पटना: राजधानी में सूचना और जनसंपर्क सचिव अनुपम कुमार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम और विभिन्न नदियों के जलस्तर को लेकर किये जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी दी. सचिव ने बताया कि कोविड-19 और बाढ़ की वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार लगातार पूरी गंभीरता से तत्पर है. साथ ही सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. क्वालिटी ऑफ ट्रीटमेंट बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार पर विशेष बल दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में सभी आवश्यक सुविधा लोगों को आसानी से उपलब्ध हो, इसके लिए निरंतर काम किया जा रहा है. इसके लिए लगातार हॉस्पिटल्स मैनेजमेंट, सपोर्ट सिस्टम पर फोकस किया जा रहा है. प्रिवेंटिव मेजर्स पर भी सरकार का पूरा ध्यान है और जागरुकता फैलाने की दिशा में लगातार कार्रवाई की जा रही है.
बिहार का रिकवरी रेट राष्ट्रीय औसत से अधिक
सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 3,585 लोग स्वस्थ हुए हैं और अब तक 88,163 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं. बिहार के रिकवरी रेट में बढ़ोतरी हुई है और अब यह बढ़कर 76.52 प्रतिशत हो गया है. रिकवरी का राष्ट्रीय औसत 73 प्रतिशत के करीब है. इस प्रकार बिहार का रिकवरी रेट राष्ट्रीय औसत से अधिक है. बीते 24 घंटे में कोविड-19 के 2,451 नये मामले सामने आये हैं. वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 26,472 एक्टिव मरीज हैं. उन्होंने बताया कि 19.08.2020 को 1,07,945 सैंपल्स की जांच की गई है और अब तक की गई. कुल जांच की संख्या 21,16,094 है.
चिकित्सा शुल्क का निर्धारण
लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों के इलाज हेतु राज्य सरकार की ओर से निजी चिकित्सा संस्थानों के चिकित्सा शुल्क का निर्धारण करने के लिए राज्य के शहरों और जिलों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत कर चिकित्सा शुल्क की अधिकतम दर निर्धारित की गई है. श्रेणी-‘ए’ में पटना, श्रेणी-‘बी’ में भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया, पूर्णिया और श्रेणी-‘सी’ में शेष अन्य जिलों को रखा गया है. कोविड-19 के इलाज के लिए निजी चिकित्सा संस्थानों को दो श्रेणी एनएबीएच एक्रिडिटेड हॉस्पिटल्स और नॉन एनएबीएच एक्रिडिटेड हॉस्पिटल्स के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इसके अलावा मरीजों को मोडरेट सिकनेस, सीवियर सिकनेस एवं वेरी सीवियर सिकनेस की श्रेणी में रखा गया है.
उन्होंने बताया कि श्रेणी-‘ए’ वाले पटना के निजी अस्पतालों में कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों से एनएबीएच एक्रिडिटेड हॉस्पिटल्स में मोडरेट सिकनेस मरीज के इलाज हेतु हर दिन अधिकतम 10,000 रुपये, सीवियर सिकनेस मरीज से अधिकतम 15,000 रूपये और वेरी सीवियर सिकनेस मरीज से अधिकतम 18,000 रूपये चिकित्सा शुल्क लेने की दर निर्धारित की गई है. वहीं, नॉन एनएबीएच एक्रिडिटेड हॉस्पिटल्स में मोडरेट सिकनेस मरीज के इलाज हेतु हर दिन अधिकतम 8,000 रुपये, सीवियर सिकनेस मरीज से अधिकतम 13,000 रूपये और वेरी सीवियर सिकनेस मरीज से अधिकतम 15,000 रूपये चिकित्सा शुल्क लेने की दर निर्धारित की गई है. श्रेणी-‘बी’ वाले जिले में स्थित निजी अस्पतालों की ओर से श्रेणी-‘ए’ का 80 प्रतिशत, जबकि श्रेणी-‘सी’ वाले जिलों में स्थित अस्पतालों की ओर से श्रेणी-‘ए’ का 60 प्रतिशत अधिकतम चिकित्सा शुल्क निर्धारित किया गया है.
