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मसौढ़ी की दो दर्जन महिलाएं विधवा पेंशन योजना से महरूम, प्रखंड कार्यालय से नहीं मिली मदद

बिहार में लक्ष्मीबाई विधवा पेंशन योजना (Laxmibai Widow Pension Scheme) के तहत लाभार्थियों को महीने में 400 रुपए मिलते हैं. इस राशि से उन्हें घर चलाने में थोड़ा मदद मिल जाती है लेकिन पटना जिले के मसौढ़ी में विधवा पेंशन (Widow Pension in Masaudhi) योजना के कार्यान्वयन में लापरवाही के कारण घोरहुआ गांव की दो दर्जन महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

मसौढ़ी में विधवा पेंशन
मसौढ़ी में विधवा पेंशन
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Published : Mar 29, 2022, 10:00 PM IST

पटना: विधवाओं को जीवन-यापन के लिए सरकार की ओर से खास व्‍यवस्‍था की गई. इसके लिए राज्य में विधवा पेंशन योजना (Widow Pension Scheme) चलाई जा रही है. जिसके तहत ऐसी महिलाओं को हर महीने आर्थिक मदद के तौर पर निश्चित राशि दी जाती है, ताकि उन्‍हें कठिनाइयों का सामना न करना पड़े. सरकार की योजना के बगैर भी मसौढ़ी में विधवा पेंशन (Widow Pension in Masaudhi) से बड़ी संख्या में महिलाएं महरूम हैं. घोरहुआ गांव की विधवा महिलाओं की शिकायत है कि पिछले एक साल से योजना का लाभ लेने के लिए वो लोग ब्लॉक के चक्कर काटने को विवश हैं.

ये भी पढ़ें: दिव्यांग, वृद्धा और विधवा पेंशन में हो वृद्धि, विधानसभा में मांझी ने उठाई मांग

विधवा पेंशन योजना से वंचित: मसौढ़ी प्रखंड के घोरहुआ गांव में करीब 2 दर्जन से अधिक विधवा महिलाएं रहती हैं, जिन्हें अभी तक विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है. इनमें से ज्यादातर महादलित परिवार से आती हैं. इनका कहना है कि प्रखंड कार्यालयों के चक्कर काट-काट कर परेशान हो गए हैं. इन लोगों ने ब्लॉक में कई बार आवेदन जमा कराया है लेकिन पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है. इनका आरोप है कि पेंशन का लाभ देने के एवज में उनसे ब्लॉक की ओर से पैसे भी मांगे जाते हैं.



मसौढ़ी में विधवा पेंशन का हाल: महादलित टोले में गोरीकी देवी, लालमणि देवी, शकुंतला देवी, चांदो देवी, रामरति देवी समेत ऐसे कई विधवाएं हैं, जो विधवा पेंशन पाने को लेकर परेशान हैं. इन महिलाओं का कहना है कि पति की मौत के बाद गुजारा बेहद मुश्किल हो गया है. वो कहती हैं कि सोचा था कि विधवा पेंशन के जरिए पैसे आएंगे तो आर्थिक तंगी दूर हो जाएगी लेकिन अबतक उन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिल पाया है. ये लोग कहती हैं कि कई बार प्रखंड का चक्कर लगा चुकी हैं लेकिन कोई पहल नहीं हुई.

सामाजिक सुरक्षा योजना: आपको बता दें कि सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत बिहार में छह तरह की पेंशन बांटी जाती है. इसमें तीन केंद्र सरकार की और तीन राज्य सरकार की हैं. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन केंद्र सरकार से संचालित हैं. मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना, बिहार नि:शक्त पेंशन योजना, लक्ष्मीबाई विधवा पेंशन योजना का संचालन राज्य सरकार करती हैं. इन सभी योजनाओं में लाभार्थियों को महीने में 400 रुपये मिलते हैं. इन योजनाओं में लाभार्थी की आयु 80 साल या इससे ज्यादा है, तो उन्हें हर महीने 500 रुपये दिए जाते हैं. वहीं, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पटना जिले के 5,31,000 बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को हर महीने 400 से 500 रुपये पेंशन के रूप में दिये जाते हैं.

ये भी पढ़ें: पटना में वृद्धा, दिव्यांग और विधवा पेंशन में अनियमितता को लेकर धरना प्रदर्शन

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पटना: विधवाओं को जीवन-यापन के लिए सरकार की ओर से खास व्‍यवस्‍था की गई. इसके लिए राज्य में विधवा पेंशन योजना (Widow Pension Scheme) चलाई जा रही है. जिसके तहत ऐसी महिलाओं को हर महीने आर्थिक मदद के तौर पर निश्चित राशि दी जाती है, ताकि उन्‍हें कठिनाइयों का सामना न करना पड़े. सरकार की योजना के बगैर भी मसौढ़ी में विधवा पेंशन (Widow Pension in Masaudhi) से बड़ी संख्या में महिलाएं महरूम हैं. घोरहुआ गांव की विधवा महिलाओं की शिकायत है कि पिछले एक साल से योजना का लाभ लेने के लिए वो लोग ब्लॉक के चक्कर काटने को विवश हैं.

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विधवा पेंशन योजना से वंचित: मसौढ़ी प्रखंड के घोरहुआ गांव में करीब 2 दर्जन से अधिक विधवा महिलाएं रहती हैं, जिन्हें अभी तक विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है. इनमें से ज्यादातर महादलित परिवार से आती हैं. इनका कहना है कि प्रखंड कार्यालयों के चक्कर काट-काट कर परेशान हो गए हैं. इन लोगों ने ब्लॉक में कई बार आवेदन जमा कराया है लेकिन पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है. इनका आरोप है कि पेंशन का लाभ देने के एवज में उनसे ब्लॉक की ओर से पैसे भी मांगे जाते हैं.



मसौढ़ी में विधवा पेंशन का हाल: महादलित टोले में गोरीकी देवी, लालमणि देवी, शकुंतला देवी, चांदो देवी, रामरति देवी समेत ऐसे कई विधवाएं हैं, जो विधवा पेंशन पाने को लेकर परेशान हैं. इन महिलाओं का कहना है कि पति की मौत के बाद गुजारा बेहद मुश्किल हो गया है. वो कहती हैं कि सोचा था कि विधवा पेंशन के जरिए पैसे आएंगे तो आर्थिक तंगी दूर हो जाएगी लेकिन अबतक उन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिल पाया है. ये लोग कहती हैं कि कई बार प्रखंड का चक्कर लगा चुकी हैं लेकिन कोई पहल नहीं हुई.

सामाजिक सुरक्षा योजना: आपको बता दें कि सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत बिहार में छह तरह की पेंशन बांटी जाती है. इसमें तीन केंद्र सरकार की और तीन राज्य सरकार की हैं. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन केंद्र सरकार से संचालित हैं. मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना, बिहार नि:शक्त पेंशन योजना, लक्ष्मीबाई विधवा पेंशन योजना का संचालन राज्य सरकार करती हैं. इन सभी योजनाओं में लाभार्थियों को महीने में 400 रुपये मिलते हैं. इन योजनाओं में लाभार्थी की आयु 80 साल या इससे ज्यादा है, तो उन्हें हर महीने 500 रुपये दिए जाते हैं. वहीं, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पटना जिले के 5,31,000 बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को हर महीने 400 से 500 रुपये पेंशन के रूप में दिये जाते हैं.

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