पटना: बिहार में चमकी बुखार से हो रही मौतों पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और बिहार सरकार से सात दिन में जवाब मांगा है. इस पर उद्योग मंत्री ने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री पर विशेष कोर्ट में केस चलाये जाने के सवाल पर भी कुछ भी बोलने से मना किया. लेकिन उन्होंने कहा कि कोर्ट अपना काम कर रहा है ,सरकार अपना काम कर रही है. कोर्ट को जवाब देने की बात है तो बिहार सरकार अपना जवाब दे देगी.
जांच के लिए अमेरिका से बुलायी गयी टीम
उद्योग मंत्री ने चमकी बुखार पर बयान देते हुए कहा कि बीमारी से लड़ने में जो संसाधन चाहिए उसकी कमी है. इसके बावजूद सरकार अपना काम कर रही है. सीएम नीतीश कुमार इस बीमारी से निपटने के लिए हर तरह के प्रयास कर रहे हैं. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग भी अच्छा काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि चमकी फीवर के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है. इसी कारण अमेरिका से डॉक्टरों की टीम को जांच करने के लिए बुलाया गया है. उन्होंने सीएम नीतीश का बचाव करते हुए कहा कि लोग चाहे जो कहे सीएम नीतीश कुमार पूरी संवेदना के साथ इस बीमारी से निपटने के लिए बिना कोई कसर छोड़े काम कर रहें हैं.
अब तक 186 बच्चों की मौत
गौरतलब है कि सूबे में चमकी बुखार से अबतक 187 बच्चे की जान जा चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने चमकी मामले में लगातार हो रही मौत पर बिहार सरकार और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए बिहार सरकार को चिकित्सा सुविधाओं, पोषण और स्वच्छता के बारे में हलफनामा देने का निर्देश दिया है. वहीं, सीजेएम कोर्ट ने एईएस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ दर्ज परिवाद पर सुनवाई करते हुए मामले को एमपी और एमएलए के लिए गठित विशेष कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है.