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सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे दवा व्यवसायी, फार्मासिस्ट की कमी से हैं नाराज

फार्मेसी एक्ट 1948 के तहत खुदरा और दवा दुकानों में फार्मासिस्ट की अनिवार्यता है. लेकिन, बिहार में दवा दुकानों की अपेक्षा फार्मासिस्ट की उपलब्धता कम है.

दवा व्यवसायी
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Published : Jun 30, 2019, 1:23 PM IST

पटना: बिहार के दवा व्यवसायी एक बार फिर से आंदोलन के मूड में है. औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से लगातार दवा दुकानों में छापेमारी की जा रही है. इससे तंग आकर दवा व्यवसायी सड़क पर उतरकर आंदोलन को उतारू हो गए हैं. चरणबद्ध तरीके से सरकार के खिलाफ विरोध जताने की तैयारियों में जुटे है. मिली जानकारी के मुताबिक आगामी 1 जुलाई से पटना स्थित गोविंद मित्रा रोड पर सभी दवा व्यवसायी जुलूस निकालकर प्रदर्शन करेंगे.

बताया जाता है कि केंद्रीय नियमानुसार फार्मेसी एक्ट 1948 के तहत खुदरा और थोक दवा दुकानों में फार्मासिस्ट की अनिवार्यता है. लेकिन, बिहार में दवा दुकानों की अपेक्षा फार्मासिस्ट की उपलब्धता कम है. इस कमी को दूर करने के लिए सभी दवा व्यवसायी संघों ने केंद्र और राज्य सरकार से कई बार लिखित गुहार लगाई है. लेकिन, इसका कोई ठोस समाधान नहीं हुआ है.

बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन महासचिव का बयान

दूसरे राज्यों में नहीं है समस्या
बता दें कि फार्मेसी संस्थानों को भी विकसित नहीं किया गया है. जिस कारण आज यह समस्या विकराल बनती जा रही है. गौरतलब है कि देश के दूसरे राज्यों में काफी पहले फार्मेसी संस्थानों को विकसित कर दिया गया था. जिससे दूसरे जगहों पर फार्मासिस्ट की कोई समस्या नहीं है. यहां तक कि पड़ोसी राज्य झारखंड में भी पिछले साल लगभग 50 और उत्तर प्रदेश में लगभग 300 संस्थानों को मान्यता दी गई.

चरणबद्ध आंदोलन का खाका:

  • 1 जुलाई 2019 से सभी दुकानदार शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे विरोध प्रदर्शन और जिलाधिकारी को सौंपेंगे ज्ञापन
  • आगामी 20 जुलाई 2019 से जिला के सभी थोक दवा विक्रेता निर्माता कंपनियों से किसी भी प्रकार की दवाओं की खरीद अगले निर्णय तक बंद करेंगे
  • दिनांक 16 अगस्त 2019 से जिला के सभी खुदरा दवा विक्रेता निर्माता कंपनियों से किसी प्रकार की दवाओं की खरीद अगले निर्णय तक बंद करेंगे
  • आगामी 1 सितंबर 2019 से जिला के सभी वितरक थोक एवं दवा दुकानें अनिश्चितकालीन तक बंद हो जाएंगी

पटना: बिहार के दवा व्यवसायी एक बार फिर से आंदोलन के मूड में है. औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से लगातार दवा दुकानों में छापेमारी की जा रही है. इससे तंग आकर दवा व्यवसायी सड़क पर उतरकर आंदोलन को उतारू हो गए हैं. चरणबद्ध तरीके से सरकार के खिलाफ विरोध जताने की तैयारियों में जुटे है. मिली जानकारी के मुताबिक आगामी 1 जुलाई से पटना स्थित गोविंद मित्रा रोड पर सभी दवा व्यवसायी जुलूस निकालकर प्रदर्शन करेंगे.

बताया जाता है कि केंद्रीय नियमानुसार फार्मेसी एक्ट 1948 के तहत खुदरा और थोक दवा दुकानों में फार्मासिस्ट की अनिवार्यता है. लेकिन, बिहार में दवा दुकानों की अपेक्षा फार्मासिस्ट की उपलब्धता कम है. इस कमी को दूर करने के लिए सभी दवा व्यवसायी संघों ने केंद्र और राज्य सरकार से कई बार लिखित गुहार लगाई है. लेकिन, इसका कोई ठोस समाधान नहीं हुआ है.

बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन महासचिव का बयान

दूसरे राज्यों में नहीं है समस्या
बता दें कि फार्मेसी संस्थानों को भी विकसित नहीं किया गया है. जिस कारण आज यह समस्या विकराल बनती जा रही है. गौरतलब है कि देश के दूसरे राज्यों में काफी पहले फार्मेसी संस्थानों को विकसित कर दिया गया था. जिससे दूसरे जगहों पर फार्मासिस्ट की कोई समस्या नहीं है. यहां तक कि पड़ोसी राज्य झारखंड में भी पिछले साल लगभग 50 और उत्तर प्रदेश में लगभग 300 संस्थानों को मान्यता दी गई.

