पटना: आप ने फिल्मों में नेताओं को पुलिस वालों से यह करते खूब सुना होगा कि तुम्हारी वर्दी उतरवा लूंगा. लेकिन चुनाव से ऐन पहले पुलिस वालों का खाकी से मोह भंग होता दिख रहा है. वे वर्दी उतार कर खद्दरधारी होने को बेताब दिख रहे हैं. दरअसल प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके मद्देनजर वर्दी वालों में भी विधायक बनने का क्रेज बढ़ गया है. इससे पहले भी कई पुलिस अधिकारी नौकरी छोड़ कर या वीआरएस लेकर एमएलए या एमपी बन चुके हैं.
जेडीयू के राजगीर से विधायक रवि ज्योति, जोकि राजगीर के ही थाना प्रभारी थे, उन्होंने वीआरएस लेकर जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ा और आज विधायक हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश भी थानेदारी छोड़कर ओबरा विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधायक बने हैं. वहीं, बिहार के पूर्व डीजी सुनील कुमार ने रिटायरमेंट के तुरंत बाद जेडीयू का दामन थाम लिया. अब उम्मीद जताई जा रही है कि गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू के टिकट पर अपना किस्मत आजमा सकते हैं. वर्तमान डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे भी पिछले दिनों वीआरएस लेकर चुनाव लड़ चुके हैं. जीत नहीं मिलने पर उन्होंने वापस पुलिस सेवा ज्वाइन कर लिया. उम्मीद जताई जा रही है कि रिटायरमेंट के बाद डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे पॉलिटिक्स में अपना किस्मत फिर से आजमा सकते हैं.
चुनाव लड़ने की तैयारी में पुलिस वाले
आखिर क्यों कुछ पुलिस वाले खाकी छोड़कर खादी धारण करना चाहते हैं. क्या उन्हें लगता है कि खाकी से ज्यादा रुतबा खादी में होता है. जबकि लालू के समय में अधिकारियों की तुलना में नेताओं की तूती बोलती थी. लेकिन पिछले 15 सालों में नीतीश राज्य में देखा गया है कि अधिकारियों का बोलबाला है. फिर भी कुछ ऐसे पुलिसकर्मी हैं, जो पुलिस की वर्दी छोड़कर पॉलिटिक्स में भाग आजमा रहे हैं. मिल रही जानकारी के अनुसार कई वर्दी वाले विधायक बनने को लेकर नौकरी छोड़ने को तैयार हैं. मुजफ्फरपुर जिले के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में से कई ऐसे अवकास प्राप्त पुलिस वाले हैं. जो चुनाव में उतरने की तैयारी में हैं.
कुछ पुलिस वाले सेवा दे रहे हैं, वीआरएस लेकर चुनाव लड़ने के मूड में हैं. एक रिटायर्ड डीआईजी और एक रिटायर्ड डीएसपी के अलावा दो इंस्पेक्टर है, जो वीआरएस लेने वाले हैं. जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर के चंदवारा निवासियों झारखंड कैडर के डीआईजी रहे नागेंद्र चौधरी वीआरएस लेकर सकरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं. इनके पिता भी रिटायर होने के बाद जेडीयी के टिकट दो बार विधानसभा चुनाव लड़े थे. नागेंद्र चौधरी वीआरएस लेकर 2018 से ही सकरा क्षेत्र में जनता के बीच अपना पूरा समय व्यतीत कर रहे हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे.
कई पुलिसकर्मी आजमा सकते हैं भाग्य
पुलिस मुख्यालय से मिल रही जानकारी के अनुसार कई ऐसे पुलिसकर्मी हैं. जो वीआरएस के लिए अप्लाई किए हुए हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि ऐसे पुलिसकर्मी चुनाव में अपना भाग आजमा सकते हैं. मुजफ्फरपुर स्पेशल ब्रांच में पदस्थापित इंस्पेक्टर विनय कुमार सिंह मीनापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी में नजर आ रहे हैं. कोरोना काल में उन्हें गरीबों के बीच राहत और मास्क का वितरण करते क्षेत्र में देखा गया था. नक्सलियों के पकड़ने में इनकी अहम भूमिका रही है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय के तरफ से सम्मानित भी पहले किया जा चुका हैं. इनके बारे में चर्चा है कि किसी पार्टी से इन्हें टिकट मिलता है तो ठीक नहीं तो निर्दलीय चुनाव लड़ना तय है. कुछ दिन पहले तक औराई थाना अध्यक्ष रविंद्र यादव भी अपने क्षेत्र में जोरदार तरीके से मेहनत कर रहे हैं. रविंद्र यादव मोतिहारी जिला के रहने वाले हैं. तो क्या अब यह माना जाए कि खाकी धारियों को भी अब खादी पसंद आने लगी है या पुलिस वालो के जहन में बैठ गया है कि वर्दी से ज्यादा रुतबा खादी पहनने वालों की होती है.