पटना: मानसून आने से पहले पटना शहर के नालों की सफाई को लेकर मेयर सीता साहू ने समीक्षा बैठक की. जिसमें 9 बड़े नाला के साथ सभी छोटे नालों की उड़ाई को लेकर नगर निगम के अधिकारियों से फीडबैक ली गई. वहीं 25 मई तक सभी हर बड़े-छोटे नालों की सफाई कार्य पूरा करने का निर्देश जारी किया गया. इसके साथ ही कहा कि अगले माह मानसून आने वाली है. ऐसे में शहर में जल-जमाव न हो इसके लिए नाला की सफाई का काम पूरा समय पर कर लिया जाए.
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जून माह में मानसून
कोरोना संक्रमण के दौरान अगले माह मानसून आने वाला है. ऐसे में बड़े और छोटे नालों की सफाई का कार्य पूरा करने को लेकर महापौर सीता साहू ने नगर निगम के सभी अंचलों में वार्ड पार्षद, अंचल कार्यपालक पदाधिकारी और अभियंताओं के साथ बैठक की. बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि संसाधनों की संख्या बढ़ाई जाय और अधिकतम 10 दिनों के भीतर कार्य पूरा किया जाए. बैठक में उन्होंने आगामी मानसून को लेकर जल-जमाव की समस्या से निपटने संबंधी नाला-सफाई प्लान की जानकारी ली.
25 मई चक कार्य पूरा करने का निर्देश
महापौर सीता साहू ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि संसाधन बढ़ाकर नाला सफाई का कार्य हर हाल में 25 मई तक पूरा करा लिया जाए. इससे पहले शहर में नालों की सफाई के लिए 15 मई अंतिम तिथि निर्धारित थी. बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दिया कि नाला सफाई का कार्य 15 फरवरी से जारी है. लेकिन मार्च महीने में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से मानव बल नहीं मिल पा रहा था. इसकी जगह पर सफाई उपकरणों का इस्तेमाल किया गया.
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मानसून को लेकर पटना नगर निगम की रणनीति-- पटना नगर निगम के माध्यम से जल जमाव संभावित क्षेत्रों को चिन्हित कर कच्चा नाला और अन्य वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं.
- सभी बड़े नालों के प्रवाह क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर अस्थायी स्क्रीन की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही सभी स्क्रीन की सफाई के लिए मजदूर भी प्रतिनियुक्त किए जाएंगे.
- मानसून पूर्व सभी अंचलों में पर्याप्त मात्रा में चूना, ब्लीचिंग, टेमीफोस और मैलाथियॉन का भंडारण सुनिश्चित करने के निर्देश मुख्यालय स्तर से दिए गए हैं.
- प्रत्येक अंचल स्तर पर दो-दो क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) का गठन किया जाएगा. जो 10 जून से लेकर सम्पूर्ण मानसून अवधि तक क्रियाशील रहेगा.
- वर्तमान में नाला सफाई कार्य में 12 पोकलेन, 18 हाइवा, 15 जेसीबी, 06 सुपर सकर, 18 जेटिंग कम सक्शन मशीन, 06 डिवाटरिंग मशीन, 12 ग्रैवर रोडर और जेटिंग मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है.