मास्क न पहनने वाले व्यक्तियों से जुर्माना
अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से 1 अगस्त से लागू अनलॉक-3 के तहत जारी गाइडलाइन का अनुपालन कराया जा रहा है. पिछले 24 घंटे में 4 कांड दर्ज किये गये हैं और 4 व्यक्तियों की गिरफ्तारी भी हुई है. इस दौरान 703 वाहन जब्त किये गये हैं और 18 लाख 11 हजार 900 रूपये की राशि जुर्माने के रुप में वसूल की गई है. इस प्रकार 1 अगस्त से अब तक 59 कांड दर्ज किये गये हैं और 99 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है. कुल 13,528 वाहन जब्त किए गए हैं और 3 करोड़ 48 लाख 38 हजार 170 रुपए की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है.
उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने वाले लोगों पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है. पिछले 24 घंटे में मास्क न पहनने वाले 4,902 व्यक्तियों से 2 लाख 45 हजार 100 रूपये जुर्माने की राशि वसूल की गई है. इस तरह 1 अगस्त से अब तक मास्क न पहनने वाले 1,02,207 व्यक्तियों से 51 लाख 10 हजार 350 रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गयी है. कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नये दिशा-निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं.
सोन नदी में लगातार बढ़ रहा डिस्चार्ज
सचिव जल संसाधन संजीव हंस ने राज्य की विभिन्न नदियों के जलस्तर और बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति में अब सुधार हो रहा है. बूढी गंडक के अपस्ट्रीम में सभी जगहों पर जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे है और रोसरा में जलस्तर में गिरावट देखी जा रही है. बूढी गंडक का जलस्तर खगड़िया में राइजिंग ट्रेंड में है, जबकि अन्य जगहों पर फॉलिंग ट्रेंड है. कोसी और गंडक नदी का जलस्तर भी फॉलिंग ट्रेंड में है. बागमती नदी की सहायक जो अधवारा नदियां हैं, वे सभी फॉलिंग ट्रेंड में आ गयी हैं. बागमती नदी के डाउनस्ट्रीम में जलस्तर की प्रवृत्ति एकमी घाट तक थोड़ी बढ़ने की है.
गंगा नदी का जलस्तर कहलगांव में खतरे के निशान से 31 सेंटीमीटर ऊपर है और अगले 24 घंटे में 10 सेंटीमीटर बढ़ोतरी की संभावना है. गांधी घाट (पटना) और हाथीदह (बेगुसराय) में भी गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. गंगा नदी का जलस्तर इलाहाबाद से लेकर बक्सर तक राइजिंग ट्रेंड में है. सोन नदी में डिस्चार्ज लगातार बढ़ रहा है और आज की तारीख में 98,301 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हो रहा है. मध्यप्रदेश में बारिश होने के कारण सोन नदी में अभी जलश्राव बढ़ता रहेगा. पूर्वानुमान के मुताबिक नेपाल में मुख्य नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में 10 से 25 मिलीमीटर वर्षापात की संभावना जताई गयी है. बिहार राज्य में विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध सुरक्षित हैं. इन इलाकों में सतत निगरानी और चैकसी बरती जा रही है.
16 जिले के 1317 पंचायतें बाढ़ प्रभावित
अपर सचिव आपदा प्रबंधन रामचंद्र डू ने बताया है कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है. नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 16 जिले के कुल 130 प्रखंडों की 1,317 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहां आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. खगड़िया में 1 और समस्तीपुर में 5 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. इन सभी 6 राहत शिविरों में कुल 5,186 लोग आवासित हैं. 443 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें हर दिन 3,25,610 लोग भोजन कर रहे हैं.
सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव का कार्य कर रही हैं और अब तक प्रभावित इलाकों से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बोट्स के माध्यम से 5,50,792 लोगों को बाहर निकाला गया है. अब तक बाढ़ प्रभावित 9 लाख 26 हजार 77 परिवारों के बैंक खाते में प्रति परिवार 6,000 रूपये की दर से कुल 555.65 करोड़ रुपये जीआर की राशि भेजी जा चुकी है. लाभान्वित परिवारों को एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया गया है. पूर्वानुमान को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है.