चरणबद्ध आंदोलन का खाका:

  • 1 जुलाई 2019 से सभी दुकानदार शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे विरोध प्रदर्शन और जिलाधिकारी को सौंपेंगे ज्ञापन
  • आगामी 20 जुलाई 2019 से जिला के सभी थोक दवा विक्रेता निर्माता कंपनियों से किसी भी प्रकार की दवाओं की खरीद अगले निर्णय तक बंद करेंगे
  • दिनांक 16 अगस्त 2019 से जिला के सभी खुदरा दवा विक्रेता निर्माता कंपनियों से किसी प्रकार की दवाओं की खरीद अगले निर्णय तक बंद करेंगे
  • आगामी 1 सितंबर 2019 से जिला के सभी वितरक थोक एवं दवा दुकानें अनिश्चितकालीन तक बंद हो जाएंगी
Intro:
बिहार में एक बार फिर से दवा व्यवसाई आंदोलन के मूड में है, चरणबद्ध आंदोलन की तैयारी में जुटे है बिहार के सभी दवा कारोबारी,पटना से शशि तुलस्यान की खास रिपोर्ट.....


Body: बिहार में दवा व्यवसाई इन दिनों आंदोलन के मूड में हैं और चरणबद्ध आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं, आगामी 1 जुलाई से राजधानी पटना के गोविंद मित्रा रोड में सभी दवा व्यवसाई पूरे शहर में जुलूस प्रदर्शन निकाल कर सरकार के खिलाफ विरोध करेंगे, वहीं आगामी 20 जुलाई से जिला के सभी थोक एवं खुदरा विक्रेता कंपनियों से किसी भी प्रकार की दवाओं की खरीद की अगले आदेश तक बंद रखेंगे, वहीं दिनांक 16 अगस्त 2019 से जिला के सभी खुदरा एवं दवा विक्रेता निर्माता कंपनी से किसी भी प्रकार की दवा की खरीद की अगले निर्णय तक बंद रखेंगे वहीं आगामी एक सितंबर 2019 से थोक एवं खुदरा विक्रेता अनिश्चितकालीन के लिए पूरे बिहार में बंद करेंगे।


Conclusion:बताया जाता है कि केंद्रीय नियमानुसार फार्मेसी एक्ट 1948 के तहत खुदरा एवं दवा दुकानों में फार्मासिस्ट की अनिवार्यता है, लेकिन बिहार में दवा दुकानों की अपेक्षा फार्मासिस्ट की उपलब्धता में घोर कमी है, इस कमी को दूर करने के लिए सभी दवा व्यवसाई संघ ने केंद्र एवं राज्य के सरकार से कई बार लिखित मिलकर गुहार लगा चुके हैं
लेकिन बिहार में इसका कोई ठोस समाधान नहीं हुआ है और नहीं फार्मेसी संस्थान को विकसित किया गया है, जिसके कारण आज यह समस्या विकराल बनती जा रही है,गौरतलब है की देश के दूसरे राज्यों में तो काफी पहले यहां फार्मेसी संस्थान को विकसित कर दिया है जिससे वहां आज फार्मासिस्ट की कोई समस्या नहीं है, यहां तक कि पड़ोसी राज्य झारखंड में पिछले 1 वर्ष में लगभग 50 एवं उत्तर प्रदेश में लगभग 300 संस्थान की मान्यता दे दी गई है, फार्मासिस्ट की अनिवार्यता के अनुसार दवा व्यवसाई को अपने दुकान में फार्मासिस्ट को रखने में कोई परेशानी नहीं है, अगर फार्मासिस्ट प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हो
क्योंकि दवा दुकानों में सेल्समैन के रूप में पढ़े लिखे व्यक्ति ही काम करते हैं यह भी हकीकत है कि राज्य में जो भी फार्मासिस्ट की उपलब्धता है राज्य के दूरदराज का छोटे शहर में दवा दुकान चला रहे हैं
बहरहाल फिर भी औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा लगातार दवा दुकानों में छापेमारी करते हुए उन्हें परेशान किया जा रहा है परेशानियों से आजिज होकर दवा व्यवसाई सड़क पर उतर कर आंदोलन पर उतारू हो गए हैं






चरणबद्ध आंदोलन का खाका:----

1.1 जुलाई 2019 से सभी दुकानदार शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे विरोध प्रदर्शन और जिलाधिकारी को सौंपेंगे ज्ञापन
2. आगामी 20 जुलाई 2019 से जिला के सभी थोक दवा विक्रेता निर्माता कंपनियों से किसी भी प्रकार की दवाओं की खरीद की को अगली निर्णय तक बंद करेंगे

3..दिनांक 16 अगस्त 2019 से जिला के सभी खुदरा दवा विक्रेता निर्माता कंपनियों से किसी प्रकार की दवाओं की खरीद की को अगली निर्णय तक बंद करेंगे

4..आगामी 1 सितंबर 2019 से जिला के सभी वितरक थोक एवं दवा दुकानें अनिश्चितकालीन तक बंद हो जाएगी

बाईट:--अमरेंद्र कुमार
महासचिव, बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन
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