पटना: लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए सुनील कुमार की अंतिम यात्रा गुरुवार सुबह उनके पैतृक गांव से निकली. इस दौरान हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए और सुनील को अश्रुपूर्ण विदाई दी. इस शव यात्रा में आर्मी के जवानों के साथ जिला प्रशासन के तमाम वरीय अधिकारी, राजनेता मौजूद रहे. सभी ने शहीद सुनील कुमार के पार्थिव शरीर को अंतिम श्रद्धांजलि दी.
बिहार रेजिमेंट के तमाम अधिकारियों के साथ-साथ जिला अधिकारी कुमार रवि, एसएसपी केंद्र कुमार शर्मा के अलावा पटना के पुलिसकर्मी ने भी अपने लाल सपूत शहीद सुनील कुमार को अंतिम श्रद्धांजलि दी. इसके बाद आर्मी के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर उन्हें सलामी दिया. फिर सुनील कुमार के बड़े पुत्र आयुष ने अपने शहीद पिता को मुखाग्नि दिया.
पिता की तरह बेटा भी बनेगा सिपाही
इस दौरान शहीद सुनील के बड़े पुत्र आयुष ने सरकार से मांग की है कि चीन पर बड़ी कार्रवाई की जाए. आयुष ने कहा कि सरकार मेरे पिता का बदला ले. साथ ही उसने कहा कि अपनी पिता की तरह वह भी फौज में जाना चाहता है. आयुष ने कहा कि वह बड़ा अधिकारी बनकर देश की सेवा करेगा और चीन को सबक सिखाएगा. वहीं, शहीद सुनील के बड़े भाई अनिल कुमार ने भी सरकार से मांग की है कि सरकार बड़ी कार्रवाई करते हुए चीन को मुंहतोड़ जवाब दे.
जहां एक तरफ सुनील के पैतृक गांव के लोगों को अपने लाल को खोने का गम है तो वहीं, उन्हें इस बात का गर्व भी है. इसी को लेकर हजारों की संख्या में लोग सुनील के अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे. इस दौरान सभी ने भारत माता की जय के नारे भी लगाए.
बिहार के 6 जवान शहीद
बात दें कि पूरा देश चीन के साथ हुई झड़प में 20 जवान शहीद हुए हैं. इसे लेकर लोगों में बहुत आक्रोश है. खासकर युवा वर्ग ने सरकार से मांग की है कि बड़ी कार्रवाई कर चीन से जल्द से जल्द बदला लिया जाए. शहीद 20 जवानों में से बिहार के 6 जवान शामिल है. ये सभी बिहार रेजीमेंट के थें. चीन के साथ हुई झड़प में शहीद हुए बिहार के भी तमाम लोग सरकार से बड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि जवानों के शहादत का बदला लिया जा सके.
शहादत पर गर्व- नंदकिशोर यादव
वहीं, मौके पर पहुंचे बिहार सरकार के मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि सुनील कुमार के शहादत पर गर्व महसूस करता हूं, जिन्होंने देश की खातिर अपनी जान की बाजी लगा दी. लेकिन, चाइना को भी यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि ये 1962 का भारत नहीं है. यह 2020 के मोदी का भारत है. केंद्र सरकार इसका बदला जरूर लेगी. इस तरह की हरकत कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती है.