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सुशील मोदी के सुर में सुर मिला रहा JDU, बोले संजय झा- 'अनुभवी नेता हैं, उनकी बात पर गौर करेगा NDA'

बोचहां उपचुनाव और विधान परिषद चुनाव (Bihar MLC Election Result) में एनडीए के खराब प्रदर्शन को लेकर सुशील मोदी ने ट्वीट कर एनडीए नेतृत्व को विचार करने की नसीहत दे डाली थी. इसके समर्थन में मंत्री संजय झा नजर आए. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी अनुभवी नेता हैं और अगर कुछ इशारा दे रहे हैं तो इस पर एनडीए गंभीरता से जरूर विचार करेगा.

Sanjay kumar Jha reaction on Sushil Kumar Modi
Sanjay kumar Jha reaction on Sushil Kumar Modi
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Published : Apr 22, 2022, 6:12 PM IST

पटना: बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochahan assembly by election) में मिली करारी हार और 24 एमएलसी सीटों के चुनाव में एनडीए के संतोषजनक प्रदर्शन नहीं कर पाने के कारण बीजेपी और जदयू के बीच घमासान मचा है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा के सांसद सुशील मोदी (MP Sushil Kumar Modi On Bihar NDA) ने दोनों चुनाव को लेकर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने एनडीए में आपसी सामंजस्य की कमी (Coordination Between BJP And JDU) को लेकर सवाल उठाए हैं. सुशील मोदी के इस बयान पर जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा (Water Resources Minister Sanjay Kumar Jha) ने कहा है कि अगर ऐसी कोई बात है तो एनडीए इस पर गंभीरता से विचार करेगा.

पढ़ें: अतिपिछड़ा और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित : सुशील मोदी

बोले संजय झा- 'सुशील मोदी हैं अनुभवी नेता': सुशील मोदी ने कुछ कहा है तो एनडीए करेगी दरअसल सुशील मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा था कि 2019 में जिस प्रकार से एनडीए में तालमेल था उस तरह का तालमेल दोनों चुनाव में नहीं दिखा. सुशील मोदी के सवाल पर जदयू मंत्री संजय झा ने कहा उपचुनाव में कई स्थानीय मामले भी होते हैं. जनरल चुनाव में सरकार बनाने की बात होती है. लोगों को पता होता है कि किसे मुख्यमंत्री चुनना है. इतना मैं जरूर कह सकता हूं कि सुशील मोदी जी अनुभवी नेता हैं.

"बिहार के मामले में सुशील मोदी की समझ काफी गहरी और बेहतर है. नीतीश कुमार के साथ उन्होंने लंबे समय तक काम किया है. 2005 से पहले जब सरकार नहीं थी उस समय भी साथ काम करते रहे. अगर उन्होंने कुछ कहा है तो निश्चित रूप से एनडीए में लोग उस चीज को गौर करेंगे. उस बात को देखेंगे कि अगर चुनाव हारे हैं तो उसका क्या कारण है."- संजय झा, जल संसाधन मंत्री, बिहार

'उपचुनाव में लोकल फैक्टर हावी': मंत्री संजय झा ने कहा कि मैं इस बात को नहीं मानता कि तेजस्वी यादव भारी पड़ रहे हैं. इससे पहले 2 सीटों पर उपचुनाव हुआ था और उसमें हम लोग जीते थे. राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी चुनाव प्रचार में गए थे. उपचुनाव में बहुत सारा लोकल फैक्टर भी हावी रहता है. पहले भी उपचुनाव में हम लोग हारे हैं. लेकिन जो मुख्य चुनाव 2010 का हुआ उसमें हम लोग 206 सीट लाए थे. बोचहां में भी लोकल फैक्टर हावी था. लेकिन सुशील मोदी ने जिन कमियों के बारे में बताया है तो निश्चित रूप से एनडीए में उस पर विचार करेगी. अमित शाह के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल होंगे कि नहीं इस सवाल पर संजय झा ने कहा कि यह तो बीजेपी का कार्यक्रम है.

क्या है पूरा मामला: पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Rajya Sabha MP Sushil Kumar Modi) ने भी ट्वीट कर कहा है कि जिस प्रकार से एमएलसी चुनाव और फिर बोचहां विधानसभा उपचुनाव में नुकसान उठाना पड़ा है, एनडीए नेतृत्व को गहन समीक्षा करना चाहिए. सुशील मोदी ने यह कहा था कि 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने पूरी एकजुटता से शानदार प्रदर्शन किया था. वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में एनडीए के घटक दलों ने पूरे तालमेल से एक-दूसरे को जिताने के लिए मेहनत की थी, जिससे हमारा स्ट्राइक रेट अधिकतम था. गठबंधन के खाते में राज्य की 40 में से 39 सीटें आयी थीं, जबकि राजद सभी सीटें हार गया था. बोचहां विधानसभा क्षेत्र की एक-एक पंचायत में एनडीए विधायकों-मंत्रियों ने जनता से सम्पर्क किया था. पूरी ताकत लगायी गई थी. सरकार ने भी सभी वर्गों के विकास के लिए काम किये और सबका विश्वास जीतने की कोशिश की. इसके बाद भी एनडीए के मजबूत जनाधार अतिपिछड़ा वर्ग और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था. इसके पीछे क्या नाराजगी थी, इस पर एनडीए अवश्य मंथन करेगा.

पढ़ें: 'NDA को बोचहां का करंट ऐसा लगा कि कोई कुछ बोल नहीं पा रहा'



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पटना: बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochahan assembly by election) में मिली करारी हार और 24 एमएलसी सीटों के चुनाव में एनडीए के संतोषजनक प्रदर्शन नहीं कर पाने के कारण बीजेपी और जदयू के बीच घमासान मचा है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा के सांसद सुशील मोदी (MP Sushil Kumar Modi On Bihar NDA) ने दोनों चुनाव को लेकर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने एनडीए में आपसी सामंजस्य की कमी (Coordination Between BJP And JDU) को लेकर सवाल उठाए हैं. सुशील मोदी के इस बयान पर जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा (Water Resources Minister Sanjay Kumar Jha) ने कहा है कि अगर ऐसी कोई बात है तो एनडीए इस पर गंभीरता से विचार करेगा.

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बोले संजय झा- 'सुशील मोदी हैं अनुभवी नेता': सुशील मोदी ने कुछ कहा है तो एनडीए करेगी दरअसल सुशील मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा था कि 2019 में जिस प्रकार से एनडीए में तालमेल था उस तरह का तालमेल दोनों चुनाव में नहीं दिखा. सुशील मोदी के सवाल पर जदयू मंत्री संजय झा ने कहा उपचुनाव में कई स्थानीय मामले भी होते हैं. जनरल चुनाव में सरकार बनाने की बात होती है. लोगों को पता होता है कि किसे मुख्यमंत्री चुनना है. इतना मैं जरूर कह सकता हूं कि सुशील मोदी जी अनुभवी नेता हैं.

"बिहार के मामले में सुशील मोदी की समझ काफी गहरी और बेहतर है. नीतीश कुमार के साथ उन्होंने लंबे समय तक काम किया है. 2005 से पहले जब सरकार नहीं थी उस समय भी साथ काम करते रहे. अगर उन्होंने कुछ कहा है तो निश्चित रूप से एनडीए में लोग उस चीज को गौर करेंगे. उस बात को देखेंगे कि अगर चुनाव हारे हैं तो उसका क्या कारण है."- संजय झा, जल संसाधन मंत्री, बिहार

'उपचुनाव में लोकल फैक्टर हावी': मंत्री संजय झा ने कहा कि मैं इस बात को नहीं मानता कि तेजस्वी यादव भारी पड़ रहे हैं. इससे पहले 2 सीटों पर उपचुनाव हुआ था और उसमें हम लोग जीते थे. राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी चुनाव प्रचार में गए थे. उपचुनाव में बहुत सारा लोकल फैक्टर भी हावी रहता है. पहले भी उपचुनाव में हम लोग हारे हैं. लेकिन जो मुख्य चुनाव 2010 का हुआ उसमें हम लोग 206 सीट लाए थे. बोचहां में भी लोकल फैक्टर हावी था. लेकिन सुशील मोदी ने जिन कमियों के बारे में बताया है तो निश्चित रूप से एनडीए में उस पर विचार करेगी. अमित शाह के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल होंगे कि नहीं इस सवाल पर संजय झा ने कहा कि यह तो बीजेपी का कार्यक्रम है.

क्या है पूरा मामला: पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Rajya Sabha MP Sushil Kumar Modi) ने भी ट्वीट कर कहा है कि जिस प्रकार से एमएलसी चुनाव और फिर बोचहां विधानसभा उपचुनाव में नुकसान उठाना पड़ा है, एनडीए नेतृत्व को गहन समीक्षा करना चाहिए. सुशील मोदी ने यह कहा था कि 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने पूरी एकजुटता से शानदार प्रदर्शन किया था. वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में एनडीए के घटक दलों ने पूरे तालमेल से एक-दूसरे को जिताने के लिए मेहनत की थी, जिससे हमारा स्ट्राइक रेट अधिकतम था. गठबंधन के खाते में राज्य की 40 में से 39 सीटें आयी थीं, जबकि राजद सभी सीटें हार गया था. बोचहां विधानसभा क्षेत्र की एक-एक पंचायत में एनडीए विधायकों-मंत्रियों ने जनता से सम्पर्क किया था. पूरी ताकत लगायी गई थी. सरकार ने भी सभी वर्गों के विकास के लिए काम किये और सबका विश्वास जीतने की कोशिश की. इसके बाद भी एनडीए के मजबूत जनाधार अतिपिछड़ा वर्ग और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था. इसके पीछे क्या नाराजगी थी, इस पर एनडीए अवश्य मंथन करेगा.

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