पटना: दिनांक 26 जुलाई, करगिल विजय दिवस का अवसर. पाकिस्तान पर विजय प्राप्ति का महत्वपूर्ण दिवस. मतलब नापाक पाकिस्तान को धूल चटाते हुए शहीद हुए जवानों को याद करने का दिन. इस युद्ध में बिहार के जवानों ने भी बढ़-चढ़ कर अपना योगदान दिया था. पटना निवासी नायक गणेश प्रसाद यादव ने भी शहादत दी थी. पत्नी से वापस आने का वादा किया था. लेकिन मां भारती की रक्षा करते शहीद हो गए थे.
लगभग 60 दिनों तक चले करगिल युद्ध का अंत 26 जुलाई को हुआ था. इस बार भी भारत के हाथों पाकिस्तान की करारी शिकस्त मिली थी. इस दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान में करगिल विजय दिवस मनाया जाता है. करगिल युद्ध में बिहार के कई सपूतों ने भारत माता की चरणों में अपनी प्राणों की आहुति दी. नापाक पाक के मंसूबों पर पानी फेर दिया. हंसते-हंसते अपना बलिदान दिया. इस लिस्ट में पटना स्थित पांडेय चक गांव का एक वीर सपूत भी शामिल हैं. जिनकी शहादत पर हर किसी को फक्र है. नाम, नायक गणेश प्रसाद यादव. बिहार रेजीमेंट का जवान. जिन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से नवाजा गया.
शहीद की कहानी, पत्नी की जुबानी
नायक गणेश प्रसाद ने दुश्मनों से लड़ते हुए कारगिल के द्रास सेक्टर में अपनी शहादत दी. उनके पराक्रम के चर्चे गांव के बच्चे-बच्चे के जुबान पर है. करगिल दिवस के अवसर अनकी पत्नी पुष्पा देवी ने ईटीवी भारत से बीते हुए उन लम्हों के बारे में विस्तृत से बातचीत की.
पति ने सालगिरह पर आने का वचन दिया था
पति के बारे में बातचीत करते हुए शहीद की पत्नी कहती हैं, 28 जून 1999 की शाम. घर में दिया जलाने के वक्त. बिहटा के पांडेचक स्थित आवास खाना बनाने की तैयारी कर रही थी. पति एक महीने पहले ही छुट्टी बिताकर करगिल गए थे. जाने वक्त एक वचन दिया था. 29 मई को शादी की सालगिरह में जरूर आयेंगे. लेकिन शाम 7:30 बजे शाम के रेडियो बुलेटिन में कारगिल में युद्ध की खबर आयी.
14000 फीट की ऊंचाई पर लड़ते हुए शहीद
जब पति की शहादत की खबर आयी उस वक्त मेरे गोद में ढाई साल की बेटी कुमारी प्रेम ज्योति और डेढ़ साल का बेटा अभिषेक कुमार था. मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी. कुछ घंटों के लिए बेहोश हो गई. 29 जून की सुबह करगिल का बटालिक सब सेक्टर. जहां 14000 फीट की ऊंचाई पर शत्रु कब्जा जमाए बैठा था. मेरे पति दो जवानों के साथ दुश्मनों पर हमला बोल दिए. दुश्मन के समझने से पहले ही दो को मार गिराया. हालांकि दुश्मनों के भारी गोलीबारी में वह वीरगति को प्राप्त हुए.
मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित
सरकार ने उनके पराक्रम के लिए मरणोपरांत उन्हें वीर चक्र से नवाजा. शहीद की पत्नी ने करगिल दिवस पर कहा कि देश पर मर मिटने के लिए हर बेटा तैयार है. हर किसी को अपनी देशों के हित के लिए सोचनी चाहिए.
पत्नी को मिली सरकारी सहायता
सरकार के तरफ से शहीद की पत्नी को सरकारी सहायता मिली. पति के नाम पर एक गैस एजेंसी आवंटित की गई. जिसका उद्घाटन तत्कालीन विभाग के मंत्री राम नाईक और स्वास्थ्य मंत्री सीपी ठाकुर ने 13 जनवरी 2002 को किया था. राज्य सरकार की तरफ से दस लाख और केंद्र सरकार की तरफ से 15 लाख की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई. हालांकि शहीद की पत्नी से किए गए कई वादे अधूरे रह गए.
शहीद गणेश यादव का परिचय
- नाम: शहीद लांस नायक गणेश प्रसाद यादव
- जन्म: 30 जनवरी 1970
- जन्म स्थान: पांडे चक बिहटा
- वर्तमान पता:- बिग्रहपुर, पटना
- माता: बचिया देवी
- पिता: रामदेव प्रसाद यादव
- विवाह : 1994
- पत्नी : पुष्पा देवी
- पुत्री: प्रेम ज्योति
- पुत्र: अभिषेक कुमार
- सेना में भर्ती: 28 दिसंबर 1987
- वीरगति: 29 मई 1999
- सम्मान: मरणोपरांत वीर चक्र