरकार पर जहरीली शराब से हुई मौत के आंकड़े को छुपाने का भी आरोप लग रहा है.
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मंत्री सुनील कुमार का बयान: पूरे मामले को लेकर मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि अभी तक 38 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और मुआवजा इसलिए नहीं दी जा सकती, क्योंकि शराब पीना संज्ञय अपराध में शामिल है. गोपालगंज में मुआवजा देने के सवाल पर सुनील कुमार ने कहा कि प्रावधान किया गया है. धंधे में शामिल लोगों से राशि वसूल कर पीड़ितों को देने का प्रावधान है. उसी के तहत गोपालगंज में में भी दिया गया था.
75 लोगों की गई है जान: गौरतलब है कि छपरा में जहरीला पदार्थ पीने से करीब 75 लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है. जिला प्रशासन की ओर से 67 मौतों की पुष्टि संदिग्ध पदार्थ पीने की वजह से की गई है. सारण के मशरक थाना क्षेत्र, मढ़ौरा, इसुआपुर और अमनौर प्रखंड में ही ये मौतें ज्यादा हुईं हैं. मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, ये टीम पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी है. सारण जिला प्रशासन को अभी भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है.
विधानसभा में विपक्ष का हंगामा: इतनी बड़ी संख्या में मौत होने के बाद विपक्ष सरकार को घेरने में जुटी हुई है और विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान लगातार इस विषय पर चर्चा की मांग कर रही है. सत्र के अंतिम दिन सोमवार को भी विधानसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. जिसके चलते विधानसभा अध्यक्ष ने दोपहर दो बजे तक के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी.