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बिहार से अन्य शहरों के लिए काम पर लौट रहे प्रवासी मजदूर, एयर टिकट देकर बुला रही कंपनियां

लॉक डाउन के दौरान बिहार में लगभग 30 लाख मजदूर वापस आये थे. सरकार ने इन्हें प्रदेश में ही रोजगार देने का दावा किया था. लेकिन पटना एयरपोर्ट पर बाहर जाने के लिए कतार में खड़े मजदूर सरकारी दावे की पोल खोल रहे हैं.

प्रवासी मजदूर
प्रवासी मजदूर
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Published : Jul 6, 2020, 2:31 PM IST

पटनाः देश में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. पूरे देश में अनलॉक-2 के तहत लगभग सभी उद्योग धंधे खोल दिए गए हैं. यही वजह है कि बिहार से लगातार मजदूरों का पलायन भी फिर से शुरू हो गया है. उद्योग धंधे खुलने के बाद कोरोना संक्रमण काल में भी अब मजदूरों को कंपनी एयर टिकट देकर वापस बुला रही है. पटना एयरपोर्ट से प्रवासी मजदूर कई शहरों को जा रहे हैं. एयरपोर्ट पर बाहर जाने के लिए कतार में खड़े मजदूर श्रमिकों को यहीं काम देने के सरकारी दावे की पोल खोल रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
'कंपनी ने एयर टिकट देकर बुलाया है'
पटना एयरपोर्ट से बेंगलुरु और हैदराबाद जाने वाले विमानों से लगातार मजदूर सफर कर रहे हैं. मुजफ्फरपुर से हैदराबाद जा रहे विनय कुमार का कहना है कि वहां हम प्लास्टिक कंपनी में काम करते थे. अब कंपनी ने एयर टिकट देकर बुलाया है. काम करना है तो जाना ही होगा. वहीं, कई मजदूर कैमरे के सामने आकर बोलने से परहेज करते नजर आए. लेकिन उनका कहना था कि बिहार में काम नहीं है. इसलिए मजबूरी में कोरोना संक्रमण काल में भी हमलोग बाहर काम करने जा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः शिक्षकों के सेवा शर्त के लिए पुनर्गठित कमेटी की आज पहली बैठक

सरकारी दावे साबित हुए खोखले
बता दें कि राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों को यहीं काम देने का दावा करती है. उसके लिए कई घोषणाएं भी सरकार ने की है. लेकिन जमीनी हकीकत क्या है ये पटना एयरपोर्ट पर देखने को मिलता है. लॉकडाउन के दौरान बिहार में लगभग 30 लाख मजदूर वापस आये थे. सरकार ने इन्हें बिहार में ही रोजगार देने का दावा किया था. सरकार ने सभी विभाग को आदेश भी दिया था कि इनके लिए स्वरोजगार और मनरेगा के तहत काम की व्यवस्था की जाए. इसके लिए स्किल मैपिंग को आधार बनाया गया था, ताकि ऐसे लोगों को काम दिया जा सके. लेकिन सरकार प्रवासी मजदूरों को किसी भी तरह की सहायता देने में असफल साबित हुई है. यही कारण है कि मजदूर अब फिर से पलायन को मजबूर हैं.

पटनाः देश में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. पूरे देश में अनलॉक-2 के तहत लगभग सभी उद्योग धंधे खोल दिए गए हैं. यही वजह है कि बिहार से लगातार मजदूरों का पलायन भी फिर से शुरू हो गया है. उद्योग धंधे खुलने के बाद कोरोना संक्रमण काल में भी अब मजदूरों को कंपनी एयर टिकट देकर वापस बुला रही है. पटना एयरपोर्ट से प्रवासी मजदूर कई शहरों को जा रहे हैं. एयरपोर्ट पर बाहर जाने के लिए कतार में खड़े मजदूर श्रमिकों को यहीं काम देने के सरकारी दावे की पोल खोल रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
'कंपनी ने एयर टिकट देकर बुलाया है'
पटना एयरपोर्ट से बेंगलुरु और हैदराबाद जाने वाले विमानों से लगातार मजदूर सफर कर रहे हैं. मुजफ्फरपुर से हैदराबाद जा रहे विनय कुमार का कहना है कि वहां हम प्लास्टिक कंपनी में काम करते थे. अब कंपनी ने एयर टिकट देकर बुलाया है. काम करना है तो जाना ही होगा. वहीं, कई मजदूर कैमरे के सामने आकर बोलने से परहेज करते नजर आए. लेकिन उनका कहना था कि बिहार में काम नहीं है. इसलिए मजबूरी में कोरोना संक्रमण काल में भी हमलोग बाहर काम करने जा रहे हैं.

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सरकारी दावे साबित हुए खोखले
बता दें कि राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों को यहीं काम देने का दावा करती है. उसके लिए कई घोषणाएं भी सरकार ने की है. लेकिन जमीनी हकीकत क्या है ये पटना एयरपोर्ट पर देखने को मिलता है. लॉकडाउन के दौरान बिहार में लगभग 30 लाख मजदूर वापस आये थे. सरकार ने इन्हें बिहार में ही रोजगार देने का दावा किया था. सरकार ने सभी विभाग को आदेश भी दिया था कि इनके लिए स्वरोजगार और मनरेगा के तहत काम की व्यवस्था की जाए. इसके लिए स्किल मैपिंग को आधार बनाया गया था, ताकि ऐसे लोगों को काम दिया जा सके. लेकिन सरकार प्रवासी मजदूरों को किसी भी तरह की सहायता देने में असफल साबित हुई है. यही कारण है कि मजदूर अब फिर से पलायन को मजबूर हैं.

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