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थानों में SC-ST से जुड़े कई मामले पेंडिग, बैठक में विधायकों ने केस निष्पादन में देरी पर उठाये सवाल - ईटीवी भारत न्यूज

मसौढ़ी अनुमंडल के विभिन्न थानों में एससी एसटी से जुड़े कई मामले (Cases Related To SC-ST Pending) अभी भी लंबित हैं. जिसे एएसपी वैभव शर्मा ने जल्द निपटाने का निर्देश दिया.

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Published : Dec 22, 2021, 8:03 PM IST

पटनाः एससी-एसटी अत्याचार निवारण सतर्कता अनुशासन समिति की पहली बैठक (Meeting regarding SC-ST Atrocity Case Prevention) मसौढ़ी अनुमंडल कार्यालय (Masaurhi Sub Divisional Office) परिसर में की गई. जहां फुलवारी विधानसभा के विधायक गोपाल रविदास और मसौढ़ी विधानसभा की विधायक रेखा देवी सहित सभी थानों के थानेदार, एसडीओ और एएसपी मौजूद रहे. इस दौरान विधायकों ने केस निष्पादन में हो रही देरी पर सवाल उठाये.

ये भी पढ़ेंः BJP सांसद ने कर दिया साफ- नहीं मिल सकता बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, JDU इसकी मांग ना करे

बैठक में विधायक गोपाल रविदास ने कहा कि आज भी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कई मामले विभिन्न थानों में लंबित हैं. इसको लेकर लोग न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं. अनुश्रवण समिति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि इस पूरे कमेटी में एक भी अनुसूचित जाति के लोग नहीं हैं.

मसौढ़ी विधायक रेखा पासवान ने कहा- 'मैं भी एक अनुसूचित जाति की महिला हूं. मेरे ऊपर भी 2017 में झूठा केस किया गया था और अभी तक वह लंबित है. कई बार सदन में भी यह मामला हम उठा चुके हैं और संबंधित कई बड़े पुलिस अधिकारियों को भी दे चुके हैं'.

बैठक की अध्यक्षता प्रभारी एसडीओ संजय कुमार और एएसपी वैभव शर्मा ने की. बैठक में मुख्य अतिथि के तौर पर फुलवारी विधानसभा के विधायक गोपाल रविदास और मसौढ़ी विधानसभा के विधायक रेखा देवी शामिल हुई. एएसपी वैभव शर्मा ने बैठक में कहा कि एससी-एसटी की आवाज को किसी भी सूरत में दबाया नहीं जाएगा.

कोई भी पीड़ित एसडीएम के पास आकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. अगर किसी एससी-एसटी समुदाय के लोगों की आपसी रंजिश में हत्या हो गई हो और आजीविका चलाने में अक्षम उनकी विधवा एफआईआर की कॉपी लेकर आए तो उस आवेदन को जिला स्तरीय कमेटी को भेज दिया जाएगा. ताकि आजीविका के लिए जिला स्तरीय टीम कोई व्यवस्था कर सकें.

देखें वीडियो

आपसी रंजिश के कारण हुई घटना के बाद भी थाने में मुकदमा दर्ज नहीं हो रहा हो तो उसे अनुमंडल कार्यालय में आवेदन जमा किया जा सकते है. लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि गलत केस ना हो, निर्दोष को नहीं फंसाया जाए. बैठक में एससी-एसटी मामले को लेकर कई आवश्यक बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया.

ये भी पढ़ें: Patna Corona Update: एयरपोर्ट पर सख्ती से की जा रही है कोरोना जांच, सर्टिफिकेट चेक के लिए बना अलग काउंटर

इस मौके पर एएसपी विकास वैभव ने सभी थानेदारों को चेतावनी दी कि एससी एसटी एक्ट के लंबित मामलों को त्वरित निष्पादन करें और अगर कोई थाने में अनुसूचित जाति जनजाति के लोग जाते हैं, तो उनके साथ ठीक से व्यवहार करें.

गौरतलब है कि मसौढ़ी अनुमंडल के मसौढ़ी थाने में 24 मामले अभी पेंडिंग है, धनरूआ थाना में 16 पुनपुन, पुनपुन थाना में 7 कादिरगंज थाने में तीन और पिपरा में 4 मामले अभी भी लंबित हैं.

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पटनाः एससी-एसटी अत्याचार निवारण सतर्कता अनुशासन समिति की पहली बैठक (Meeting regarding SC-ST Atrocity Case Prevention) मसौढ़ी अनुमंडल कार्यालय (Masaurhi Sub Divisional Office) परिसर में की गई. जहां फुलवारी विधानसभा के विधायक गोपाल रविदास और मसौढ़ी विधानसभा की विधायक रेखा देवी सहित सभी थानों के थानेदार, एसडीओ और एएसपी मौजूद रहे. इस दौरान विधायकों ने केस निष्पादन में हो रही देरी पर सवाल उठाये.

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बैठक में विधायक गोपाल रविदास ने कहा कि आज भी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कई मामले विभिन्न थानों में लंबित हैं. इसको लेकर लोग न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं. अनुश्रवण समिति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि इस पूरे कमेटी में एक भी अनुसूचित जाति के लोग नहीं हैं.

मसौढ़ी विधायक रेखा पासवान ने कहा- 'मैं भी एक अनुसूचित जाति की महिला हूं. मेरे ऊपर भी 2017 में झूठा केस किया गया था और अभी तक वह लंबित है. कई बार सदन में भी यह मामला हम उठा चुके हैं और संबंधित कई बड़े पुलिस अधिकारियों को भी दे चुके हैं'.

बैठक की अध्यक्षता प्रभारी एसडीओ संजय कुमार और एएसपी वैभव शर्मा ने की. बैठक में मुख्य अतिथि के तौर पर फुलवारी विधानसभा के विधायक गोपाल रविदास और मसौढ़ी विधानसभा के विधायक रेखा देवी शामिल हुई. एएसपी वैभव शर्मा ने बैठक में कहा कि एससी-एसटी की आवाज को किसी भी सूरत में दबाया नहीं जाएगा.

कोई भी पीड़ित एसडीएम के पास आकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. अगर किसी एससी-एसटी समुदाय के लोगों की आपसी रंजिश में हत्या हो गई हो और आजीविका चलाने में अक्षम उनकी विधवा एफआईआर की कॉपी लेकर आए तो उस आवेदन को जिला स्तरीय कमेटी को भेज दिया जाएगा. ताकि आजीविका के लिए जिला स्तरीय टीम कोई व्यवस्था कर सकें.

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आपसी रंजिश के कारण हुई घटना के बाद भी थाने में मुकदमा दर्ज नहीं हो रहा हो तो उसे अनुमंडल कार्यालय में आवेदन जमा किया जा सकते है. लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि गलत केस ना हो, निर्दोष को नहीं फंसाया जाए. बैठक में एससी-एसटी मामले को लेकर कई आवश्यक बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया.

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इस मौके पर एएसपी विकास वैभव ने सभी थानेदारों को चेतावनी दी कि एससी एसटी एक्ट के लंबित मामलों को त्वरित निष्पादन करें और अगर कोई थाने में अनुसूचित जाति जनजाति के लोग जाते हैं, तो उनके साथ ठीक से व्यवहार करें.

गौरतलब है कि मसौढ़ी अनुमंडल के मसौढ़ी थाने में 24 मामले अभी पेंडिंग है, धनरूआ थाना में 16 पुनपुन, पुनपुन थाना में 7 कादिरगंज थाने में तीन और पिपरा में 4 मामले अभी भी लंबित हैं.

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