पटना: राजधानी सहित पूरे बिहार में 'आज हम अगर उठे नहीं तो' मुहिम के तहत सैकड़ों संगठन ने संयुक्त रूप से सोशल डिस्टेंसिंग अपनाते हुए प्रदर्शन किया. बिहार महिला समाज के अध्यक्ष निवेदिता झा ने बताया कि राज्य और देश कई गलत नीतियां हैं, जिनका हम विरोध नहीं करते तो वह हम पर हावी हो जाती हैं. इसलिए आज सभी संगठनों ने मिलकर एक साथ आवाज उठाई है.
बिहार महिला समाज के अध्यक्ष निवेदिता झा ने कहा कि पटना के रेडियो स्टेशन से डाक बंगला चौराहा तक हमें प्रदर्शन करना था. लेकिन जिला प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं मिलने के बाद सभी लोग अपने अपने दफ्तर घर और कार्यालय से ही प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारे प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य है कि गलत नीतियों का हमें विरोध करना चाहिए. ताकि हमें दमन का सामना ना करना पड़े.
उन्होंने कहा कि सरकार समस्याओं के समाधान की वजह राजनीति मंदिर वाह महामारी को एक्ट ऑफ गॉड बताकर अपनी नाकामियों को छुपाना चाहती है. बाढ़ से लोग परेशान हैं. उनकी मदद के बजाय सरकार चुनाव में व्यस्त है. लेकिन हमेशा हरगिज नहीं होने देंगे और अपने आंदोलन को इसी प्रकार यूं ही जारी रखेंगे. जब तक सरकार अपनी दमनकारी नीतियों को बंद नहीं करती.
प्रदर्शकारियों की प्रमुख मांग:-
- कोरोना काल में चुनाव के समय महिलाओं के मताधिकार व स्वास्थ्य सुविधाओं की गारंटी दे सरकार.
- देशभर में तमाम राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए और उन पर चल रहे झूठे मुकदमे को वापस लिया जाए.
- बिहार के सभी पंचायतों में सुविधा युक्त स्वास्थ्य केंद्र बनाया जाए.
- घरेलू कामगार महिलाएं जिनका काम छूट गया है. उन सभी को मुआवजा दिया जाए.
- कोरोना अवधि में सभी परीक्षाओं को स्थगित किया जाए.
- छात्रों को प्रमोट कर परीक्षाफल प्रकाशित किया जाए.
- सरकारी और माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा लोन वसूली पर 31 मार्च 2021 तक रोक लगाया जाए.