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शहीद की पत्नी का दर्द: वो बोले थे मेरा इंतजार करना, शादी की सालगिरह पर आऊंगा

शहीद की पत्नी को आज भी वो दिन याद है जब नायक गणेश प्रसाद यादव ने कहा था, मेरा इंतजार करना. शादी की सालगिरह पर आउंगा. लेकिन उनकी शहादत की खबर आयी.

पति की तस्वीर लिए बेटे के साथ शहीद की पत्नी
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Published : Jul 26, 2019, 10:57 AM IST

पटना: दिनांक 26 जुलाई, करगिल विजय दिवस का अवसर. पाकिस्तान पर विजय प्राप्ति का महत्वपूर्ण दिवस. मतलब नापाक पाकिस्तान को धूल चटाते हुए शहीद हुए जवानों को याद करने का दिन. इस युद्ध में बिहार के जवानों ने भी बढ़-चढ़ कर अपना योगदान दिया था. पटना निवासी नायक गणेश प्रसाद यादव ने भी शहादत दी थी. पत्नी से वापस आने का वादा किया था. लेकिन मां भारती की रक्षा करते शहीद हो गए थे.

करगिल युद्ध में शहीद हुए गणेश के बारे में जानकारी देंती पत्नी

लगभग 60 दिनों तक चले करगिल युद्ध का अंत 26 जुलाई को हुआ था. इस बार भी भारत के हाथों पाकिस्तान की करारी शिकस्त मिली थी. इस दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान में करगिल विजय दिवस मनाया जाता है. करगिल युद्ध में बिहार के कई सपूतों ने भारत माता की चरणों में अपनी प्राणों की आहुति दी. नापाक पाक के मंसूबों पर पानी फेर दिया. हंसते-हंसते अपना बलिदान दिया. इस लिस्ट में पटना स्थित पांडेय चक गांव का एक वीर सपूत भी शामिल हैं. जिनकी शहादत पर हर किसी को फक्र है. नाम, नायक गणेश प्रसाद यादव. बिहार रेजीमेंट का जवान. जिन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से नवाजा गया.

शहीद की कहानी, पत्नी की जुबानी

नायक गणेश प्रसाद ने दुश्मनों से लड़ते हुए कारगिल के द्रास सेक्टर में अपनी शहादत दी. उनके पराक्रम के चर्चे गांव के बच्चे-बच्चे के जुबान पर है. करगिल दिवस के अवसर अनकी पत्नी पुष्पा देवी ने ईटीवी भारत से बीते हुए उन लम्हों के बारे में विस्तृत से बातचीत की.

martyr-ganesh wife talk with etv bharat in patna
ईटीवी संवाददाता से बाततचीत करती शहीद गणेश की पत्नी

पति ने सालगिरह पर आने का वचन दिया था
पति के बारे में बातचीत करते हुए शहीद की पत्नी कहती हैं, 28 जून 1999 की शाम. घर में दिया जलाने के वक्त. बिहटा के पांडेचक स्थित आवास खाना बनाने की तैयारी कर रही थी. पति एक महीने पहले ही छुट्टी बिताकर करगिल गए थे. जाने वक्त एक वचन दिया था. 29 मई को शादी की सालगिरह में जरूर आयेंगे. लेकिन शाम 7:30 बजे शाम के रेडियो बुलेटिन में कारगिल में युद्ध की खबर आयी.

14000 फीट की ऊंचाई पर लड़ते हुए शहीद
जब पति की शहादत की खबर आयी उस वक्त मेरे गोद में ढाई साल की बेटी कुमारी प्रेम ज्योति और डेढ़ साल का बेटा अभिषेक कुमार था. मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी. कुछ घंटों के लिए बेहोश हो गई. 29 जून की सुबह करगिल का बटालिक सब सेक्टर. जहां 14000 फीट की ऊंचाई पर शत्रु कब्जा जमाए बैठा था. मेरे पति दो जवानों के साथ दुश्मनों पर हमला बोल दिए. दुश्मन के समझने से पहले ही दो को मार गिराया. हालांकि दुश्मनों के भारी गोलीबारी में वह वीरगति को प्राप्त हुए.

मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित
सरकार ने उनके पराक्रम के लिए मरणोपरांत उन्हें वीर चक्र से नवाजा. शहीद की पत्नी ने करगिल दिवस पर कहा कि देश पर मर मिटने के लिए हर बेटा तैयार है. हर किसी को अपनी देशों के हित के लिए सोचनी चाहिए.

kargil chowk in patna
शहीदों के याद में बनाया गया करगिल चौक

पत्नी को मिली सरकारी सहायता
सरकार के तरफ से शहीद की पत्नी को सरकारी सहायता मिली. पति के नाम पर एक गैस एजेंसी आवंटित की गई. जिसका उद्घाटन तत्कालीन विभाग के मंत्री राम नाईक और स्वास्थ्य मंत्री सीपी ठाकुर ने 13 जनवरी 2002 को किया था. राज्य सरकार की तरफ से दस लाख और केंद्र सरकार की तरफ से 15 लाख की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई. हालांकि शहीद की पत्नी से किए गए कई वादे अधूरे रह गए.

शहीद गणेश यादव का परिचय

  • नाम: शहीद लांस नायक गणेश प्रसाद यादव
  • जन्म: 30 जनवरी 1970
  • जन्म स्थान: पांडे चक बिहटा
  • वर्तमान पता:- बिग्रहपुर, पटना
  • माता: बचिया देवी
  • पिता: रामदेव प्रसाद यादव
  • विवाह : 1994
  • पत्नी : पुष्पा देवी
  • पुत्री: प्रेम ज्योति
  • पुत्र: अभिषेक कुमार
  • सेना में भर्ती: 28 दिसंबर 1987
  • वीरगति: 29 मई 1999
  • सम्मान: मरणोपरांत वीर चक्र

पटना: दिनांक 26 जुलाई, करगिल विजय दिवस का अवसर. पाकिस्तान पर विजय प्राप्ति का महत्वपूर्ण दिवस. मतलब नापाक पाकिस्तान को धूल चटाते हुए शहीद हुए जवानों को याद करने का दिन. इस युद्ध में बिहार के जवानों ने भी बढ़-चढ़ कर अपना योगदान दिया था. पटना निवासी नायक गणेश प्रसाद यादव ने भी शहादत दी थी. पत्नी से वापस आने का वादा किया था. लेकिन मां भारती की रक्षा करते शहीद हो गए थे.

करगिल युद्ध में शहीद हुए गणेश के बारे में जानकारी देंती पत्नी

लगभग 60 दिनों तक चले करगिल युद्ध का अंत 26 जुलाई को हुआ था. इस बार भी भारत के हाथों पाकिस्तान की करारी शिकस्त मिली थी. इस दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान में करगिल विजय दिवस मनाया जाता है. करगिल युद्ध में बिहार के कई सपूतों ने भारत माता की चरणों में अपनी प्राणों की आहुति दी. नापाक पाक के मंसूबों पर पानी फेर दिया. हंसते-हंसते अपना बलिदान दिया. इस लिस्ट में पटना स्थित पांडेय चक गांव का एक वीर सपूत भी शामिल हैं. जिनकी शहादत पर हर किसी को फक्र है. नाम, नायक गणेश प्रसाद यादव. बिहार रेजीमेंट का जवान. जिन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से नवाजा गया.

