पटना: 187 मनेर विधानसभा क्षेत्र यादवों का गढ़ माना जाता है. यादव बहुल इस क्षेत्र में इस साल कुल 22 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है. जिसमें 18 यादव जाति से हैं. कुल मिलाकर लड़ाई यादवों के बीच है. वर्तमान विधायक भाई वीरेंद्र ने मनेर विधान सभा से लगातार हैट्रिक लगाते हुए पंद्रह साल नेतृत्व किया है तो इसके पूर्व श्रीकांत निराला भी एक टर्म यहां से विधायक रह चुके हैं.
मतदाताओं की संख्या 3 लाख 23 हज़ार
मनेर विधान सभा में कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 23 हज़ार है. जिसमें 1 लाख 25 हजार अकेले यादव वोटर हैं. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या यहां 40 हजार है. वैश्य, स्वर्ण,दलित महादलित और ब्राह्मण मिलकर आधे मतदाताओं की संख्या को पूरा करते हैं.
अलग-अलग तरीके से हो रहा चुनाव प्रचार
मनेर की भौगालिक स्थिति भी अन्य जगहों से भिन्न है. प्रत्याशी यहां प्रचार भी अलग अंदाज में करते हैं. दियारा में जहां ढोल-नगाड़ा बजाकर प्रचार हो रहा है. कुछ प्रत्याशी सिर्फ पैम्पलेट से काम चलाकर लोगों से अपना मत देने की अपील कर रहे हैं.
दियारा में अकेले यादव करते हैं राज
उपरवार के मतदाताओं में ब्राह्मण, भूमिहार और वैश्य हैं. दियारा में अकेले यादव राज करते हैं. आरजेडी ने इस बार फिर से भाई वीरेंद्र को अपना प्रत्याशी बनाया है जो यादव बहुल इलाके से हैं. बीजेपी ने युवा नेता निखिल आनंद को जो शिक्षाविद और शांत स्वभाव के हैं उन्हें मैदान में उतारा है. वहीं एनडीए के बीजेपी उम्मीदवार निखिल आनंद के पास चौदह वर्षो का पत्रकारिता का भी अनुभव है.
श्रीकांत निराला निर्दलीय लड़ रहे चुनाव
दूसरी ओर बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर नाराज पूर्व विधायक श्रीकांत निराला ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया है. ये भी यादव जाति से हीं हैं और इनका परिवार का राजनीति से पुराना रिश्ता है. इनकी माता जी यहां से विधायक हुआ करती थीं. वहीं जन अधिकार पार्टी ने भी यादवों की इस लड़ाई में अपना उम्मीदवार यादव हीं चुना है. उसने यहां से चौधरी ब्रम्हा प्रकाश जो सामाजिक कार्यकर्ता हैं उनको टिकट देकर मुकाबले को रोचक बना दिया है. यानी कुल मिलाकर निर्णायक वोट यहां यादवों का हीं होता है और जीत का ताज भी यादव के ही सिर सजता है.
मनेर विधानसभा से 3 लोगों मे काटे की टक्कर है. पहला- राजद से भाई वीरेन्द्र ,तो दूसरा निर्दलीय श्रीकांत निराला एवं एनडीए के बीजेपी प्रत्याशी डॉ निखिल आनंद हैं.