पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व एक बार फिर से प्रदेश में जोड़-तोड़ की सियासत शुरू हो चुकी है. जानकारी के अनुसार राजद के कई विधायक जदयू के संपर्क में हैं. वहीं, कांग्रेस के भी कई विधायक एनडीए के दरवाजे पर हरी झंडी मिलने के इंतजार में खड़े हैं. हालांकि, महागठबंधन घटक दल के नेता पार्टी और गठबंधन में किसी भी टूट होने की बात से इंकार कर रहे हैं.
बता दें कि पहले ही राजद के 5 एमएलसी जदयू में शामिल हो चुके हैं और अब एक बार फिर से बड़ी संख्या में विधायकों समेत पार्टी के बड़े नेता महागठबंधन को अलविदा कह सकते हैं.
'लालू यादव में हमारी पूरी आस्था'
इस मामले पर जब ईटीवी भारत संवाददता ने आरजेडी के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता से बात की तो उन्होंने इन सभी बातों को बेबुनियाद करार दिया है. राजद नेता ने फोन पर बातचीत के माध्यम से कहा कि यह सब केवल चुनावी प्रोपगैंडा है. महागठबंधन और राजद के सभी नेता नेता एकजुट हैं. सभी नेताओं को लालू यादव में पूरी आस्था है.
राजद के कई बड़े नेता पार्टी को कह चुकें है अलविदा
विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से प्रदेश में दलबदल का सिलसिला शुरू हो चुका है. इससे पहले जहां राजद के 5 एमएलसी जदयू में शामिल हो गए थे. वहीं पार्टी के कद्दावर नेता विजेंद्र यादव भी पार्टी से नाता तोड़ चुके हैं. ऐसे में सियासी गलियारे में एक बार फिर से चर्चाओं का बाजार गर्म हैं कि राजद के कई बड़े नेता पार्टी को लविदा कह सकते हैं.
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बता दें कि 1 साल पहले ही राजद विधायक महेश्वर यादव, फराज फातमी और चंद्रिका राय पार्टी लाइन से अलग होकर यह साफ कर चुके हैं कि वे अब राष्ट्रीय जनता दल का हिस्सा नहीं हैं. लेकिन हाल के दिनों में कई बड़े नाम हैं जिनको लेकर चर्चा है. इनमें से दरभंगा समस्तीपुर और आरा से पार्टी के बड़े नेताओं में शुमार हैं. जिन नामों की पार्टी से अलग होने की चर्चा है वे जदयू के संपर्क में बने हुए हैं.
केवल औपचारिक ऐलान बाकी
मिल रही जानकारी के अनुसार चंद्रिका राय, फराज फातमी, महेश्वर यादव के अलावे पार्टी के कई वर्तमान विधायक जदयू के संपर्क में हैं. सूत्रों के मुताबिक इन सभी नेताओं का जदयू से बात हो चुकी है. अब केवल औपचारिक ऐलान बाकी है. बता दें कि राजद के 5 एमएलसी के पार्टी में शामिल होने के दौरान भी जदयू ने इशारा करते हुए कहा था कि अब राजद के विधायकों की बारी है.
जानकारी के मुताबिक राजद के कई विधायकों को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अंदर काम करने को तैयार नहीं हैं. इसके अलावे वे पार्टी में अपनी उपेक्षा से भी परेशान हैं. यही वजह है कि राजद नेता जदयू का दामन थामने को बेकरार हैं. हालांकि, इस बारे में राजद के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता ने इस तरह की सभी खबरें को बेबुनियाद बताया है. राजद नेता का कहना है कि यह एनडीए की एकमात्र चुनावी साजिश है.