शहीद की कहानी, पत्नी की जुबानी

नायक गणेश प्रसाद ने दुश्मनों से लड़ते हुए कारगिल के द्रास सेक्टर में अपनी शहादत दी. उनके पराक्रम के चर्चे गांव के बच्चे-बच्चे के जुबान पर है. करगिल दिवस के अवसर अनकी पत्नी पुष्पा देवी ने ईटीवी भारत से बीते हुए उन लम्हों के बारे में विस्तृत से बातचीत की.

martyr-ganesh wife talk with etv bharat in patna
ईटीवी संवाददाता से बाततचीत करती शहीद गणेश की पत्नी

पति ने सालगिरह पर आने का वचन दिया था
पति के बारे में बातचीत करते हुए शहीद की पत्नी कहती हैं, 28 जून 1999 की शाम. घर में दिया जलाने के वक्त. बिहटा के पांडेचक स्थित आवास खाना बनाने की तैयारी कर रही थी. पति एक महीने पहले ही छुट्टी बिताकर करगिल गए थे. जाने वक्त एक वचन दिया था. 29 मई को शादी की सालगिरह में जरूर आयेंगे. लेकिन शाम 7:30 बजे शाम के रेडियो बुलेटिन में कारगिल में युद्ध की खबर आयी.

14000 फीट की ऊंचाई पर लड़ते हुए शहीद
जब पति की शहादत की खबर आयी उस वक्त मेरे गोद में ढाई साल की बेटी कुमारी प्रेम ज्योति और डेढ़ साल का बेटा अभिषेक कुमार था. मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी. कुछ घंटों के लिए बेहोश हो गई. 29 जून की सुबह करगिल का बटालिक सब सेक्टर. जहां 14000 फीट की ऊंचाई पर शत्रु कब्जा जमाए बैठा था. मेरे पति दो जवानों के साथ दुश्मनों पर हमला बोल दिए. दुश्मन के समझने से पहले ही दो को मार गिराया. हालांकि दुश्मनों के भारी गोलीबारी में वह वीरगति को प्राप्त हुए.

मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित
सरकार ने उनके पराक्रम के लिए मरणोपरांत उन्हें वीर चक्र से नवाजा. शहीद की पत्नी ने करगिल दिवस पर कहा कि देश पर मर मिटने के लिए हर बेटा तैयार है. हर किसी को अपनी देशों के हित के लिए सोचनी चाहिए.

kargil chowk in patna
शहीदों के याद में बनाया गया करगिल चौक

पत्नी को मिली सरकारी सहायता
सरकार के तरफ से शहीद की पत्नी को सरकारी सहायता मिली. पति के नाम पर एक गैस एजेंसी आवंटित की गई. जिसका उद्घाटन तत्कालीन विभाग के मंत्री राम नाईक और स्वास्थ्य मंत्री सीपी ठाकुर ने 13 जनवरी 2002 को किया था. राज्य सरकार की तरफ से दस लाख और केंद्र सरकार की तरफ से 15 लाख की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई. हालांकि शहीद की पत्नी से किए गए कई वादे अधूरे रह गए.

शहीद गणेश यादव का परिचय

  • नाम: शहीद लांस नायक गणेश प्रसाद यादव
  • जन्म: 30 जनवरी 1970
  • जन्म स्थान: पांडे चक बिहटा
  • वर्तमान पता:- बिग्रहपुर, पटना
  • माता: बचिया देवी
  • पिता: रामदेव प्रसाद यादव
  • विवाह : 1994
  • पत्नी : पुष्पा देवी
  • पुत्री: प्रेम ज्योति
  • पुत्र: अभिषेक कुमार
  • सेना में भर्ती: 28 दिसंबर 1987
  • वीरगति: 29 मई 1999
  • सम्मान: मरणोपरांत वीर चक्र
Intro:कुछ याद उन्हे भी कर लो जो लौट के घर ना आये......


कारगिल दिवस :---
कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिवस है, इसे हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है, कारगिल युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई को उसका अंत हुआ, इसमें भारत की विजय हुई, इस दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है, ऐसे में पटना के एक लाल जो कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे, आज हम उन्हीं की बात कर रहे हैं, नायक गणेश प्रसाद यादव जीकी.......

