पटना: बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (Bihar Congress President) मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha) और कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा मंगलवार को दिल्ली रवाना हुए हैं. पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक (Congress MLA) और विधान पार्षद, राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलेंगे.
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प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी में टूट से किया इंकार
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बिहार कांग्रेस (Bihar Congress) में टूट से साफ-साफ इंकार किया और कहा कि जदयू के लोग जिस तरह के बयान बाजी कर रहे हैं वह गलत है. पहले से ही परंपरा रही है कि जीते हुए विधायक राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलते थे. लेकिन कोविड-19 में नहीं मिल पाए थे. इस बार हम लोग जा रहे हैं, और कोई बात नहीं है.
'लालू यादव ने जिस तरह से युवाओं के रोजगार को लेकर जो बातें कही है, निश्चित तौर पर अगर विपक्ष इसको लेकर आंदोलन करता है तो हम लोग विपक्ष के साथ हैं. यानी कुल मिलाकर जो वर्तमान सरकार है वह जो-जो वायदे की है. उसे अगर पूरा नहीं करती है तो विपक्ष बिहार में जोरदार आंदोलन भी करेगा.' - मदन मोहन झा, कांग्रेस अध्यक्ष, बिहार
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भक्त चरण दास ने दिए थे बदलाव के संकेत
बता दें कि हाल ही में बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने प्रदेश कांग्रेस में बदलाव के संकेत दिए थे. उन्होंने कहा था कि संगठन को मजबूत करने के लिए जल्द ही बड़े स्तर पर फेरबदल किया जाएगा. बिहार कांग्रेस की कमेटियों का गठन नहीं हुआ है. ऐसे में जल्द ही इसका गठन किया जाएगा. प्रदेश के सीनियर नेताओं की कांग्रेस आलाकमान के साथ दिल्ली में जल्द बैठक होगी. इस बैठक में इस बात पर मंथन होगा कि कांग्रेस के संगठन को बिहार में धारदार कैसे बनाया जाए? कांग्रेस को शक्तिशाली कैसे बनाया जाए?
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विधायकों के पार्टी बदलने की चर्चा
आरजेडी (RJD) के प्रयासों के बीच जेडीयू ने भी बिहार कांग्रेस में सेंधमारी की कोशिशें शुरू कर दी है. कांग्रेस के 19 विधायकों में बड़ी टूट की रणनीति तैयारी की जा रही है. कांग्रेस के कई विधायकों की नीतीश कुमार से नजदीकी की चर्चा है. बक्सर के विधायक मुन्ना तिवारी की अशोक चौधरी से नजदीकियां जगजाहिर है. वहीं, मनिहारी के विधायक मनोहर प्रसाद सिंह की भी नीतीश कुमार से नजदीकी रही है. वहीं कांग्रेस ने पार्टी में टूट की खबरों के बीच कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने इसका खंडन किया है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में टूट की झूठी खबर फैलाई गई. कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और इसमें टूट होने की कोई संभावना नहीं है. बिहार की बदलती राजनीतिक परिदृश्य में संगठन की मजबूती जरूरी है. जो भी नेता अपनी भूमिका को बखूबी नहीं निभा पा रहे हैं, उनका बदलाव तय है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान लेगा.
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बिहार कांग्रेस में हुई थी बड़ी टूट
आपको बताते चलें कि साल 2018 में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी समेत कांग्रेस के चार विधान पार्षदों ने पार्टी को अलविदा कहकर जेडीयू का दामन थाम लिया था. इनमें अशोक चौधरी, दिलीप चौधरी, रामचंद्र भारती और तनवीर अख्तर शामिल थे. हालांकि तब कांग्रेस ने इन चारों को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.