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पटना : बेहतर पुल निर्माण और रखरखाव को लेकर IIBE करेगा प्रशिक्षित - meeting of bridge engineer

इस दो दिवसीय कार्यशाला आयोजन का मकसद है कि इस कॉन्फ्रेंस में जितने भी नेशनल इंटरनेशनल स्पीकर्स आ रहे हैं. उनका टेक्निकल डिस्क्रिप्शन स्टूडेंट्स और ब्रिज इंजीनियर तक पहुंचाया जा सके. ताकि पेस्टर पुल निर्माण के बारे में लोगों को जानकारी मिल सकें.

गोपाल राय, ब्रिज इंजीनियर
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Published : Jun 13, 2019, 9:38 AM IST

पटना: जिले में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ ब्रिज इंजीनियर और बिहार राज्य पुल निगम लिमिटेड की दो दिवसीय बैठक की जा रही है. यह 14 और 15 जून को राजधानी पटना के ज्ञान भवन में होगी. बैठक का उद्देश्य पुल के निर्णाण से लेकर उसके रखरखाव तक की जानकारी और नई तकनीकों के बारे में छात्रों को शिक्षित किया जाएगा. इसकी जानकारी ब्रिज इंजीनियर गोपाल राय ने दी.

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ ब्रिज इंजीनियर की दो दिवसीय बैठक

स्टूडेंट को मिलेगा अवसर
गोपाल राय ने बताया कि सभी सिविल इंजीनियर जो ब्रिज पुल निगम और पुल निर्माण से जुड़े इंजीनियर हैं, उनके लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इसका मकसद है कि इस कॉन्फ्रेंस में जितने भी नेशनल, इंटरनेशनल स्पीकर्स आ रहे हैं उनका टेक्निकल डिस्क्रिप्शन स्टूडेंट्स और ब्रिज इंजीनियर तक पहुंचाया जा सके. ताकि पेस्टर पुल निर्माण के बारे में लोगों को जानकारी मिल सके. उन्होंने कहा कि इसका एक मकसद यह भी है कि है कि युवा इंजीनियर और स्टूडेंट से ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाएं. ताकि इससे उनके भविष्य में एक कैरियर अपॉर्चुनिटी के रूप में देखा जाए.

पटना को चुनने का कारण
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ ब्रिज इंजीनियर द्वारा कार्यशाला के लिए पटना को ही चुने जाने पर उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में पटना आज तीसरे नंबर पर है और भविष्य में 10 सालों के बाद पटना एक नंबर पर होगा. जितने भी प्रोग्राम आ रहे हैं. उस पर सभी मैन्युफैक्चरर और कंसलटेंट का मानना यही है कि यहां पर लोकल अवेयरनेस ब्रिज टेक्नोलॉजी के बारे में होनी चाहिए. ताकि नई टेक्नोलॉजी से सारे इंजीनियर अपडेट हो जाए.

पटना: जिले में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ ब्रिज इंजीनियर और बिहार राज्य पुल निगम लिमिटेड की दो दिवसीय बैठक की जा रही है. यह 14 और 15 जून को राजधानी पटना के ज्ञान भवन में होगी. बैठक का उद्देश्य पुल के निर्णाण से लेकर उसके रखरखाव तक की जानकारी और नई तकनीकों के बारे में छात्रों को शिक्षित किया जाएगा. इसकी जानकारी ब्रिज इंजीनियर गोपाल राय ने दी.

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ ब्रिज इंजीनियर की दो दिवसीय बैठक

स्टूडेंट को मिलेगा अवसर
गोपाल राय ने बताया कि सभी सिविल इंजीनियर जो ब्रिज पुल निगम और पुल निर्माण से जुड़े इंजीनियर हैं, उनके लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इसका मकसद है कि इस कॉन्फ्रेंस में जितने भी नेशनल, इंटरनेशनल स्पीकर्स आ रहे हैं उनका टेक्निकल डिस्क्रिप्शन स्टूडेंट्स और ब्रिज इंजीनियर तक पहुंचाया जा सके. ताकि पेस्टर पुल निर्माण के बारे में लोगों को जानकारी मिल सके. उन्होंने कहा कि इसका एक मकसद यह भी है कि है कि युवा इंजीनियर और स्टूडेंट से ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाएं. ताकि इससे उनके भविष्य में एक कैरियर अपॉर्चुनिटी के रूप में देखा जाए.

पटना को चुनने का कारण
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ ब्रिज इंजीनियर द्वारा कार्यशाला के लिए पटना को ही चुने जाने पर उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में पटना आज तीसरे नंबर पर है और भविष्य में 10 सालों के बाद पटना एक नंबर पर होगा. जितने भी प्रोग्राम आ रहे हैं. उस पर सभी मैन्युफैक्चरर और कंसलटेंट का मानना यही है कि यहां पर लोकल अवेयरनेस ब्रिज टेक्नोलॉजी के बारे में होनी चाहिए. ताकि नई टेक्नोलॉजी से सारे इंजीनियर अपडेट हो जाए.

Intro:इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ ब्रिज इंजीनियर और बिहार राज्य पुल निगम लिमिटेड द्वारा 14 से 15 जून को राजधानी पटना के ज्ञान भवन में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन होने जा रहा है. इस बात की जानकारी देते हुए संवाददाता सम्मेलन में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ बीज इंजीनियर केस सेक्रेटरी गोपाल राय ने बताया कि इस परिचर्चा में पुल निर्माण से लेकर उसके रखरखाव सुरक्षा हेल्थ और अन्य इंपॉर्टेंट विषयों और नई तकनीकों के बारे में ब्रिज इंजीनियर और छात्रों को बताया जाएगा. कार्यशाला का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी करेंगे और पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव भी मौजूद रहेंगे.


Body:गोपाल राय ने बताया कि सभी सिविल इंजीनियर जो ब्रिज पुल निगम और पुल निर्माण से जुड़े इंजीनियर है उनके लिए यह दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है. इसका मकसद है कि इस कॉन्फ्रेंस में जितने भी नेशनल इंटरनेशनल स्पीकर्स आ रहे हैं उनका टेक्निकल डिस्क्रिप्शन स्टूडेंट्स और ब्रिज इंजीनियर तक पहुंचे ताकि पेस्टर पुल निर्माण के बारे में जान सकें. इसका यह भी मकसद है कि यंग इंजीनियर और स्टूडेंट से ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाएं ताकि इसे उनके भविष्य में एक कैरियर अपॉर्चुनिटी के रूप में देखा जाए.


Conclusion:इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ विच इंजीनियर द्वारा कार्यशाला के लिए पटना को ही चुने जाने पर उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में पटना आज तीसरे नंबर पर है और भविष्य में 10 सालों के बाद पटना एक नंबर पर होगा. जितने भी प्रोग्राम आ रहे हैं उस पर सभी मैन्युफैक्चरर और कंसलटेंट का मानना यही है कि यहां पर लोकल अवेयरनेस ब्रिज टेक्नोलॉजी के बारे में होनी चाहिए ताकि नई टेक्नोलॉजी से सारे इंजीनियर अपडेट हो जाए.
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