पटना से शशि तुलस्यानकी खास रिपोर्ट


Body:पटना स्थित पांडेय चक गांव निवासी बिहार रेजीमेंट के जवान नायक गणेश प्रसाद यादव की शहादत पर पूरे इलाके को गर्व है, उन्होंने दुश्मनों से लड़ते हुए कारगिल के द्रास सेक्टर में शहादत दी थी, उनके पराक्रम को देश ने मरणोपरांत वीर चक्र से नवाजा आइए सुनते हैं शहीद गणेश की शहादत की कहानी उनकी पत्नी पुष्पा देवी की जुबानी...........



28 जून 1999 को शाम होने को था और दिया जलाने का वक्त हो चला था, बिहटा के पांडेचक स्थित अपने पति के आवास खाना बनाने की तैयारी में थी 7:30 बजे शाम के रेडियो बुलेटिन में कारगिल में युद्ध की बात सुनी थी, कि 1 माह पहले पति छुट्टी बिताकर कारगिल के द्रास सेक्टर में अपनी पोस्ट पर गए थे और कह गए थे कि 29 मई को शादी की सालगिरह में जरूर आएंगे.

कारगिल के द्रास सेक्टर में मेरे पति और बिहार रीजमेंट के जांबाज नायक गणेश प्रसाद यादव की शहादत की खबर रेडियो और टेलीविजन पर आने लगी उस वक्त मेरे गोद में ढाई साल की बेटी कुमारी प्रेम ज्योति और डेढ़ साल का बेटा अभिषेक कुमार था जैसे ही खबर आई तो मुझे कुछ समझ में नहीं आया और कुछ घंटों के लिए मैं बेहोश हो गई।

कारगिल के बटालिक सब सेक्टर में 14000 फीट की ऊंचाई पर शत्रु कब्जा जमाए बैठा था 29 जून की सुबह मेरे पति ने अपने साथ ही जवानों के साथ दुश्मनों पर हमला बोल दिया दुश्मन समझ पाते इससे पहले उन्होंने दो को मार गिराया उसके बाद दुश्मनों ने भारी गोलीबारी की जिसमें वह वीरगति प्राप्त हुए
सरकार ने उनके पराक्रम के लिए मरणोपरांत उन्हें वीर चक्र से नवाजा गया

बहरहाल शहीद नायक गणेश प्रसाद यादव की पत्नी पुष्पा देवी ने आज कारगिल दिवस पर पुरे देशवासियों को कहा कि देश के लिए मर मिटने के लिए हर बेटा तैयार है हर किसी को अपनी देशों के हित के लिए सोचनी चाहिए

वर्तमान हालात में शहीद की पत्नी पुष्पा देवी को सरकार ने एक गैस एजेंसी उनके पति के नाम पर आवंटित की गई है, तत्कालीन प्रधानमंत्री राम नाईक और स्वास्थ्य मंत्री सीपी ठाकुर ने रसोई गैस एजेंसी का उद्घाटन 13 जनवरी 2002 को किया था, इसी के बूते पूरा परिवार चल रहा है, पुष्पा राय ने बताया कि मेरे पति की शहादत के बाद चौतरफा सहानुभूति जगी राज सरकार ने तब दस लाख और केंद्र सरकार ने 15 लाख दिए लेकिन कई वादे अधूरे रह गए.....


Conclusion:शहीद गणेश यादव की एक परिचय:---



नाम:- शहीद लांस नायक गणेश प्रसाद यादव
जन्म:-- 30 जनवरी 1970
जन्म स्थान:-- पांडे चक बिहटा
वर्तमान पता:- बिग्रहपुर, पटना
माता:- बचिया देवी
पिता:-- रामदेव प्रसाद यादव
विवाह :---1994
पत्नी :-- पुष्पा देवी
पुत्री --प्रेम ज्योति
पुत्र :-अभिषेक कुमार
सेना में भर्ती :--28 दिसंबर 1987

वीरगति :--29 मई 1999


सम्मान:-- मरणोपरांत वीर चक्र






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