पटना: नीतीश सरकार ने पांच आईपीएस (IPS Officers) काे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजा है. इसमें चर्चित आईपीएस अधिकारी और पटना के सीनियर एसएसपी रहे मनु महाराज (IPS Manu Maharaj) का नाम भी शामिल है. सारण रेंज के डीआईजी रहे मनु महाराज को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आईटीबीपी (ITBP) में डीआईजी बनाया गया है.
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सारण के डीआइजी बनने से पहले मनु महाराज मुंगेर के डीआइजी और पटना का एसएसपी भी रहे हैं. वे कई जिलों में बतौर एसपी भी अपनी सेवा दे चुके हैं. उनके केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की चर्चा काफी दिनों से हो रही थी. अब इस पर आधिकारिक तौर पर सरकार ने मुहर लगा दी है.
मनु महाराज का जन्म 20 अक्टूबर 1974 को शिमला, हिमाचल प्रदेश के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा शिमला में ही पूरी की. जिसके बाद इन्होंने आईआईटी रुड़की से बी.टेक में स्नातक किया. दिल्ली के जवाहर नेहरु विश्वविद्यालय से पर्यावरण में मास्टर डिग्री पूरी की. इसके साथ ही वे सिविल सर्विसेस की तैयारी भी कर रहे थे.
साल 2006 में मनु महाराज ने सिविल सर्विसेस की परीक्षा में बहुत ही अच्छी रैंक प्राप्त की. उन्हें इस परीक्षा में आईएएस रैंक मिली थी परन्तु मनु महाराज ने आईपीएस रैंक का चयन किया. वे शुरू से ही IPS ऑफिसर बनना चाहते थे.
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बिहार के युवाओं में मनु महाराज की छवि सुपर कॉप की है. वे अपनी मूंछों की खास स्टाइल के लिए जाने जाते हैं. पटना और दूसरे जिलों में तैनात रहते उन्होंने कई बड़े जटिल केस सुलझाए हैं. युवाओं में उनका क्रेज इस कदर है कि एक शख्स ने इस आईपीएस की फेक इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल बनाकर लड़कियों से दोस्ती गांठनी और उन्हें ठगना शुरू कर दिया. इनकी गिनती काबिल अफसरों में होती है.
मनु महाराज जब भी किसी ऑपरेशन को लीड करते हैं तो मौके पर AK-47 लेकर पहुंच जाते हैं. इन्होंने बिहार के नक्सलवादी क्षेत्रों में बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है. दरभंगा में एक अपराधी को पकड़ने के लिए मनु घोड़े पर सवार होकर पहुंचे थे. वह गया में पोस्टेड रहे, इस दौरान नक्सली इलाकों में भी कई बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया.
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एक बार डीआईजी मनु महाराज गोपालगंज पहुंचे. वहां उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की, फिर कुचायकोट थाने का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उनकी नजर ड्यूटी पर तैनात एएसआई उमेश यादव की मूंछों पर पड़ी. मनु महाराज ने एएसआई की मूंछे देखकर उसकी काफी तारीफ की. यही नहीं, वह इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपने पास से एएसआई को 500 रुपए देकर सम्मानित किया. इसकी काफी चर्चा हुई थी.
एक बार राजधानी पटना के कोतवाली थाना से रात में पुलिस की जीप चोरी हो गई. दिलचस्प बात यह है कि चोरी किसी चोर ने नहीं बल्कि खुद तत्कालीन पटना एसएसपी मनु महाराज ने की थी. उन्होंने पुलिस की सक्रियता और कार्रवाई की गंभीरता की जांच के लिए जीप गायब की थी.
इस बात का पता बाद में लगा कि रात को एसएसपी मनु महाराज अपने गनर के साथ चेहरा छिपाकर बाइक से शहर की सुरक्षा देखने निकले थे. वे बाइक से शहर में घूम रहे थे और शहर के बीचोंबीच सबसे वीवीआईपी थाना कोतवाली क्षेत्र में पहुंच गए. उन्होंने देखा कि ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी और ड्राइवर आराम से सो रहे थे. मनु महाराज ने थाने से पुलिस की जीप चोरी कर ली. पूरी रात उसी जीप से पटना में घूमते रहे, लेकिन पुलिस को भनक नहीं लगी. अगले दिन ही मनु महाराज ने ड्यूटी पर तैनात पुलिस वालों को लापरवाही के आरोप में सस्पेंड कर दिया.
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सारण डीआईजी रहे मनु महाराज ने बालू माफियाओं के खिलाफ विशेष अभियान चला रखा था. यहां डोरीगंज स्थित तिवारी घाट बालू के खनन एवं परिवहन में लगे भारी मात्रा में मशीनों तथा उपकरणों को जब्त कर कार्रवाई की थी. सारण डीआईजी रहते हुए मनु महाराज ने शराब माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ रखा था.
सारण और आसपास के जिलों में शराब की तस्करी करने वाले माफियाओं पर नजर रख रहे थे. उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसी क्रम में 27 जुलाई 2021 को मनु महाराज की टीम ने हरियाणा से शराब माफिया अनिल सिंह को गिरफ्तार किया. अनिल सिंह सारण, सिवान और गोपालगंज में शराब की सप्लाई करता था. उसे हरियाणा के झज्जर से गिरफ्तार किया गया.