पटना: पहले कृषि रोड मैप की सफलता के बाद बिहार में दूसरा और तीसरा कृषि रोड मैप तैयार किया गया. अब चौथे कृषि रोड मैप के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर डॉ. मंगला राय को अपना कृषि सलाहकार (Mangla Rai Became Agriculture Advisor to CM Nitish) बनाया है. मंगला राय वैसे तो उत्तर प्रदेश के मऊ के रहने वाले हैं लेकिन सीएम के साथ उनका पुराना संबंध है. जब नीतीश कुमार अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्री थे, उस समय से मंगला राय से संबंध रहा है.
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मंगला राय सीएम नीतीश कुमार के कृषि सलाहकार बने: मुख्यमंत्री ने चौथे कृषि रोड मैप के लिए भी मंगला राय पर ही विश्वास किया है और उन्हें चौथे कृषि रोड मैप में मार्गदर्शन के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है. बिहार सरकार की ओर से इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. बिहार में अभी तक 3 कृषि रोडमैप लागू हो चुका है कि पिछले साल ही तीसरे कृषि रोडमैप की अवधि समाप्त हो चुकी है. उसे एक साल का विस्तार दिया गया है.
2008 में बिहार में कृषि रोड मैप की शुरुआत: इस साल चौथे कृषि रोड में पर काम शुरू होगा. 1 अप्रैल 2023 से 5 वर्ष के लिए यानी मार्च 2028 तक कृषि रोडमैप लागू करने की तैयारी है. पहला कृषि रोड मैप 2008 में एक छोटे बजट के साथ लॉन्च किया गया था, जबकि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2012 में राज्य में 'इंद्रधनुष क्रांति' लाने के उद्देश्य से राज्य के लिए दूसरा कृषि रोडमैप लॉन्च किया था.
चौथे कृषि रोड मैप को लेकर समीक्षा बैठक: वहीं 2017 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीसरा कृषि रोड मैप लॉन्च किया था. पिछले दो कृषि रोड मैप की बात करें 3 लाख करोड़ का कृषि रोड मैप का बजट रहा है. कृषि रोड मैप के साथ कई विभागों को भी जोड़ा गया था. चौथे कृषि रोडमैप के लिए भी मुख्यमंत्री के स्तर पर कई राउंड की बैठक हो चुकी है. याद दिलाएं कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद कृषि मंत्री बने सुधाकर सिंह ने कृषि रोड में पर कई तरह के सवाल खड़े किए थे. हालांकि विवादों के कारण उनको पद से इस्तीफा देना पड़ा था.